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छत्तीसगढ़ की छोटी-छोटी पर महत्वपूर्ण जानकारी…पढ़े पूरी खबर…

आंगनबाड़ी सहायिका पद के लिए 6 जून तक आवेदन आमंत्रित –

दुर्ग / एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र जेवरा केन्द्र क्रमांक 01, रसमड़ा केन्द्र क्रमांक 05 में सहायिका पद हेतु आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए हैं। आवेदन पत्र समस्त प्रमाण पत्रों सहित कार्यालय परियोजना अधिकारी, एकीकृत बाल विकास परियोजना दुर्ग ग्रामीण में कार्यालयीन समय में 06 जून 2023 तक जमा किया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए संबंधित ग्राम पंचायत एवं एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय से संपर्क कर सकते है।

विश्वविद्यालय भवन में शीघ्र लगेगा ट्रांसफार्मर –

दुर्ग / जिला दुर्ग के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय भवन में ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। लोक निर्माण विभाग ई./एम. संभाग दुर्ग के कार्यपालन अभियंता से प्राप्त जानकारी अनुसार उक्त भवन में ट्रांसफार्मर लगाये जाने हेतु निविदा कार्यवाही हेतु उच्च कार्यालय प्रस्तुत की गई है। तकनीकी दिक्कतों की वजह से निविदा कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उक्त भवन में ट्रांसफार्मर लगाये जाने का कार्य शीघ्र ही पूर्ण कर लिया जावेगा।

राजस्व विभाग के क्लर्क और ऑपरेटर को लोकल स्तर पर दी जाएगी कम्प्यूटर ट्रेनिंग –

दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद कुमार मीणा द्वारा राजस्व विभाग की लगातार बैठक ली जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम विभाग में देखने को मिल रहे हैं। आज की बैठक में न्यायालय नायाब तहसीलदार धमधा 01 द्वारा सीमांकन के लिए दर्ज सभी आवेदनों को निराकृत कर शत प्रतिशत परिणाम कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही न्यायालय तहसीलदार नजूल दुर्ग में दर्ज 21 आवेदनों में से 20 निराकृत पाए गए और इसकी सफलता का प्रतिशत भी 95 प्रतिशत से ऊपर है।

जो कि राजस्व प्रकरणों के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा लिए जा रहे सकारात्मक कदम को प्रदर्शित करता है। इसके साथ ही राजस्व विभाग के कार्यालयीन कार्यों में और तेजी आए इसके लिए कलेक्टर ने उपस्थित संबंधित अधिकारियों को क्लर्क और कम्प्यूटर ऑपरेटरों को लोकल स्तर पर ट्रेनिंग मुहैया कराने के लिए कहा ताकि वर्तमान में चल रहे ऑनलाईन सिस्टम से क्लर्क और ऑपरेटर भली-भांति परिचित हो सके और अपनी कार्य की दक्षता को बढ़ा सके। राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ कलेक्टर द्वारा अन्य बिंदुओं पर भी चर्चा की गई। जिसमें जमीन से जुड़े सभी अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, राजस्व वसूली, नक्शा बटांकन व डायवर्सन से संबंधित प्रकरण शामिल थे।

कलेक्टर ने ली साप्ताहिक समय सीमा की बैठक –

दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने आज कलेक्टोरेट सभा कक्ष में साप्ताहिक सीमा की बैठक ली। जिसमें उन्होंने श्रम विभाग के संबंधित अधिकारी से बाल श्रम से संबंधित विषय पर जानकारी ली। उन्होंने इस संबंध में जिले के विभिन्न औद्योगिक संस्थानों का भौतिक सत्यापन करने के लिए उपस्थित अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने स्पष्ट किया की यदि कोई औद्योगिक संस्थान बाल श्रम निषेध अधिनियम का उल्लंघन करते हुए बच्चों से काम करवा रहा है, तो उस स्थिति में अधिकारी उस संस्था के उपर वैधानिक कार्यवाही करें। इसके अलावा उन्हांेने विगत समय सीमा की बैठक में दिए गए निर्देशों के परिपालन व प्रगति पर जानकारी ली। उन्हांेने लक्ष्य अनुरूप सतत् मॉनिटरिंग और कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए स्वीकृत कार्य, प्रगति रत कार्य व अप्रारंभ की कार्यों की जानकारी मुहैया कराने के निर्देश उपस्थित अधिकारियों को दिए।

