दुर्ग / महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जिले में श्रमिकों को रोजगार देने की दिशा में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन एवं जिला पंचायत सीईओ अवनीश कुमार के निर्देशन में श्रमिकों के हित में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। जिसके तहत आज श्रमिकों को रोजगार देने में दुर्ग जिला प्रदेश में पहले नंबर पर है। जिला पंचायत द्वारा मनरेगा के तहत् स्वीकृत 927 निर्माण कार्य चल रहा है।
51 हजार 362 श्रमिकों को प्रतिदिन रोजगार उपलब्ध कराया गया है। अमृत सरोवर, नवीन तालाब निर्माण, तालाब गहरीकरण, डबरी निर्माण, नरवा बंधान, स्व.सहायता समूह के वर्क शेड निर्माण सहित विभिन्न कार्यों में मनरेगा के तहत श्रमिक कार्य कर रहे हैं। जिले में श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया।
गौरतलब है कि धमधा विकासखंड के 319 कार्यों में 16 हजार 511 श्रमिक, दुर्ग विकासखंड के 248 कार्यों में 14 हजार 79 श्रमिक, पाटन विकासखंड के 360 कार्यों में 20 हजार 772 श्रमिक कुल जिले में 51,362 श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
ग्राम पंचायत में मांग के आधार पर कार्य स्वीकृत हैं। श्रमिकों को नवीन मजदूरी दर 221 रूपए की राशि के अनुसार भुगतान किया जा रहा है। मनरेगा के कार्यों में महिलाओं की भागीदारी सबसे अधिक 72 प्रतिशत रही है। वहीं प्रदेश में सर्वाधिक श्रमिक जिले में कार्यरत हैं।
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