छत्तीसगढ़दुर्गभिलाई

श्रीरामनवमी पर हुए भव्य आयोजन पर हुई यह परेशानी भी भक्तों को रोक नहीं सकी, पढ़ें पूरी खबर..

भिलाई- श्रीराम जन्मोत्सव समिति भिलाई द्वारा 38 साल से श्रीरामनवमी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें चारों दिशाओं से रामभक्ति में सराबोर भगवाधारी हजारों की संख्या में भगवा ध्वज लेकर जय श्रीराम के नारों लगाते हुए श्रीरामलीला मैदान पावर हाउस पहुंचते रहे हैं। इस वर्ष भी आयोजित कार्यक्रम में उपरोक्त पुनरागमन में उनका जबरदस्त उत्साह देखा गया। श्रीराम मंदिर की भव्य लाइव पेंटिंग तथा आकर्षक झांकियों ने मन मोह लिया।

श्रीरामनवमी पर हुए भव्य आयोजन पर हुई यह परेशानी भी भक्तों को रोक नहीं सकी, पढ़ें पूरी खबर..

श्रीरामनवमी उत्सव में समिति द्वारा भव्य आयोजन में मूसलाधर बारिश होने के बाद भी राम भक्तों ने पूरे जोश और भरपूर उत्साह के साथ अपनी भागीदारी निभाते हुए जय श्रीराम के नारे लगाते रहे। हजारों की संख्या में उपस्थित रामभक्तों का यह उत्साह और ऊर्जा तेज बारिश होने पर भी श्रीराम के प्रति आस्था का ऐतिहासिक उदहारण बना।

समिति द्वारा आयोजित एक मुट्ठी दान-श्रीराम के नाम अभियान में भिलाईवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों के घर-घर जाकर समिति के सदस्यों ने अनाज संग्रहण किया जिसे महाप्रसादी के रूप में श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया।

प्रभु श्रीराम के तैलचित्र पर दीप प्रज्जवलन के साथ कार्यक्रम का श्रीगणेश कर हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया।  अंचल के सुप्रसिद्ध कलाकार ऑल इंडिया आर्टिस्ट प्लेटिनम अवार्डी प्रमोद साहू ने अयोध्या में निर्मित होने वाले राम मंदिर की हुबहू सजीव लाइव पेंटिंग कर आए श्रद्धालुओं को श्रीरामलला मंदिर के दर्शन कराये।

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित पाटेश्वर धाम बालोद के संत श्री श्री 1008 राम बालकदास जी महाराज ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम श्री हरि विष्णु के दस अवतारो में से सातवें अवतार थे। बारह कलाओं के स्वामी श्रीराम ने लोक कल्याण करते हुए इंसानो के लिए एक आदर्श प्रस्तुत किया था।

श्रीरामनवमी पर हुए भव्य आयोजन पर हुई यह परेशानी भी भक्तों को रोक नहीं सकी, पढ़ें पूरी खबर..

वे करुणा, त्याग और समर्पण की मूर्तिस्वरुप में विनम्रता, मर्यादा, धैर्य और पराक्रम का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण संसार के सामने प्रस्तुत किया है। उनके आदर्शों को हम सभी को आत्मसात करते हुए अपने मानव जीवन को सार्थक करना चाहिए साथ ही गौ माता की सेवा, रक्षा तथा संवर्धन एक तपस्या है क्योंकि गाय को भारतीय संस्कृति में माता का दर्जा दिया है जिसे बनाये रखने के लिए हम सभी भक्तों, समाज शास्त्रियों, राजनेताओं के साथ धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों को कार्य करना पड़ेगा।

मुख्य वक्ता, प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार, हरिभूमि एवं आईएनएच समूह के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने इस भव्य आयोजन के लिए समिति के सभी सदस्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि मिनी भारत के स्वरूप भिलाई में इतना बड़ा और भव्य आयोजन करना अपने आप में प्रशंसनीय है।

उन्होंने कहा कि विगत 38 वर्षों से इस भव्य आयोजन को संचालित करना अपने आप में एक अद्वितीय कार्य है। हमारी आने वाली पीढ़ियों को भारत के गौरवशाली धार्मिक इतिहास के प्रति प्रेरित करने के लिए ऐसे आयोजन अतिआवश्यक है। श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीरामनवमी उत्सव की भव्यता और सभी के सहयोग से यह आयोजन प्रतिवर्ष एक नई उपलब्धियां अर्जित कर रहा है। श्रीराम जी के आदर्श जीवन व दिखाए गए सदमार्ग का अनुसरण हम सभी को करना चाहिए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए समिति के संरक्षक, प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि 500 वर्षों से करोड़ों रामभक्तों की प्रभु श्रीराम के प्रति जो आस्था थी, वह आस्था अब अपना मूर्तरूप ले रहा है। बहुत ही जल्द अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूर्ण हो जाएगा जो सनातन धर्म, उसकी विरासत और संस्कृति का एक अद्वितीय प्रतीक होगा। इन 38 वर्षों के सफ़र में जिस प्रकार से प्रतिवर्ष एक नई ऊँचाइयों पर ले जाने में भिलाई की प्रबुद्ध जनता ने अपना अनुपम सहयोग हमें प्रदान किया; वह इस आयोजन की नींव है।

