
सामुदायिक फेंसिंग योजना अंतर्गत कृषकों को 50 प्रतिशत अनुदान
दुर्ग / उद्यानिकी फसलों की सुरक्षा के दृष्टिगत, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा राज्य पोषित योजना अंतर्गत सामुदायिक फेंसिंग योजना के तहत चयनित हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। वे हितग्राही जिनके पास न्यूनतम 0.500 हेक्टेयर एवं अधिकतम 2.000 हेक्टेयर जो कि प्रति कृषक समूह में दो या दो से अधिक सभी वर्गों के लघु एवं सीमांत कृषक जिनकी भूमि एक चक में हो इस योजना हेतु पात्र होंगे जिसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को प्राथमिकता दी जावेगी।
योजनांतर्गत प्रति हेक्टेयर, लागत राशि 10 लाख आठ हजार नौ सौ सत्तर रूपए का 50 प्रतिशत अनुदान केवल प्रति हेक्टेयर फेंसिंग सामग्री तथा सीमेंट फेंसिंग पोल (1.6 मीटर) 180 नग एवं चैनलिंक (10 गेज हाईट 5 फीट) 1000 कि.ग्रा. पर तथा 50 प्रतिशत कृषक द्वारा स्वयं वहन किया जायेगा। कृषकों को योजना का लाभ ‘‘पहले आओ पहले पाओ‘‘ के आधार पर प्रदाय किया जावेगा। जिले के कृषक विकासखण्ड स्तर के विभागीय अधिकारियों से संपर्क कर आवेदन प्रस्तुत कर योजना का लाभ ले सकते है। उद्यान विकास अधिकारी दुर्ग, मुकेश कुमार वासनिक, मो. न. 9926171139, धमधा के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी अशोक कुमार साहू, मो. न. 9425503253 एवं पाटन के वरिष्ठ उद्यान विकास अधिकारी, मो. न. 9424221974 हैं।
बेरोजगारी भत्ता योजना अंतर्गत आवेदकों के बैंक खातों का सत्यापन आवश्यक
दुर्ग / वर्तमान में बेरोजगारी भत्ता पोर्टल में प्राप्त आवेदकों के बैंक खातों का सत्यापन हेतु क्लस्टर स्तर पर आवेदकों के दस्तावेजों का भौतिक सत्यापन का कार्य किया जा रहा है। आवेदकों के बैंक खातों का सत्यापन हेतु वर्तमान में उनके बैंक खातों की सूची बैंकों को प्रेषित किया जा रहा है। बैंकों द्वारा खातो की वैधता की जानकारी संबंधित जनपदों एवं निकायों को सत्यापन उपरांत पुनः प्रेषित की जा रही है। यह प्रक्रिया श्रमसाध्य एवं समयसाध्य है।
राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एनआईसी), छत्तीसगढ़ द्वारा इस प्रक्रिया का सरलीकरण करने के लिए बैंक खातों का सत्यापन राज्य स्तर पर ही सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) सिस्टम के माध्यम से वृहद स्तर पर परीक्षण किया गया एवं इसे अत्यंत कम समय में संपादित किये जाने हेतु उपयुक्त पाया है। बैंक खातों का सत्यापन की वर्तमान प्रक्रिया के स्थान पर इसे राज्य स्तर पर एनआईसी द्वारा पीएफएमएस सिस्टम पर किया जाएगा।
एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत वेतन एवं अन्य प्रकार के देयकों को लेकर 20 अप्रैल को जिला पंचायत सभागार दुर्ग में कार्यशाला का आयोजन
दुर्ग / भारत सरकार, वित्त मंत्रालय राजस्व विभाग आयकर अधिकारी (टी.डी.एस.) द्वारा आयकर ( टी.डी.एस.) की कार्यशाला आयोजन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। जिला कोषालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार एकीकृत वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत वेतन एवं अन्य प्रकार के देयकों को समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारियों को माह अप्रैल 2023 का वेतन देयक पेपर फॉर्म के साथ-साथ डिजिटल फॉर्म में प्रस्तुत किया जाना है।
