दुर्ग / छ0ग0 नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17-क (1) के तहत छ०ग० शासन द्वारा गठित समिति की अध्यक्षता में बैठक आहूत की गई। जिसमें अध्यक्ष भूपेन्द्र कश्यप जी नगर पंचायत पाटन, जिला दुर्ग (छ.ग.). अध्यक्ष माननीया श्रीमती शालिनी यादव, जिला पंचायत, दुर्ग (छग), श्रीमती पदमिनी भोई, अपर कलेक्टर, जिला दुर्ग (छ ग) सरपंच, ग्राम पंचायत दैवमोर, बठेना, सिकोला, सुपकान्हा, सोनपुर खम्हरिया, जिला दुर्ग (छ.ग.) पार्षद, ग्राम पंचायत, खोरपा, अटारी, अखरा जिला दुर्ग (छ.ग.), सहायक अभियंता, लोक निर्माण विभाग जिला दुर्ग (छ.ग.) प्रभारी संयुक्त संचालक, विमल बगवैया, नगर तथा ग्राम निवेश, दुर्ग (छ.ग.), सलाहकार संस्था सॉई कन्सल्टेंसी रायपुर के यशवंत सोनी, रायपुर (छ.ग.) प्र०संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश, दुर्ग (छ.ग.) के द्वारा उपस्थित सदस्यों को पाटन निवेश क्षेत्र के गठन उसकी सीमाओं की जानकारी देते हुए “पाटन विकास योजना 2031 (प्रारूप) का संक्षिप्त परिचय दिया गया ।
जानकारी दी गई कि छ०ग० नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम की धारा 15 (1) के तहत् वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र व रजिस्टर का प्रकाशन दिनांक 15.12.2014 को किया गया तथा अधिनियम की धारा 15 (4) के तहत वर्तमान भूमि उपयोग मानचित्र व रजिस्टर का अंगीकरण दिनांक 11.12.2015 को किया गया था। पाटन निवेश क्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए वर्तमान एवं भविष्य की संभावनाएं एवं आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए नगर तथा ग्राम निवेश विभाग द्वारा विकास योजना तैयार करने के लिए छ0ग0 शासन द्वारा छ0ग0 नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 17-क (1) के तहत् समिति का गठन किया गया है।
प्र०संयुक्त संचालक द्वारा सदस्यों को अवगत कराया गया कि विकास योजना सबके भागीदारी से बनायी जाती है साथ ही यह जानकारी दी गई कि इस बैठक में समिति के समक्ष प्रस्तुत प्रारूप में समिति के सुझावों को सम्मिलित कर विकास योजना प्रारूप का प्रकाशन किया जाएगा। उक्त संबंध में सॉई सॉई कन्सल्टेंट की ओर से उपस्थित यशवंत सोनी के द्वारा पाटन विकास योजना 2031 (प्रारूप) के संबंध में प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि पाटन एक कृषि प्रधान एवं चतुर्थ श्रेणी का नगर है जिसकी वर्तमान जनसंख्या वर्ष 2011 के अनुसार 32129 है।
वर्ष 2031 तक जनसंख्या 1 लाख मानते हुए विकास योजना तैयार की जा रही है। पाटन नगर का कृषि आधारित औद्योगिक और वाणिज्यिक केन्द्र के रूप में विकास की संभावनाएं है। लेकिन बेतरतीब विकास एवं प्रदूषण, बस स्टैण्ड के सुव्यवस्थित उपयोग न होना पाटन विकास में बड़ा खतरा है, इस हेतु सार्वजनिक एस.टी. पी. का प्रावधान विकास योजना में किया गया है। नगर तथा ग्राम निवेश क्षेत्रीय कार्यालय दुर्ग द्वारा अधिनियम की धारा-16 के तहत स्वीकृत अभिन्यास को भी अंकित किया गया है।
इसके अलावा चिकित्सा एवं उच्च शिक्षा सुविधाओं का शहर में अभाव है इन सबको ध्यान में रखते हुए पाटन विकास योजना 2031 (प्रारूप) तैयार की जा रही है। सलाहकार संस्था के द्वारा कलर कोडिंग व इन्डेक्स के बारे में जानकारी दी गई तथा कलर कोडिंग का महत्व समझाया गया। समिति के सदस्यों से विकास योजना के संबंध में अपने सुझाव एवं विचार लिखित में प्रस्तुत करने हेतु निवेदन किया गया ताकि पाटन विकास योजना सुनियोजित एवं व्यवस्थित रूप से तैयार की जा सके।
प्रस्तुतिकरण के उपरांत समिति के संयोजक एवं उप संचालक महोदय द्वारा माननीय सदस्यों एवं प्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किया गया जिसमें सदस्यों के द्वारा निम्न सुझाव दिए गये है :-
अध्यक्ष, जिला पंचायत जिला दुर्ग के द्वारा सुझाव दिया गया कि, विकास योजना के प्रस्तावों की स्थल पर जाकर संबंधित ग्रामों के सरपंचों के साथ विचार विमर्श कर प्रस्तावों को अंतिम रूप दिया जाये।
अध्यक्ष, नगर पंचायत पाटन के द्वारा सुझाव दिया गया कि, ग्राम अटारी के रानीतराई रोड से मटिया रोड का विकास किया जावे तथा इसके समीप 25 एकड घास भूमि में कृषि आधारित उद्योग का विकास प्रस्तावित किया जावे।
उपाध्यक्ष नगर पंचायत पाटन के द्वारा अध्यक्ष जिला पंचायत दुर्ग के प्रस्तावों पर सहमति दी गई तथा विकास योजना में सब्जीमंडी, फुड प्रोसेसिंग प्लॉट एवं कृषि आधारित उद्योगों के प्रस्ताव दिए जाए का सुझाव दिया गया ।
सरपंच, ग्राम पंचायत बठेना द्वारा ग्राम बठेना से देवमौर मार्ग में स्थित 23-24 एकड़ बांध जो कि वर्तमान में सुखा है, उसका गहरीकरण कर उसका विस्तार किया जाए ताकि आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सके।
ग्राम खोरपा के पार्षद लीलाधर वर्मा के द्वारा ग्राम ठकुराईन टोला को निवेश क्षेत्र में शामिल किए जाने तथा सोनपुर नाला पुलिया के पास से पाटन खार जाने वाले सड़क के विकास का सुझाव दिया गया।
अन्य उपस्थित सदस्यों के द्वारा पाटन विकास योजना 2031 (प्रारूप) की सराहना करते हुए सहमति प्रकट की गई। प्राप्त सुझावों के उपरांत अंत में प्र०संयुक्त संचालक, नगर तथा ग्राम निवेश, दुर्ग के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित करते हुए आभार प्रकट कर बैठक समाप्त की गई।
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