श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीराम नवमी उत्सव को मध्य भारत के सबसे बड़े धार्मिक एवं संस्कृति आयोजन के रूप में ख्याति दिलाने में अपना सहयोग देने वाले प्रत्येक व्यक्ति का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।  जनसहयोग से प्राप्त महाप्रसादी में भिलाई के हर व्यक्ति की सहभागिता यह प्रदर्शित करती है की हमारा भिलाई सर्वधर्म समभाव का प्रतीक स्थल है। एक ध्वज से शुरू हुई इस यात्रा में आज सैकड़ों मठ-मंदिरों से ध्वज वाहक शोभायात्रा के शोभा बढ़ा रहें हैं। यह आयोजन भिलाई की एकता का वह मानक है जो भारतवर्ष में अपनी एक अलग छाप छोड़ रहा है।

तत्पश्चात समिति द्वारा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संत श्री श्री 1008 राम बालकदास जी महाराज, मुख्य वक्ता डॉ. हिमांशु द्विवेदी एवं अध्यक्षता कर रहे प्रेमप्रकाश पाण्डेय का स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का स्वागत भाषण बुद्धन ठाकुर ने दिया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में समिति के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश माने, प्रांतीय महामंत्री बुद्धन ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, एवं जिलाध्यक्ष सेवकराम साहू उपस्थित हुए।

श्रीरामनवमी पर हुए भव्य आयोजन पर हुई यह परेशानी भी भक्तों को रोक नहीं सकी, पढ़ें पूरी खबर..

साथ ही निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, पार्षद पीयूष मिश्रा, श्यामसुंदर राव, विनोद सिंह, श्रीमती वीणा चंद्राकर, श्रीमती गिरीजा बंछोर, श्रीमती सरिता बघेल, श्रीमती ईश्वरी नेताम, श्रीमती शकुंतला साहू, श्रीमती गजेन्द्री कोठारी, श्रीमती स्मिता ढ़ोडके, श्रीमती सत्यवती जायसवाल, श्रीमती प्रियंका भोला साहू, श्रीमती लक्ष्मी दिवाकर, संतोष मौर्या, महेश वर्मा, धर्मेंद्र भगत, राम किशुन विधि यादव, नोहर वर्मा, विनोद चेलक, संजय सिंह, मुकेश अग्रवाल, श्रीमती अपर्णा दास गुप्ता, सत्यप्रकाश शर्मा, .श्रीमती लक्ष्मी साहू, गुरूशरण सिंह एवं राजेंद्र कुमार श्रीमती रश्मि सिंह भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

समिति के युवा विंग अध्यक्ष मनीष पाण्डेय ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भिलाई लघु भारत है इसलिए यहां भारत के विभिन्न प्रांत के लोग रहते हैं और जब भगवा समर्थकों ने जिम्मेदारी लेकर प्रभु श्रीराम के पदचिन्हों पर चलकर कार्य करने का प्रयास किया, तब भिलाई में राम राज्य आया और भिलाई में विकास हुआ है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में इस्पात नगरी के इस्पाती इरादों वाले हमारे सनातनियों का भी बड़ा योगदान रहा है।

श्रीरामनवमी पर हुए भव्य आयोजन पर हुई यह परेशानी भी भक्तों को रोक नहीं सकी, पढ़ें पूरी खबर..

आकर्षक झांकियां – समिति के अंतर्गत सभी मंडलों द्वारा श्रीरामनवमी के लिए भव्य आकर्षक स्वचलित झांकियां निकाली गई। जिसमें सुपेला मंडल द्वारा अंतर्गत लक्ष्मी मार्केट से महाकालेश्वर भस्म आरती की झांकी, खुर्सीपार मंडल द्वारा राम दरबार, हाथी पर सवार छत्रपति शिवाजी एवं महामाया मंदिर मॉडल, वैशाली नगर मंडल द्वारा राम दरबार की झांकी, कैंप मंडल द्वारा अखाड़ा, रिसाली मंडल द्वारा महामाया महिमा अपार एवं राम दरबार की झांकी निकाली गई। वहीं पूर्व मंडल द्वारा राम जानकी झांकी तथा पश्चिम मंडल द्वारा रामेश्वर धाम की झांकी निकाली गई। शोभायात्रा को भव्य बनाने के लिए विभिन्न मंडलों द्वारा भी आकर्षक झांकियां निकाली गई।

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