इस संबंध में जिला पंचायत सभागार दुर्ग में 20 अप्रैल 2023 को कार्यशाला का आयोजन दो पालियों में आयोजित की जाएगी। कार्यशाला में समस्त आहरण एवं संवितरण अधिकारी अपने संबंधित लिपिक के साथ उपस्थित होंगे।
प्रथम पाली– समय प्रातः 11 से 1.30 बजे स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग को छोड़कर अन्य समस्त विभागों से संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी शामिल होंगे।
द्वितीय पाली– अपरान्ह 2 से 5 बजे से स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित आहरण एवं संवितरण अधिकारी शामिल होंगे।
अधिकारी मतदान केंद्र का स्थल पर जाकर करें भौतिक सत्यापन-कलेक्टर
दुर्ग / आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 के मद्देनजर मतदान केंद्रों का भौतिक सत्यापन व वहां मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में उपस्थित संबंधित अधिकारियों के साथ आज समय सीमा बैठक की शुरूआत हुई। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने बैठक में इआरओनेट में लंबित आवेदनों के निराकरण, मतदान केन्द्रों का भौतिक सत्यापन, मतदान केन्द्रों में न्यूनतम सुनिश्चित सुविधाओं की जानकारी, मतदान केन्द्र के नाम, भवन या स्थल परिर्वतन, पोलिंग स्टेशन के लोकेशन और क्रिटिकल व संवेदनशील मतदाता केंद्र के संबंध में चर्चा की।
कलेक्टर ने मतदान केन्द्र के भौतिक सत्यापन और पोलिंग स्टेशन लोकेशन के लिए संबंधित अधिकारियों को स्थल पर जाकर निरीक्षण करने के लिए आदेशित किया। उन्होंने अधिकारियों को चुनाव आयोग द्वारा दिए गए गाईड-लाईन को स्पष्ट रूप से अनुसरण करने की और मतदान केन्द्र के स्थल परिर्वतन की स्थिति में नवीन चयनित स्थल मतदाता पहुंच सुविधा अनुरूप 2 किलोमीटर के दायरे में रखने की बात कही। उन्होंने मतदाता केन्द्र में मूलभूत सुविधा जैसे बिजली, पेयजल, शौचालय, रैम्प इत्यादि को भी दुरूस्त करने के लिए कहा।
बैठक में कलेक्टर ने नगरीय निकाय क्षेत्र में बनने वाले वेंडिंग जोन के संबंध में नगर निगम आयुक्तों से जानकारी मांगी। जिसमें कलेक्टर ने शहर के अतिक्रमण भार को नगण्य करने के लिए संबंधित अधिकारियों से शहर में अव्यवस्थित ठेले, रेहड़ी, खोमचे व गुमटी वालों के आंकड़ों पर चर्चा की। उन्होंने प्रस्तुत किए गए आंकड़ों पर अपना मत स्पष्ट किया कि ये ठेले, रेहड़ी, खोमचे और गुमटी वाले जहां-जहां वेंडिंग जोन का कार्य पूर्ण होता जाएगा वहां-वहां अपने आपको प्रतिस्थापित करते जाएंगे। इसके लिए उन्होंने नगरीय निकाय के संबंधित अधिकारियों को अपने स्टाफ के माध्यम से ठेले वालों के आंकड़े को क्रॉस चेक करवाने के लिए कहा। ताकि शहर में अव्यवस्था पर लगाम लगाया जा सके और शहरी तस्वीर को बदलकर व्यवस्थित किया जा सके।
कलेक्टर ने 1 अप्रैल से शुरू हुए सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर भी संबंधित अधिकारियों से चर्चा की। जिसमें कार्य की प्रगति को तय समय में पूरा करने के लिए उन्होंने गठित की गई टीम की संख्या में और व्यक्ति जोड़ने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने जिन गांवों में निर्मित क्लस्टर की टीमें अपने अंतिम पड़ाव में है अर्थात् जिन्होंने 90 प्रतिशत से ऊपर सर्वेक्षण कार्य पूरा कर लिया गया है। उनके शत-प्रतिशत सर्वेक्षण होने की स्थिति में उन्हें अन्य दलों के साथ जोड़ने के लिए नोडल अधिकारी को कहा ताकि समय सीमा के पूर्व ही लक्ष्य की प्राप्ति की जा सके।
