रीवा में सेनेटरी पैड और दवाइयों से बनाई अब तक की सबसे बड़ी कलाकृति, जानिए बनाने की वजह…
रीवा. रीवा के शासकीय कन्या महाविद्यालय (Govt. girls Collage Rewa) के परिसर में बने नये ऑडिटोरियम में एक कलाकृति बनाई गई है. इससे महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म के बारे में जागरूक किया जा रहा है. यह कलाकृति महिला जागरुकता के लिए बनाई गई है. इसका आकार 50×80 फीट है जो अपने आप में एक रिकार्ड है. क्योंकि अब तक दवाइयों से किसी ने इतनी बड़ी आकृति को जमीन में उकेरा ही नहीं है.
रीवा की रहने वाली बेटी विभूति मिश्रा अक्सर सामाजिक जागरुकता के लिए नए काम करती हैं. उन्हें प्रशासनिक स्तर पर प्रोत्साहन भी मिलता है. अब एक बार फिर विभूति मिश्रा ने नया कारनामा करके दिखाया है. वो एक स्केच आर्टिस्ट हैं और उन्होंने महिलाओं के मासिक धर्म को लेकर जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से एक कलाकृति जमीन पर बनायी है. ये आकृति तकरीबन 50×80 फीट की है. इसके लिए 30 हजार मेडिसन स्ट्रिप्स लगे. इसमें आयरन, कैल्शियम, और विटामिन की गोलियों के अलावा 10 हजार सेनेटरी पैड का इस्तेमाल किया गया है.
सेनेटरी पेड और टेबलेट से पोट्रेट
विभूति मिश्रा उसके दो सहयोगियों को ये बनाने में 2 दिन का वक्त लगा. ये बनाने में सेनेटरी नैपकिन, कैल्शियम, आयरन व विटामिन की टेबलेट का इस्तेमाल किया है. खास बात ये है कि छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन के उपयोग के साथ-साथ खून की कमी जैसे गंभीर विषय पर जागरुक किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य था. इस पोट्रेट में प्रयोग की गई सारी दवाइयां और नैपकिन छात्राओं बांट दिए जाएंगे.
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भेजा गया
सेनेटरी नैपकिन, कैल्शियम, विटामिन, आयरन की टेबलेट्स के साथ तैयार किया गया यह पोट्रेट न केवल भारत बल्कि एशिया में सबसे बड़ा माना जा रहा है. इस काम में स्केच आर्टिस्ट विभूति मिश्रा के अलावा नीरज कुमार विकास वर्मा ने भी सहयोग किया है. इस पूरे कार्यक्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भेजा जा रहा है. उम्मीद है इस पोट्रेट को देश के सबसे बड़े पोट्रेट का दर्जा मिलेगा. विभूति मिश्रा ने यह भी बताया कि इंडिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल होने के साथ-साथ ये अब तक की विशेषकर मेडिसिनल पोट्रेट है जो एशिया में सबसे बड़ी है.
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