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धमधा विकासखण्ड के मिडिल स्कूल पोटिया के छात्रों को मिला मेहनत का फल…

दुर्ग – ‘‘कहते है यदि मन में दृढ इच्छाशक्ति और लगन हो तो दुनिया की हर चीज सम्भव है’’। प्रतिभा कभी भी किसी भी चीज की मोहताज नही होती है बस उसे सही समय और सही अवसर की प्रतीक्षा होती है।

धमधा विकासखण्ड के मिडिल स्कूल पोटिया के छात्रों को मिला मेहनत का फल...

कोरोनाकाल जैसे आपदा के समय में धमधा विकासखण्ड के मिडिल स्कूल पोटिया के छात्रों ने इसे अवसर में बदला है इस बार यहाँ से 10 विद्यार्थियों का चयन राष्ट्रीय सह साधन प्रावीण्य छात्रवृत्ति (एनएमएमएसई) के लिए हुआ है। अब यहाँ के हरेक छात्रों को हर माह एक हजार रूपये की छात्रवृत्ति नवमी से बारहवीं तक मिलेगी।

यहाँ का हर शिक्षक हरफनमौला                                    मिडिल स्कूल पोटिया का पूरा स्टाफ हरफनमौला है, कोई भी काम मुझसे नही होगा, ऐसा कोई शब्द इनकी डिक्शनरी में है ही नही। कोरोनाकाल में पूरे स्टाफ ने मिलकर एनएमएमएसई हेतु मोहल्ला में स्पेशल क्लास लगाई। इसी का यह सुखद परिणाम रहा है कि थोड़ा-थोड़ा प्रयास करते-करते आज विद्यालय राष्ट्रीय स्तर तक पहुच गया और केंद्रीय कैबिनेट मंत्री ने इस विद्यालय को स्वच्छता के लिए पुरष्कृत किया। सुश्री रुक्मणी शोरी, सुश्री मंजूषा डोंगरे, श्री धनुष कुमार नेताम, श्री पवन कुमार सिंह ये सभी मिडिल स्कूल पोटिया के शिक्षकीय स्टाफ है। साथ में संकुल समन्वयक श्री अमितेश तिवारी भी मार्गदर्शक की महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।

हर कोई इनके स्कुल का मुरीद                                    प्रशासनिक स्तर का हर अधिकारी इनके स्कुल का मुरीद है। जिले के अधिकारी ही नही राज्य के अधिकारी भी इनके स्कुल का पीठ थपथपाई। पोटिया स्कुल के शिक्षक पवन सिंह ही इस छात्रवृत्ति परीक्षा के मुख्य पथप्रदर्शक है। इस छात्रवृत्ति परीक्षा से गांव के पालको में अवेयरनेस आई है। पोटिया स्कुल के 10 वर्षों में अबतक कुल चयनित विद्यार्थी 38 है। वर्ष 2020 में चितेश्वरी, नेगिता, मानसी, गौरी, नीलिमा, कोनिका, भेखराज, निखिल, गिरिराज और आयुष चयनित हुए है ।

समय पड़ने पर खुद के वेतन को भी स्कुल में लगाया        समय-समय पर जन समुदाय से भी सहयोग लिया और लगभग 8 साल के अंदर सभी स्टाफ ने मिलकर लगभग 4 लाख रूपये स्कुल के लिए अपने वेतन से भी भेट दिया।

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