छत्तीसगढ़दुर्ग

कलेक्टर ने की अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क और सुपोषण अभियान की समीक्षा

दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में अधिकारियों की समय-सीमा बैठक में जिले के नगरीय निकायों में बनाए जाने वाले अर्बन इंडस्ट्रियल पार्क और जिले में सुपोषण अभियान के संबंध में संबंधित विभागों के अधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने नगरीय निकायवार यूआईपीए के लिए स्थान चयन, अधोसंरचना विकास एवं संचालित गतिविधियों की जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि यूपा अंतर्गत तैयार डीपीआर अनुसार नगर पालिक निगम भिलाई में यूआईपीए के लिए वार्ड 6 प्रियदर्शिनी पूर्व सुपेला का चयन किया गया है।

चयनित स्थल का क्षेत्र 2.3 एकड़ है। नगर निगम दुर्ग अंतर्गत वार्ड क्रं. 55 पुलगॉव गोठान के पास 4.38 एकड़ स्थल चिन्हांकित किया गया है। नगर निगम भिलाई-चरौदा अंतर्गत गनियारी एवं जरवाय गोठान के समीप 5 एकड़ स्थल चयनित किया गया है। उक्त स्थल पर अधोसंरचना विकास हेतु निविदा आमंत्रण की कार्यवाही प्रगति पर है। अन्य निकायों में भी स्थल चयन प्रगति पर है। नगरीय क्षेत्रों की यूपीआई अंतर्गत टाइल्स एवं पेवर ब्लॉक, गोबर पेंट, पूजा सामाग्री निर्माण एवं पैकेजिंग श्रम स्मॉल गारमेन्ट, नर्सरी प्लान्ट, मछली एवं पोल्ट्री फार्मिंग, प्रकाशन एवं प्रिंटिंग, पैरा कूट्टी, पशु आहार निर्माण, प्लास्टिक वेस्ट रिसाईकिलिंग प्रोडक्ट, आर.ओ. वाटर प्रोडक्शन यूनिट, एल.ई.डी. एसेम्बलिंग यूनिट, फेंसिंग पोल इत्यादि गतिविधियां संचालित की जाएगी। साथ ही इन गतिविधियों के माध्यम से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा कि यूपीआई के विभिन्न गतिविधियों के अनुमानित लागत के अनुरूप कार्य शीघ्र प्रारंभ कराई जाए।

कलेक्टर ने जिले में अति गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए सुपोषण अभियान की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने अवगत कराया कि जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज शून्य से 6 वर्ष के लगभग 1 लाख बच्चों का वजन एवं ऊंचाई का मापन करते हुए उसकी एन्ट्री पोषण ट्रेकर एप्प में की गई है। एन्ट्री उपरांत 1036 बच्चे अति गंभीर कुपोषित की श्रेणी में पाए गए हैं। इन्हें सुपोषित करने विशेष अभियान प्रारंभ किया जा रहा है। इसके तहत् यूनिसेफ के सहयोग से जिले के समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, ए.एन.एम. पर्यवेक्षकों, मेडिकल ऑफिसर, खण्ड चिकित्सा अधिकारियों, परियोजना अधिकारियों को गहन चिकित्सा प्रदान किया जा चुका है।

स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से इन बच्चों को आवश्यक दवाईयां मेडिसिन कीट्स के माध्यम से उपलब्ध करा दी गई हैं। सभी अति गंभीर कुपोषित बच्चों को 16 सप्ताह के लिए उनके घरों में ही विशेष देख-रेख पोषण के माध्यम से सुपोषित किया जाएगा। इन बच्चों के घरों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं , ए.एन.एम. एवं पर्यवेक्षकों के द्वारा नियमित गृहभेंट कर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

बैठक में मनरेगा, नरवा योजना, अमृत सरोवर, वृक्षारोपण, वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन एवं बिक्री, पंजीकृत गोठानों में गोबर खरीदी, चारागाह विकास, हाट बाजार क्लिनिक, आयुष्मान कार्ड, बेरोजगारी भत्ता व स्कूल जतन योजना की भी समीक्षा की गई। कलेक्टर श्री मीणा ने नगर पालिका एवं नगर पंचायतों में सी-मार्ट से डोर-टू-डोर सामग्री सप्लाई हेतु कार्ययोजना बनाकर कार्य करने अधिकारियों को निर्देशित किया। इसी प्रकार सभी निर्माण कार्य एजेंसी विभागों को निर्माण पोर्टल में कार्य की अद्यतन स्थिति विभागवार एंट्री करने कहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि पोर्टल में एंट्री अनुसार ही कार्यों की समीक्षा होगी।

बैठक में जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन, आयुक्त नगर निगम भिलाई रोहित व्यास, आयुक्त नगर निगम दुर्ग लोकश चंद्राकर, आयुक्त नगर निगम रिसाली  आशीष देवांगन, आयुक्त नगर निगम भिलाई-चरौदा मनीष त्रिपाटी, उपसंचालक जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र राजकुमार कुर्रे, जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारी सहित सभी जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।

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