छत्तीसगढ़दुर्ग

दुर्ग में महिला बाल विकास विभाग के पास धरना, सेवा से बहाल करने के लिए कार्यालय के सामने की नारेबाजी…

दुर्ग – आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संयुक्त मंच के बैनर तले अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर लगातार धरना प्रदर्शन कर रही हैं। वे अपनी बात प्रदेश सरकार तक पहुंचाने का प्रयास कर रही हैं। वहीं इसी बीच लगातार धरना प्रदर्शन किए जाने को लेकर परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय से हड़ताल कर रही आंगनबाड़ी महिलाओं की अध्यक्ष गीता बाघ को सेवा समाप्ति का नोटिस मिल गया है। इस आदेश के बाद प्रदर्शन पर बैठी सारी महिलाओं ने जिला महिला बाल विकास विभाग पहुंच आक्रोश जताया साथ ही जमकर नारेबाजी की।

6 सूत्रीय मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने किया था प्रदर्शन

बता दें अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ जुझारू आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका कल्याण संघ व आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका यूनियन सहित संयुक्त मंच के बैनर तले सभी आंगनबाड़ी महिलाओं ने पूरे प्रदेश भर में अपना आक्रोश जताते हुए प्रदर्शन जारी रखा है। इसके चलते हैं सिर्फ दुर्ग में एक संगठन का नेतृत्व कर रही अध्यक्ष पर सेवा समाप्ति के मिले आदेश पर अपना आक्रोश जताया है। इसी कड़ी में आज महिला बाल विकास परियोजना कार्यालय के सामने सैकड़ों की संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका ने जमकर प्रदर्शन किया और नारेबाजी लगाकर मिले आदेश को निरस्त कर बहाली किए जाने का ज्ञापन सौंपा है।

दुर्ग में महिला बाल विकास विभाग के पास धरना, सेवा से बहाल करने के लिए कार्यालय के सामने की नारेबाजी...

कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने राज्यपाल के नाम दिया था ज्ञापन  

बता दें कि इसके पहले बीते दिन जशपुरनगर में छह सूत्री मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बैठी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने राज्यपाल के नाम पर ज्ञापन सौंपकर उन्हें अपनी मांगों और आंदोलन को कुचलने के लिए किए जा रहे प्रयास से अवगत कराया था। संघ ने राज्यपाल से मिलने के लिए समय का भी अनुरोध किया था।

36 दिन से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाआंदोलन कर रही हैं

संघ की जिलाध्यक्ष कविता यादव के अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नर्सरी शिक्षक की मान्यता, मानदेय में वृद्वि और पेंशन सुविधा सहित अन्य मांगों को लेकर 36 दिन से जशपुर सहित पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका, आंदोलन कर रही है। आंगनबाड़ी केन्द्र और परिवार को छोड़ कर महिलाएं सड़क में बैठी हुई है। लेकिन प्रदेश सरकार संघ से बातचीत करने के लिए राजी नहीं हो रही है। उन्होनें बताया कि बातचीत कर बीच का रास्ता निकालने की जगह प्रदेश सरकार सख्त कार्रवाई की चेतावनी देते हुए 48 घंटे के अंदर में ड्यूटी ज्वाइन करने का नोटिस थमा कर डर दिखाने का प्रयास कर रही है।

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