जनपद पंचायत दुर्ग, पाटन और धमधा में सर्वे का 75 प्रतिशत कार्य वर्तमान में पूर्ण हो चुका है। इसके अलावा बैठक में राजस्व मामलों में चर्चा की गई जिसमें मुख्य रूप से स्वामित्व योजना को लेकर चर्चा की गई। जिसमें सर्वे और मैपिंग को लेकर कलेक्टर ने जानकारी मांगी। इसके अलावा कलेक्टर ने कहा कि अवैध खनन से संबंधित मामलों में लगाम लगे इसके लिए रेत व मुरूम के खनन से संबंधित जानकारी की सूचना कोटवार द्वारा संबंधित राजस्व अधिकारी व नजदीकी थाने में दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने अवैध प्लाटिंग के संबंध में भी राजस्व के अधिकारियों को कड़ा रूख अपनाने की बात कही।
बैठक में अपर कलेक्टर अरविंद एक्का, अपर कलेक्टर श्रीमती पद्मनी भोई, आयुक्त नगर निगम भिलाई रोहित व्यास, जिला पंचायत सीइओ अश्वनी देवांगन, संयुक्त कलेक्टर प्रवीण वर्मा, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती योगिता देवांगन, संयुक्त कलेक्टर विनय सोनी, एसडीएम दुर्ग मुकेश रावटे, एसडीएम धमधा बृजेश सिंह क्षत्रिय, नगर निगम आयुक्त दुर्ग लोकेश चंद्राकर, आयुक्त नगर निगम रिसाली आशीष देवांगन आयुक्त नगर निगम भिलाई चरौदा अजय त्रिपाठी एवं अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।
वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण, 19 अप्रैल को कार्यशाला का आयोजन
दुर्ग / राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उप क्षेत्रीय कार्यालय, दुर्ग द्वारा वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन होटल एवलान मालवीय नगर, दुर्ग में 19 अप्रैल 2023 को प्रातः 11 बजे से आयोजित किया जायेगा। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के उपमहानिर्देशक रोशन लाल साहू, की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यशाला में पश्चिम अंचल के उपमहानिर्देशक राजेन्द्र गौतम भी सम्मिलित होंगे ।
इस कार्याशाला में छत्तीसगढ़ राज्य के दुर्ग, राजनांदगांव, कवर्धा, बालोद, बेमेतरा जिले के उद्यमी तथा राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय, उप क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर के अधिकारी भी शामिल होंगे। वरिष्ट सांख्यिकी अधिकारी सी.पी.एस मरकाम ने बताया कि भारत सरकार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय जीडीपी गणना में विनिर्माण क्षेत्र सूचकांक के निर्माण हेतु वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण द्वारा आंकडे एकत्रित करता है।
वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के लिए विशेष रूप से तैयार की गई अनुसूचियों एवं कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर के माध्यम से ऑनलाइन सूचना एकत्रित की जाती है। वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण के रिटर्न को ऑनलाइन भरने में आने वाली कठिनाईयों को, औद्योगिक संगठन एवं चयनित औद्योगिक इकाईयों के प्रतिनिधियों के साथ पारस्परिक वार्तालाप द्वारा निराकरण हेतु इस एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 हेतु कर्मचारी डाटाबेस तैयार करने के संबंध में 19 अप्रैल को कलेक्टोरेट सभागार में होगा प्रशिक्षण का आयोजन
