छत्तीसगढ़रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के गतिविधियों की समीक्षा कर रहे हैं..

रायपुर / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय में महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क(रीपा) के गतिविधियों की समीक्षा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि पहले युवाओं को प्रशिक्षण दें फिर रीपा से जोड़ें ताकि उद्यमशीलता बढ़े। उन्होंने कहा कि कुछ बातों को ध्यान में रखनी जरूरी है। जो उद्यम आ रहे हैं, उनकी फिजिबिलिटी भी देखें ताकि पूरी तरह से सफलता उद्यमियों को मिल सकें।

रीपा में अनेकों तरह की गतिविधि हो रही है। बेकरी एवं खाद्य उत्पाद, मिलेट,परिधान, निर्माण आदि क्षेत्रों में अच्छा काम हो रहा है और उद्यमी आगे आ रहे है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी उत्पादों ऑनलाइन आपूर्ति की व्यवस्था हो, सीमार्ट में इनकी उपलब्धता हो। अधिकारियों ने बताया कि अन्य शॉपिंग मॉल में भी इनकी उपलब्धता पर बात की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादनकर्ता को बाज़ार से जोड़ना बेहद जरूरी है। इससे उद्यमशीलता को बढ़ावा मिलता है।
गोबर पेंट के निर्माण और बिक्री के संबंध में चर्चा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि शासकीय भवनों में रंगरोगन के लिए गोबर पेंट का उपयोग हो रहा है। निजी क्षेत्रों में भी इसकी बिक्री बढ़ाएं। बड़े निर्माण कार्यों जैसे हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट में इसे उपयोग किया जा सकता है।

रीपा की समीक्षा

90 प्रतिशत रीपा में वाईफाई सुविधा उपलब्ध है।
अधिकारियों ने बताया कि वाईफाई ज़ोन का बड़ा लाभ हुआ है।
वाई-फाई की सुविधा होने से 12 रीपा केंद्रों में रेस्टोरेंट अच्छे से संचालित है। रीपा में डिजिटल कनेक्टिविटी अच्छी होने के कारण युवा भी लाभ उठा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पूर्व में जो निर्देश रीपा के संबंध में दिए, उसकी समीक्षा भी हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटली जुड़ने से इसका बड़ा लाभ सबको मिलेगा।
संभाग स्तरीय मिलेट कार्निवाल के लिए योजना तैयार हो रही है। गोबर पेंट के उपभोक्ताओं से भी फीडबैक लिए जा रहे हैं।
रीपा के लिए तकनीकी सहायता हेतु सीएफटीआरआई में एक दल भ्रमण के लिए जाएगा। चूंकि ग्रामीण विकास मंत्रालय का संस्था से अनुबंध है, अतएव तकनीकी सहायता वहां से भी मिल सकेगी।
तमनार के प्रभात पटनायक का उदाहरण मुख्यमंत्री के समक्ष रखा गया। 18 लाख रुपये से प्रभात ने फेब्रिकेशन का काम रीपा में आरम्भ किया। इससे 4 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं।
आरंग का उदाहरण भी बताया गया कि कैसे हरेली को देखते हुए यहां पूजा किट तैयार की गई।

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