अन्‍यछत्तीसगढ़दुर्ग

एक-दो साल में दुर्ग की सूरत पहचानना मुश्क़िल – जिलाधीश

दुर्ग – दुर्ग शहर में नागरिक सुविधाओं के लिए अब तक किये गये सबसे बड़े उपक्रम अब आकार लेने लगे हैं। जल्द ही ये पूरी तरह मूर्त रूप ले लेंगे।

एक-दो साल में दुर्ग की सूरत पहचानना मुश्क़िल - जिलाधीश

करोड़ों रुपए से बन रहे इन अधोसंरचना के कार्यों एवं पानी-बिजली जैसी नागरिक सुविधाओं को उच्चतर स्तर में ले जाने के कार्यों से एक-दो साल में दुर्ग की सूरत इतनी निखर जाएगी कि जिन्होंने पुराना दुर्ग शहर देखा होगा, उसे यकीन करना मुश्किल होगा कि उनका शहर कितना निखर गया है और कितना कुछ सुंदर, नवाचारी और नागरिक केंद्रित प्रयोग इन बरसों में हो गये हैं।

एक-दो साल में दुर्ग की सूरत पहचानना मुश्क़िल - जिलाधीश

कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने सुबह-सुबह ये सारे कार्य देखें तो इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने के लिए और नागरिक सुविधाएं विकसित करने किये जा रहे हैं। देखिये किस तरह की अधोसंरचनाएं दुर्ग शहर को बदल रही हैं। इन लैंडमार्क में आज कलेक्टर भी पहुँचे और आयुक्त श्री हरेश मंडावी को कार्यों को तय समयावधि में और गुणवत्तापूर्वक करने निर्देशित किया।

शहर की मुख्य सड़क सुसज्जित होगी –                          नेहरू नगर रोड से मिनी माता चौक तक पहुँचना किसी भी नागरिक के लिए अद्भुत अनुभव होगा। यह बेहद सुंदर सड़क सुंदर उद्यानों से सुसज्जित होगी। इसके अपग्रेडिंग के लिए 58 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया गया है। शहर की जीवन रेखा इस सड़क को सुंदर और उपयोगी बनाने विस्तार से प्रोजेक्ट बनाया गया है और इस पर तेजी से कार्य हो रहा है। सुंदर उद्यानों और आकर्षक लैंडस्केप से सजी यह सड़क दुर्ग शहर की सुंदरता को चार चाँद लगा देगी।

शंकर नाला कांक्रीटीकरण कार्य –                                       दुर्ग की निचली बस्तियाँ हर साल शंकर नाला के जलप्रवाह से जलभराव का शिकार होती हैं। इस समस्या के स्थायी हल के लिए शंकर नाला के कांक्रीटीकरण का कार्य हो रहा है। 16 करोड़ रुपए की लागत से हो रहे इस कार्य से बरसात के दिनों में आम जनता को दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसका शहरी क्षेत्र में काम पूरा होने को है। हर बार सिंधी कालोनी, विजय नगर जैसे इलाके इससे प्रभावित होते थे लेकिन इस बार शंकर नाला में किये गये कार्यों का प्रभाव जमीनी स्तर पर दिखा है। कलेक्टर ने आज कार्य की प्रगति का निरीक्षण भी किया और शेष काम तेजी से निपटाने निर्देशित किया।

ठगड़ा बाँध सौंदर्यीकरण कार्य –                                       रायपुर में तेलीबांधा तालाब सौंदर्यीकरण के पश्चात मरीन ड्राइव की तर्ज पर विकसित हुआ है। उसी तरह से बूढ़ा तालाब का कार्य भी रायपुर में हुआ है। दुर्ग में ठगड़ा बाँध में भी लगभग साढ़े 13 करोड़ रुपए की लागत से सौंदर्यीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। बाँध के बीचोंबीच एक आईलैंड विकसित किया जा रहा है। बाँध के चारों ओर गार्डन , साइकिल ट्रैक, जागिंग ट्रैक, चिल्ड्रन पार्क आदि की सुविधा होगी। बोटिंग का मजा भी लोग ठगड़ा बाँध में ले सकेंगे। दुर्ग शहर के लोगों को तफरीह के लिए बड़ी सुंदर जगह मिल पाएगी। इसके बिल्कुल बगल में तालपुर में बायोडायवर्सिटी पार्क विकसित किया जा रहा है। इस तरह पर्यावरण के साथ मनोरंजन के अद्भुत हाटस्पाट के रूप में निकट भविष्य में ठगड़ा बाँध और यह क्षेत्र विकसित होगा।

पुलगाँव नाका डायवर्सन कार्य –                                      शुद्ध पेयजल नगर निगम को सर्वोच्च प्राथमिकता लेते हुए पुलगांव नाका डायवर्सन कार्य किया जा रहा है। इस कार्य की लागत 3 करोड़ 53 लाख रुपए है। इसके बनने से नाले का पानी डायवर्ट हो जाएगा और शिवनाथ के इंटकवेल के पास अशुद्ध जल नहीं मिलेगा। शहर को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पूरी तरह मुकम्मल करने की दिशा में यह बेहद महत्वपूर्ण पहल है। आज अपने निरीक्षण में कलेक्टर ने निगम अधिकारियों को इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तेजी से पूरा करने निर्देशित किया।

आधी आबादी की सुविधा का ध्यान, कामकाजी महिलाओं के लिए सुव्यवस्थित बड़ा हास्टल –                                कामकाजी महिलाओं को एक ही कैंपस में सुरक्षा के साथ रहने की अच्छी सुविधा मिल सके, इस बात को ध्यान में रखते हुए लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपए की लागत से हास्टल बनाया जा रहा है। इसका कार्य 80 फीसदी तक पूरा हो चुका है। कलेक्टर ने आज अपने दौरे में यहाँ फर्नीचर आदि की अच्छी व्यवस्था के संबंध में निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोशिश यह हो कि महिलाओं को हर संभव सुविधा कैंपस में मिल सके।

आडिटोरियम से सांस्कृतिक जगत होगा समृद्ध                    किसी शहर की संस्कृति को निखारने वाली सबसे अच्छी इमारत आडिटोरियम होती है जहाँ सैकड़ों प्रतिभाएं निखरती हैं और लोगों का कलाबोध परिष्कृत होता है। दुर्ग शहर सांस्कृतिक पहचान के रूप में अग्रणी रहा है। इस सांस्कृतिक रुचि को अधिक परिष्कृत करने आडिटोरियम का निर्माण हो रहा है। लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस आडिटोरियम में लगभग 500 लोगों के बैठने की सुविधा होगी। यहाँ एकास्टिक से लेकर हर दृश्य-श्रव्य हर माध्यम पर बारीक काम किया जा रहा है।

इंदिरा मार्केट सब्जी मंडी में शेड निर्माण कार्य                    इंदिरा मार्केट सब्जी मंडी को व्यवस्थित करने की दिशा में यह कार्य बेहद अहम है। लगभग 48 लाख रुपए की लागत से होने वाले कार्य से इंदिरा मार्केट में व्यवसायियों और उपभोक्ताओं को सुविधा होगी। कलेक्टर ने यहाँ का निरीक्षण भी किया और तय समयावधि में कार्य पूरा करने निर्देशित किया।

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