दुर्ग / आगामी विधानसभा निर्वाचन 2023 हेतु मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदत्त ऑनलाईन कर्मचारी डाटा प्रविष्टी सॉफ्टवेयर (पीपीईएस) का उपयोग करते हुए कर्मचारी डाटाबेस 30 अप्रैल तक तैयार किया जाना है। कर्मचारी डाटाबेस तैयार करने के लिए प्रत्येक विभाग के जिला प्रमुख स्वयं एवं अधीनस्थ कार्यालयों के अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटा एंट्री अपने ही कार्यालय में करना होगा।
कर्मचारी डाटाबेस सॉफ्टवेयर तैयार करने के संबंध में 19 अप्रैल को सुबह 11 बजे कलेक्टोरेट सभागार में प्रशिक्षण दिया जाएगा। उक्त प्रशिक्षण कार्यालय में नियुक्त नोडल अधिकारी, सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री आपरेटर एवं स्थापना लिपिक को दिया जाएगा। सॉफ्टवेयर यूजर मैनुअल, यूजर आई.डी. एवं पासवर्ड से संबंधित जानकारी प्रशिक्षण के दौरान सूचना विज्ञान अधिकारी एन.आई.सी. दुर्ग द्वारा दी जाएगी।
विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की डाटा एंट्री करना होगी। मूल कार्यालय से अलग अन्य कार्यालय में संलग्न कर्मचारियों की एंट्री उस कार्यालय से करनी है, जहां से उनका वेतन निकाला जाता है। किसी भी परिस्थिति में कर्मचारी डाटाबेस में किसी भी कर्मचारी की एंट्री एक से अधिक बार नहीं करनी है।
सॉफ्टवेयर में डाटा एंट्री प्रारंभ के लिए दिशा-निर्देश
जिला निर्वाचन अधिकारी से प्राप्त जानकारी के अनुसार सॉफ्टवेयर में डाटा एंट्री प्रारंभ करने से पहले कार्यालय एवं समस्त कर्मचारियों की जानकारी संलग्न प्रारूप में तैयार करनी होगी। कर्मचारी डाटाबेस के सभी कॉलम की जानकारी अनिवार्य रूप से भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी का विवरण केवल एक बार ही भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस के फोटो कॉलम में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का कलर फोटो स्कैन कर अपलोड (जेपीजी फार्मेट में अधिकतम 20 केबी फाईल साईज) करना होगा। दिव्यांग, निशक्त अधिकारी-कर्मचारी का डाटा एंट्री करते समय दिव्यांगता, निशक्ता का प्रकार एवं प्रतिशत भी एंट्री करनी होगी।
साथ ही सक्षम प्राधिकारी के द्वारा दिया गया दिव्यांतगता, निशक्ता का प्रमाण पत्र स्कैन कर अपलोड ( जेपीजी फार्मेट में अधिकतम 100 केबी 150 केबी फाईल साईज) में करनी होगी। निर्वाचन ड्यूटी में नियुक्त अधिकारियों-कर्मचारीयों को मानदेय का भुगतान कैशलेश माध्यम से उनके बैंक अकाउंट में किया जाएगा। कर्मचारी डाटाबेस में संबंधित अधिकारी-कर्मचारी का वेतन जिस बैंक अकाउंट नंबर में जमा करवाया जाता है, उसका विवरण (अकाउंट नंबर, बैंक का नाम ब्रांच का नाम एवं उसका आईएफएससी कोड) भरना होगा। कर्मचारी डाटाबेस में अधिकारी -कर्मचारी का मतदाता पहचान क्रमांक (ईपीन/EPIC ) नंबर भरना होगा। यदि किसी अधिकारी-कर्मचारी का इपिक नहीं बना है तो संबंधितों के तत्कान इपिक तैयार किया जाकर इपिक नंबर कर्मचारी डाटाबेस में अनिवार्यतः प्रविष्ट करना होगा।
उपरोक्तानुसार अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटाबेस अद्यतन होने के बाद अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची प्रिंट कर जांच करवानी होगी। सब कुछ ठीक होने पर ही डाटाबेस को फाईनालाईज करना होगा। फाईनालाईज होने के पश्चात ही आपके कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों की जानकारी अद्यतन हो पाएगी। तत्पश्चात इस आशय का प्रमाण-पत्र कि आपके विभाग के समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटाबेस तैयार हो गया निर्वाचन कार्यालय में भेजना होगा।