उन्होंने अधिकारियों से कहा की सभी अधिकारी समन्वय के साथ कार्य कर शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं से नागरिकों को निश्चित समय पर लाभ दिलाना सुनिश्चित करें। समस्त जिला स्तरीय अधिकारी इस बात का ध्यान रखें, नागरिकों की मूल भूत आवश्यकता की पूर्ति करना जिला प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है। इसके साथ ही उन्होंने भीषण गर्मी को देखते हुए संबंधित अधिकारियों को पशुधन के लिए पर्याप्त मात्रा में चारे और पानी व शेड की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया ।

अगामी खरीफ फसल को ध्यान में रखते हुए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को पर्याप्त मात्रा में बीज व खाद्य की व्यवस्था करने के लिए निर्देशित किया। इसके अलावा बैठक में पीजीएन, जन चौपाल व जन शिकायत में आए लंबित आवेदनों पर विभागवार विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, आयुक्त नगर निगम भिलाई रोहित व्यास, प्रशिक्षु आईएस लक्ष्मण तिवारी, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, संयुक्त कलेक्टर विनय सोनी, एसडीएम दुर्ग मुकेश रावटे, एसडीएम धमधा बृजेश सिंह क्षत्रिय, आयुक्त नगर निगम रिसाली आशीष देवांगन, आयुक्त नगर निगम भिलाई चरौदा अजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।

अंतराष्ट्रीय योग दिवस के सफल क्रियान्वयन के लिए अधिकारियों को सौंपा गया दायित्व –

दुर्ग / आयुष मंत्रालय के तात्वाधान में 9 वें अंतराष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को होना है। योग के लाभ से लोगों को अवगत कराने व जन जागरूकता हेतु विभिन्न स्तरों पर अनेक गतिविधियों के माध्यम से इस दिवस को मनाया जाना है। त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत आयोजन के सफल क्रियान्वयन के लिए जिला पंचायत सीईओ अश्वनी देवांगन द्वारा जनपद पंचायत दुर्ग, धमधा व पाटन के सीईओ को पंचायत भवन व कार्यालय परिसर में बैनर का प्रदर्शन करने, योग प्रशिक्षण आयोजित करने, योग विशेषज्ञों द्वारा योग पर व्याख्यान करने, योग के महत्व के बारे में प्रचार-प्रसार करने के लिए कार्याशाला आयोजित करने, प्रधानमंत्री के योग संदेश का प्रचार प्रसार करने, योगकिट उपलब्ध कराकर योग सत्र संचालित करने (ग्राम पंचायत की स्वयं की व्यय क्षमता के आधार पर) व योग के अभ्यास व लाभ की जानकारी का प्रचार- प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया है।

अन्तर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस 31 मई को –

दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी धुम्रपान से होने वाले दुष्परिणाम के प्रति समाज में जन चेतना विकसित करने हेतु 31 मई को अन्तर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस का आयोजन किया जा रहा है। जिससे जन सामान्य में धुम्रपान के विरूद्ध सकारात्मक वातावरण निर्मित हो सके। तम्बाकू या तम्बाकू युक्त निर्मित विभिन्न उत्पादों के सेवन से सभी वर्गों में गंभीर व्याधियां परिलक्षित हो रही है, जो सभी के लिए चिंता का विषय है। समाज कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस प्रवृत्ति के विरूद्ध व्यापक जन चेतना विकसित करने हेतु जन सहयोग से नशापान के दुष्परिणामों का प्रचार करने हेतु 31 मई को विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसमें तम्बाकू सेवन के दुष्प्रभावों पर चर्चा एवं दुष्प्रभावों की जानकारी समुदाय में प्रचारित करना, सोशल मीडिया में नशापान के दुष्प्रभावों का प्रचार, नशामुक्ति हेतु विभिन्न प्रतियोगिताएं, सांस्कृतिक कार्यक्रम, नशामुक्ति साहित्य का वितरण, नशामुक्ति प्रदर्शनी का आयोजन, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन से प्रेरक नाटक, गीत परिचर्चा एवं यथा संभव योगाचार्यों के मार्गदर्शन में योगाभ्यास का प्रदर्शन तथा इससे होने वाले लाभ पर व्याख्या इत्यादि का आयोजन किया जाएगा।

जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रशिक्षु आईएएस को दी जा रही है ट्रेनिंग –

