बिलासपुर में अवैध शराब बेचने का आरोप लगाते हुए एक घर में घुसकर एसआई और आरक्षक ने जमकर हंगामा मचाया। जिस घर में पुलिस कर्मी गए थे, वहां लड़की की सगाई चल रही थी। आरोप है कि पुलिसवालों ने महिलाओं के साथ बदसलूकी करते हुए मारपीट भी की। पुलिस को देखकर सगाई करने पहुंचे लड़के वालों को रस्म पूरी किए बिना ही लौटना पड़ गया।
इधर, मामला सामने आने के बाद पुलिस अफसर अपने जवानों के बचाव में कूद गए हैं और जांच से पहले ही शिकायतकर्ताओं को झूठा साबित करने का प्रयास कर रहे हैं। पूरा मामला कोटा थाना क्षेत्र का है। ग्राम बिल्लीबंद निवासी सुरेश लहरे की बेटी की रविवार को सगाई थी। तखतपुर क्षेत्र से वर पक्ष के लोग सगाई के लिए गांव पहुंचे थे। रात करीब 8.30 बजे दोनों पक्ष रस्म अदायगी करने वाले थे।
तभी कोटा थाने में तैनात एसआई सिदार दो आरक्षकों के साथ सुरेश लहरे के घर पहुंचे। इस दौरान घर में अवैध शराब रखने और बेचने का आरोप लगाते हुए तलाशी लेने लगे। पुलिसकर्मियों की हरकतों को देखकर उन्होंने विरोध किया, तब एसआई और आरक्षकों ने महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार शुरू कर दिया। इधर, पुलिस के इस रवैए से नाराज ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी।
भीड़ बढ़ने पर थाने से बुलाया स्टाफ
इस दौरान पुलिसकर्मियों के सगाई वाले घर में घुसकर बदसलूकी करने और जबरदस्ती अवैध शराब बेचने की जानकारी मिलने पर गांव वालों की भीड़ जुट गई। वहीं, भीड़ देखकर पुलिसकर्मियों ने थाने से अतिरिक्त बल बुला लिया और परिवारवालों को धमकाने लगे।
युवती बोली- वीडियो बनाने पर लूट लिया मोबाइल
इस घटना के बाद परिवारवालों ने थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा के साथ ही पुलिस अफसरों से शिकायत की, जिस पर उल्टा सुरेश लहरे और उसके परिवारवालों को ही दोषी बताया गया। इससे परेशान होकर परिवारवाले रविवार देर रात पुलिस कंट्रोल रूम पहुंचे। हालांकि, यहां उन्हें कोई नहीं मिली। इधर, जिस युवती की सगाई होने वाली थी। उसने बताया कि वह पुलिसवालों का मोबाइल से वीडियो बना रही थी। इसे देखकर पुलिसकर्मियों ने उसका मोबाइल लूट लिया और उसका बाल पकड़कर बदसलूकी करने लगे।
आईजी से की शिकायत, दोषियों पर कार्रवाई की मांग
सोमवार को सुरेश लहरे सहित परिवारवालें आईजी ऑफिस पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी शिकायत में पूरी घटना की जानकारी दी है। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। इस मामले की जानकारी होने के बाद एसएसपी पारूल माथुर ने मामले की जांच के लिए एएसपी ग्रामीण राहुल देव शर्मा को जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
जांच से पहले पुलिसकर्मियों के बचाव में उतरे थाना प्रभारी
इधर, मामले की जांच शुरू होने से पहले ही कोटा थाना प्रभारी दिनेश चंद्रा पुलिसकर्मियों के बचाव में आ गए हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम बिल्लीबंद निवासी सुरेश लहरे के साप्ताहिक बाजार में भारी मात्रा में महुआ शराब बेचने की सूचना मिली थी। वह अपने दुकान में महुआ शराब को छिपा कर रखा था। इस पर एसआई सिदार के नेतृत्व में टीम गांव गई थी।
पुलिस को देखकर घर की महिलाओं ने शराब को नष्ट करना शुरू कर दिया। पुलिस के रोकने पर महिलाओं ने विवाद शुरू कर दिया। उन्होंने यह भी बताया है कि सुरेश लहरे के घर में कोई सगाई का कार्यक्रम नहीं था। उसके खिलाफ पहले भी आबकारी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। एडिशनल एसपी की जांच से पहले ही थाना प्रभारी की इस सफाई को लेकर भी तरह-तरह की चर्चाएं हो रही है।
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