ग्रीष्मकालीन धान को कीट प्रकोप से बचाने समसामयिक सलाह
दुर्ग / जिले में ग्रीष्मकालीन धान फसलों के लिए किसानों से मौसम परिवर्तन होने के कारण कीट व्याधि रोग जैसे तनाछेदक एवं अन्य रोगों का प्रकोप सामान्यतः धान की फसलों को प्रभावित करता है। इस संबंध में उप संचालक कृषि ने निदान के लिए समसामयिक सलाह दी है कि खरीफ सीजन की धान फसल में खेत के अवशेष (नरई) में तनाछेदक के अण्डे एवं मिट्टी में ब्लास्ट रोग के बीजाणु उपस्थित रहते हैं जो कि रबी सीजन में धान की पुनः खेती करने पर नई फसल को उपहार स्वरूप मिलते हैं। ऐसी स्थिति से निबटने के लिए किसानों को धान की जगह फसल चक्र परिवर्तन अपनाकर दलहन-तिलहन फसलों की खेती करनी चाहिए। इस संबंध में विभाग द्वारा मैदानी स्तर पर कर्मचारियों के द्वारा नियमित रूप से प्रचार-प्रसार किया जाता रहा है।
उन्होंने कहा है कि मौसम में बदलाव की वजह से तनाछेदक कीट प्रकोट एवं नेक ब्लास्ट की समस्या आ रही है। ऐसे में बाइफ्रेनथ्रिन 10 ईसी का 350 एमएल प्रति एकड़ या क्लोरेनट्रेनिलीप्रोल का 30 एमएल प्रति एकड़ के मान से स्प्रे करने से इसकी रोकथाम की जा सकती है। इसी प्रकार नेक ब्लास्ट को नियंत्रित करने एजाक्सीस्ट्रोबिन 300 एमएल या टेबुकोनाजोल 250 एमएल या प्रोपिकोनाजोल का 250 एमएल प्रति एकड़ की दर से छिड़काव किया जाना चाहिए। उप संचालक ने पुनः किसानों से अपील करते हुए कहा है कि आगामी ग्रीष्मकालीन धान की बोनी न करें और दलहन-तिलहन फसल की खेती अपनाते हुए जल संरक्षण में अपना अमूल्य सहयोग करें।
जिला जनसंपर्क कार्यालय दुर्ग, जिले के शासकीय शालाओं की होगी मरम्मत
दुर्ग / दुर्ग जिले में शिक्षा के समग्र विकास तथा विद्यार्थियों को शिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु शासकीय शालाओं की मरम्मत का कार्य किया जाएगा। मरम्मत अंतर्गत 425 कार्य प्रस्तावित है तथा इसके लिए प्रशासन ने 98.12 प्रतिशत कार्याे की स्वीकृति दी है। जिसके अंतर्गत शौचालय, छत, सीपेज, लीकेज पाइप लाईन्स एवं बाउन्ड्री वॉल की मरम्मत तथा स्वच्छ पेयजल व बिजली की व्यवस्था इत्यादि कार्य शामिल है। कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने समीक्षा बैठक में मानसून व नवीन सत्र शुरू होने से पहले मरम्मत कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि विद्यार्थी मूलभूत सुविधाओं से वंचित न रहें।
राजस्व प्रकरण के निराकरण के मामले में दुर्ग दूसरे पायदान पर
दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा प्रति सप्ताह समय सीमा बैठक के पूर्व राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली जा रही है। जिसमें कलेक्टर द्वारा निरंतर संबंधित अधिकारियों को राजस्व प्रक्रिया का पालन व प्रकरण के निराकरण के लिए नियमानुसार कार्रवाई का आदेश समय-समय पर दिया जाता रहा हैं। जिला प्रशासन की सक्रियता व लगातार मॉनिटरिंग का परिणाम ही है कि जिले के लंबित राजस्व प्रकरणों की संख्या में तेजी से कमी आयी है। विगत 03 माह में जिले में अविवादित नामांतरण के 15300 प्रकरण, अविवादित खाता विभाजन के 705 प्रकरण, विवादित नामांतरण के 1761 प्रकरण, विवादित खाता विभाजन के 337, व्यपवर्तन के 1669 प्रकरण एवं सीमांकन के 2307 प्रकरणों का राजस्व न्यायालयों में निराकरण किया गया है। 