दुर्ग / भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु लक्ष्मण तिवारी (सहायक कलेक्टर) को जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत् प्रशासनिक व्यवस्था की बारिकीयों का अध्ययन व प्रशासनिक व्यवस्था से अवगत होने के लिए जिले के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ और प्रशासन के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ संलग्न किया गया है। प्रशिक्षण हेतु जिला पंचायत में 22 मई से 4 जून, जिला प्रशासन के विभिन्न विभागों में 5 जून से 11 जून तथा पुलिस अधीक्षक व जिला स्तरीय पुलिस अंतर्गत 12 जून से 18 जून तक प्रशिक्षण की तिथि तय की गई है ताकि एडमिस्ट्रेशन, पुलिसिंग व गवर्नेंस से संबंधित हर सेक्टर की जानकारी प्राप्त कर सके।

मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स कार्य कर सशक्त हो रही हैं महिलाएं

दुर्ग / जिले के गौठानों में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रही है इसी कड़ी में ग्राम पंचायत चंदखुरी के 6 महिला स्व सहायता समूहों द्वारा गौठान में विभिन्न आर्थिक गतिविधियां संचालित कर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही है। शासन की नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत जिले के ग्राम चंदखुरी के गौठान में विभिन्न प्रकार के कार्य किए जा रहे हैं, जिसमें मछली उत्पादन, पैराकुट्टी, वर्मी कम्पोस्ट, केंचुआ पालन, गाय पालन, मुर्गी पालन व बायोफ्लॅाक्स का कार्य जोरो से किया जा रहा है।

गौठान में मछली पालन- जय अम्बे स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती दीपिका चंद्राकर के अनुसार अक्टूबर माह से अब तक गौठान में 400 से 500 रंगीन मछलियों का उत्पादन किया जा रहा है। अब तक 29 हजार की रंगीन मछलियां बेची जा चुकी है। मछली उत्पादन से 9 हजार रूपए का व्यय हुआ है। इसी प्रकार सिन्धुजा स्व सहायता समूह के माध्यम से फिंगर फिश का उत्पादन किया जा रहा है, जिसकों बड़ा होने पर तालाब व ढबरी में छोड़ दिया जाता है, जिसे किसान इसे बेचकर आय अर्जित कर रहे हैं। अभी तक 7 हजार की फिंगर फिश बेची जा चुकी है।

पल्लवी स्व सहायता समूह के माध्यम से 5 बायोफ्लॅाक्स का निर्माण किया गया, जिसमें एक बायोफ्लॅाक्स 2500 किलो मछलियां उत्पादित की जा रही है। यह बायो जनवरी माह में स्थापित किया गया था। भविष्य में 12 हजार 500 किलो मछलियां बेचने की संभावना है।
गौठान में वर्मी कम्पोस्ट- गौठान में अब तक स्व सहायता समूह के माध्यम से 1800 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार किया जा रहा है, जो अब तक लगभग 5 लाख 38 हजार का वर्मी कम्पोस्ट खाद बेचा गया। साथ ही केचुंआ का उत्पादन कर लगभग 4 लाख का केंचुआ बेचा गया। आसपास के ग्राम पंचायतों में खाद बनाने के लिए केचुंआ विक्रय किया गया।

इसके अलावा आंध्रप्रदेश के श्रीमती रजनी राव द्वारा 10 किलो केंचुआ क्रय कर खाद बनाने का कार्य कर रही है। चंदखुरी गौठान से पाटन विकासखण्ड के ग्राम पंचायत मे भी खाद बनाने के लिए केंचुआ बेचा जा रहा है। इसके अलावा 25 हजार का डिकम्पोजर तथा 22 हजार का कीटनाशक बेचा गया। इसके साथ गौमूत्र से वृद्धिवर्धक का उत्पादन किया जा रहा है, जो फसलों के लिए उपयोगी है। गौमूत्र वृद्धिवर्धक 9 हजार रूपए तक का बेचा जा चुका है।

गौठान में राईस मिल- गौठान में मिनी राईस मिल लगाया गया है, जिसमें दाल व चावल पिसाई की जाती है।

गौठान में गाय पालन- गौठान में पूजा स्व सहायता समूह के माध्ये से गौठान में 5 गाय का पालन किया जा रहा है। प्रत्येक गाय 10 से 12 लीटर दुध देती है, जिसे बेचकर समूह द्वारा लगभग 60 हजार रूपए महीने का आय अर्जित कर रही हैं।

गौठान में बकरी पालन- गौठान में प्रजा स्व सहायता समूह द्वारा बकरी पालन भी किया जा रहा है, जिसमें 10 बकरी पाली जा रही है।

