दुर्ग / जिले की वाटर कंजर्वेशन प्लान तथा रोडमैप के मुताबिक जल संरक्षण का कार्य हो। साथ ही सभी स्कूलों व शासकीय बिल्डिंग में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हो, ताकि वाटर रिचार्ज पुख्ता हो सके। यह बात जल शक्ति अभियान के संबंध में भारत सरकार के जल शक्ति अभियान केन्द्रीय दल के नोडल अधिकारी उप सचिव राहुल पचौरी ने अधिकारियों के बैठक मंे कही। उन्होंने भ्रमण के दौरान पाटन विकासखण्ड के ग्राम बेलौदी, दरबार मोखली, लोहरसी में जल संरक्षण कार्यों तथा पाटन व जामगांव आर में स्वामी आत्मानंद स्कूल का अवलोकन करने का जिक्र करते हुए जिले में नरवा जैसी योजनाओं के माध्यम से हो रहे वाटर रिचार्जिंग कार्यों की प्रसंशा की उन्हांेने कहा की जिले में अभियान के तहत हो रहे अच्छे कार्यों को नेशनल पोर्टल में अपडेट करने कहा।
उप सचिव चौधरी नें जिले में वृक्षारोपण पर जोर देते हुए विभागीय कंजर्वेश से पौध रोपण कार्य पूर्ण कराने तथा अमृत सरोवर के कार्य 30 मई तक पूर्ण कराने कहा। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने अधिकारियों से कहा की अभियान के तहत जिले के विभिन्न गांवों में योजनाबद्ध ढंग से कार्य करवायंे। अधिकारी आपसी ताल मेल स्थापित कर कार्य करें। अभियान के तहत सभी विभाग के अधिकारी जल संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के तहत किये जानेे वाले कार्यों को प्राथमिकता के साथ करें। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि अभियान के कार्याें की जियोटैगिंग की जा रही है। अमृत सरोवर के लिए भी जियोटैगिंग की गई है। उन्होंने जिले में नरवा योजना की विशेष रूप से जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि नरवा योजना के माध्यम से जल स्तर तेजी से बढ़ा है। सीईओ ने बताया कि इससे किसान दूसरी फसल भी लेने लगे हैं। जिन गांवों के किनारे नरवा स्ट्रक्चर के कार्य हुए हैं वहां तेजी से जलस्तर बढ़ा है। इसके साथ ही पुराने स्ट्रक्चर का जीर्णाेद्धार भी हुआ है जिससे सिंचाई के क्षेत्र में पुख्ता कार्य जिले में हुआ है। जलसंसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता ने विस्तार से सिंचाई के क्षेत्र में किये गये कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि धमधा जैसे क्षेत्र जहां जलसंकट रहता था। वहां नरवा के कार्य एवं सिंचाई योजनाओं के माध्यम से सिंचाई के रकबे में प्रभावी वृद्धि की गई है। पाटन क्षेत्र में लिफ्ट इरीगेशन योजनाओं के माध्यम से रकबे में वृद्धि की गई है। बैठक में जल संसाधन, शिक्षा, पीएचई, सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।