छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

दूसरों के दोष देखना तथा तुलना करना बंद कर देंगे तो जीवन शांत और सुखी हो जाएगा…राजयोगिनी अनीता दीदी चंडीगढ़

भिलाई:-प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा सेक्टर 7 स्तिथ पीस ऑडिटोरियम में दो दिवसीय योग तपस्या कार्यक्रम “समीपता, संपन्नता,संपूर्णता” विषय पर चंडीगढ़ (पंजाब) से छत्तीसगढ़ के भिलाई में प्रथम बार पधारी राजयोगिनी बीके अनीता दीदी ने बताया कि परमात्मा के समीपता से संपन्नता एवं संपूर्णता की प्राप्ति होगी।

आत्मिक ज्योत को जगा कर अभिमान को मिटाना है। जो सुना समझा है मन उसे स्वीकार कर ले। जीवन में हमें अपने सारे काम खुद नहीं करने हैं बल्कि परमात्मा को साथी बनाकर उससे करवाने हैं। मन रूपी घोड़े और बुद्धि की लगाम, जीवन की चिंताओं को परमात्मा को सौंप दो। परमात्म प्राप्ति को अनुभव करने के लिए अपनी इच्छाओं को कम करें।

दुनिया इंद्रियों के आकर्षण में है इसलिए धोखा और तनाव है।कर्मेंद्रिया हमारी कर्मचारी हैं उनसे मालिक बनकर कर्म करो। हमें जिस बात में रुचि रहती है मन वही देखता है। दूसरों के दोष देखने तथा तुलना करना बंद कर देंगे तो जीवन शांत और सुखी हो जाएगा। आपने एक्टिविटी के माध्यम से बताया कि ध्यान से सुनने के बजाय हम ध्यान से देखते हैं आंखें धोखा देती हैं, दूसरे क्या करते हैं क्या सोचते हैं यह मेरा सब्जेक्ट नहीं है मुझे स्वयं को देखना है।
हमारी सुख शांति का आधार अपने प्रति संसार के प्रति दृष्टिकोण को ठीक करना है l

भिलाई सेवा केंद्रों की निर्देशिका ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने अनीता दीदी का स्वागत करते हुए अपने आशीर्वचन में कहा कि परमात्मा को अपना बनाने के लिए दिल की शुद्धता, भावनाएं व निस्वार्थ स्नेह चाहिए। हमारे जीवन का लक्ष्य आगे से आगे बढ़कर संपूर्ण बनना है।

संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे

https://jantakikalam.com

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button