दुर्ग / दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित लाइवलीहुड बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर अंजोरा, दुर्ग में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति एवं जनजाति हब, राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम, सूक्ष्म, लघु और मध्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत अनुसूचित जाति एवं जनजाति हेतु क्षमता विकास कार्यक्रम में बकरी पालन विषय पर 10 दिवसीय निःशुल्क आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम दिनांक 23 दिसंबर 2022 से कृषि विज्ञान केंद्र, अंजोरा, दुर्ग के प्रशिक्षण कक्ष में प्रारंभ किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति डॉ. (कर्नल) एन.पी.दक्षिणकर ने बकरी पालन पर उद्यमिता के असीम अवसर पर बताए कि बकरी पालन छत्तीसगढ़ में अन्य पशुपालन से कैसे उत्तम व लाभप्रद साबित हो सकता है। बकरी पालन में कम पूंजी लगाकर भी अधिक आय प्राप्त की जा सकती है। इस व्यवसाय हेतु अधिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं होती है। कुलपति जी ने प्रशिक्षणार्थियों को आश्वस्त किया कि प्रशिक्षण के बाद भी उद्यमिता को शुरू करने में विश्वविद्यालय उनका साथ देगा।
निदेशक विस्तार शिक्षा डॉ. संजय शाक्य ने कहा कि कृषि के साथ सहायक व्यवसाय के रूप में पशुपालन भी किया जा सकता है वर्तमान समय में बकरी पालन हेतु राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा अनुदान भी दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा लाइवलीहुड के बारे में प्रोजेक्ट के मुख्य अन्वेषक डॉ. धीरेन्द्र भोसले ने बताया तथा उन्होंने कहा कि बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय हैं जिसे छोटी जगहों में भी आसानी से किया जा सकता है।
यह आजीविका का एक अच्छा स्रोत हो सकता है। इस कार्यक्रम में निदेशक अनुसंधान सेवाएं डॉ.ओ.पी.मिश्रा,अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. नीलू गुप्ता, निदेशक पंचगव्य संस्थान डॉ.के.एम.कोले, डॉ.मनोज गेंदलें, विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ. दिलीप चौधरी, डॉ. राकेश मिश्र, डॉ.सुभाष वर्मा, डॉ.शिवेश कुमार देशमुख, डॉ.अमित कुमार गुप्ता, डॉ.रुपल पाठक एवं 30 प्रशिक्षणार्थी जिसमें ज्यादातर महिलाएं उपस्थित रहे।