गौठान में मुर्गी पालन- जागृति क्रास फांउडेशन स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती टोमिन चंद्राकर के माध्यम से गौठान में मुर्गी पालन किया जा रहा है। समूह द्वारा अब तक 2328 मुर्गीयां बेची गई है, जिसमें 3 लाख 19 हजार का मुनाफा प्राप्त किया।

महात्मा गांधी रूरल इंड्रस्ट्रियल पार्क योजना के अंतर्गत रीपा में मिल्क प्रोडक्ट बनाए जाने की संभावना है। रीपा योजना के अंतर्गत 30 लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान किया जाएगा, जिसमें उनके द्वारा सोयाबीन बड़ी, सोया टॉफी, सोया पनीर, आलू चिप्स व दोना पत्तल तैयार किया जाएगा। डोम के अंदर 30 लोगों को रोजगार देने की संभावना है। इसके अलावा योजना के अंतर्गत दुध से बनी पनीर, मिठाई, खोवा व अन्य सामग्री तैयार किया जाएगा। इसके साथ ही रीपा में मोबाइल और सायकल रिपेरिंग की दुकान के साथ चाय, नाश्ते की दुकान प्रारंभ की जाएगी।

तेलीगुण्डरा गौठान में संचालित अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन से अंडा उत्पादन कर सबल हुई स्व सहायता समूह की महिलाएं

दुर्ग / दुर्ग जिले में उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा आधुनिक तकनीक से लेयर मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री की नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी योजना के अंतर्गत तेलीगुण्डरा के गौठान में संचालित अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन के माध्यम से अंडे का उत्पादन किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत महिलाएं बढ़-चढ़कर काम कर रही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशानुरूप आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिला कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अश्वनी देवांगन के मार्गदर्शन में पाटन विकासखण्ड के तेलीगुण्डरा ग्राम के गौठानों में अत्याधुनिक लेयर मुर्गीपालन का कार्य उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है। महिलाएं लेयर मुर्गीपालन का कार्य कर प्राईवेट पोल्ट्री फार्म को प्रतिस्पर्धा दे रही है।

कभी घर से बाहर नहीं निकलने वाली महिलाएं शासन की योजना का लाभ लेकर गौठान में 4500 मुर्गी पालन का कार्य कर रही है। उन्नति स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा मुर्गीपालन से प्रतिदिन 3500-4000 अंडे का उत्पादन किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा प्रतिदिन 20 हजार रूपए का अंडा बेचकर 5000 रूपए का शुद्ध आय अर्जित कर रही है। इस प्रकार प्रति माह डेढ़ लाख रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त करने की संभावना है। गौठानों में मुर्गीपालन कार्य को सफलता मिलने पर इन्हें अपग्रेड करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। गौठानों में ही हेचरी यूनिट की स्थापना पूर्व में की गई है, जिसमें 6 मुर्गी हेचरी यूनिट और 2 बटेर हेचरी यूनिट की स्थापना की गई थी, ताकि गौठान के मुर्गी शेड में चूजों का विकास हो सके। तेलीगुण्डरा में मुर्गीपालन यूनिट को महत्व देते हुए इन महिलाओं के उद्यम को प्रोत्साहित करने के साथ आगे भी कार्य करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बीवी 300 वाईट लैग हार्न नस्ल की मुर्गीयां 120 दिन में अंडे देना शुरू कर देती है।

उन्नति स्व सहायता समूह की अध्यक्ष कुमारी बाई पटेल ने बताया कि पहले हम लोग इस कार्य को करने में हिचकते थे, लेकिन जिला प्रशासन के सहयोग से स्व सहायता समूह की महिलाओं को समय-समय पर विभिन्न उत्साहवर्धक एवं तकनीकी मार्गदर्शन देकर हमें आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया। इस संबंध में जिला नोडल अधिकारी जिला पंचायत दुर्ग मोहित कामले ने बताया कि 56 गौठानों में मुर्गीपालन का कार्य किया जा रहा है। मुर्गीपालन के क्षेत्र में स्व सहायता समूह की महिलाओं की रूचि को देखते हुए मुर्गी पालन यूनिट को तेजी से अपग्रेड किया जा रहा है। तेलीगुण्डरा में जिस लेवल का काम हुआ है, उससे स्व सहायता समूह की महिलाओं ने अपने आप को बड़े फार्म यूनिटों की बराबरी में खड़ा कर दिया है। मुर्गीपालन के लिए सभी सावधानियां बरती जा रही है।

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