19 अप्रैल 2023 की स्थिति में जिले में उक्त मदों में कुल 9646 प्रकरण समय सीमा के भीतर लंबित है, जिसे समय सीमा मे निराकरण करने के निर्देश दिये गये है। साथ ही समस्त प्रकरणों को अनिवार्य रूप से ई-कोर्ट में दर्ज कर निराकृत करने एवं पेशी दिनांक अद्यतन करने हेतु निर्देशित किया गया है। दुर्ग जिले की ई-कोर्ट में दर्ज सभी प्रकरणों का ऑनलाईन अद्यतन 86 प्रतिशत है जो प्रदेश में द्वितीय स्थान पर है।
कलेक्टर ने नए दर्ज होने वाले प्रकरणों को मिलाकर शेष बचे लंबित प्रकरणों की संख्या को भी जल्द से जल्द निराकृत करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया हैं। उन्होंने अधिकारियों को नए एवं लंबित राजस्व प्रकरणों पर शत्-प्रतिशत निराकरण का लक्ष्य दिया है। जिले के वेबसाईट www.durg.gov.in पर जिला अंतर्गत राजस्व न्यायालयों में दर्ज सीमांकन प्रकरणों के निराकरण हेतु सीमांकन तिथि की जानकारी न्यायालय एवं राजस्व निरीक्षक मण्डलवार सूची आवेदको एवं जनसामान्य के सुविधा हेतु अपलोड की जा रही है जिसे आम जनता जानकारी हेतु समय समय पर अवलोकन कर सकते है।
मृतक के परिजन को मिली 4 लाख रुपए की आर्थिक सहायता
दुर्ग / ग्राम अंजोरा तह. व जिला दुर्ग, निवासी स्व. सुरेखा भारती की दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। जिसके लिए छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन के प्रावधानों के अनुरूप मृतिका स्व. सुरेखा भारती के पति ईश्वर लाल भारती को 4 लाख रूपए की आर्थिक सहायता राशि संयुक्त कलेक्टर दुर्ग द्वारा स्वीकृत की गई है।
गैर-अनुसूचित क्षेत्रों के लिए ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना
दुर्ग / राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना प्रारंभ की जा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 अप्रैल को इस योजना का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री द्वारा 20 अप्रैल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रारंभ की जा रही एक और योजना का उद्देश्य प्रदेश के गैर-अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज-त्यौहारों की संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करना और इन त्यौहारों, उत्सवों का मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परंपराओं का अभिलेखन करना है। सामुदायिक क्षेत्रों के गांवों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारों, मेला-मड़ई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी उत्सवों, त्यौहारों, सांस्कृतिक परंपराओं को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध करायी जाएगी। योजना की ईकाई ग्राम पंचायत होगी।प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में 10 हजार रूपए दिए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि दुर्ग जिले के तीन सामुदायिक विकासखंड क्षेत्र के अंतर्गत 304 ग्राम पंचायत हैं।
योजना के क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी, बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार, पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया जाना है।
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