कानपुर. शुक्लागंज में दो दिन पहले प्रेमी की आत्महत्या से आहत प्रेमिका ने भी रविवार को एक होटल के कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी. पुलिस को मौके से सुसाइड नोट, देसी शराब की शीशी और ब्लेड मिला है. सुसाइड नोट में लिखा है कि मां-पापा मुझे माफ कर देना, मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन सकी. मैंने विशाल से सच्चा प्यार किया था, शादी भी की और उसके पास जा रहीं हूं.
मोहल्ला अंबिकापुरम निवासी रमेश चंद्र की पुत्री मानसी (27) उन्नाव स्थित एक फाइनेंस बैंक में लोन डिपार्टमेंट में काम करती थी. रविवार को उसका शव पोनीरोड पर गुप्ता मार्केट के पास एक होटल के कमरे में पंखे से लटका मिला. होटल के मैनेजर करुणा शंकर शुक्ला की सूचना पर पुलिस पहुंची तो कमरा अंदर से बंद था. पुलिस ने कमरे का दरवाजा तोड़कर शव कब्जे में लिया. होटल में दी गई आईडी के आधार पर परिजनों को सूचना दी गई.
सुसाइड नोट में मानसी ने लिखा है कि ‘मां-पापा मुझे माफ कर देना, मैं आपकी अच्छी बेटी नहीं बन सकी. रोना मत, मैं आपको झूठ बोलकर घर से निकली हूं. मैं उसके बिना नहीं जी सकती, उसके जैसा मुझे पूरी दुनिया में कोई नहीं मिलेगा. मेरे पति को उसकी मां खा गई, मैंने अपनी मर्जी से खुदकुशी की है. किसी के दबाव में आकर नहीं की, मैं जा रही हूं अपने विशाल के पास.
मानसी की डेढ़ साल पहले नीट परीक्षा के दौरान गोविंदनगर निवासी विशाल दुबे से मुलाकात हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ गई. मानसी के पिता शादी कराने के लिए तैयार थे, लेकिन विशाल के परिवार वाले तैयार नहीं थे. इसकी वजह से विशाल ने 12 मई को घर में फंदा लगाकर जान दे दी थी. मानसी रविवार को विशाल का चेहरा आखिरी बार देखने की बात कहकर घर से निकली थी. इसके बाद उन्हें उसकी मौत की सूचना मिली.
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