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पंद्रह किमी के लुमती नाले में ट्रीटमेंट हुआ तो डेढ़ हजार किसान रबी फसल लेने लगे, 745 हेक्टेयर में 1610 किसान कर रहे खेती…

दुर्ग / धमधा जनपद के किसान खेती में अग्रणी हैं लेकिन बारिश के मामले में पिछड़ जाते हैं। यह ऐसा इलाका है जहां पानी अपेक्षाकृत कम बरसता है ऐसे में पूरी उद्यमशीलता के बावजूद किसानों की खेती पिछड़ जाती है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार बनते ही ऐसा हुआ कि किसानों की सारी दिक्कत दूर हो गई।

एक छोटा उदाहरण लुमती नाले के किनारे बसे किसानों का लें। गहरी गाद जमने के कारण लुमती नाला अप्रभावी हो गया था। नरवा ट्रीटमेंट आरंभ हुआ तो गहराई तक जमी गाद निकाल दी गई। जो स्ट्रक्चर टूटे हुए थे उन्हें ठीक कर दिया गया। नतीजा यह हुआ कि करीब के पांच गांवों में जलस्तर तेजी से बढ़ गया।

लुमती नाले की साढ़े दस किमी एरिया में सफाई की वजह से 745 हेक्टेयर सिंचाई रकबा बढ़ गया। इससे पांच गांवों में 1640 किसानों को सुविधा मिल गई। इस ट्रीटमेंट से टेमरी, पोटिया, खर्रा, हिर्री, सेवती आदि में किसानों को लाभ मिल रहा है। पहले इस नाले में 9 महीने तक ही पानी रहता था। अब पानी अधिक समय तक टिकता है साथ ही भूमिगत जल का स्तर भी काफी बढ़ गया है जिससे बोर के माध्यम से किसान खेती कर पा रहे हैं।

पोटिया के सरपंच उत्तम कुमार साहू ने बताया कि नरवा विकास योजना से पुराने जल स्त्रोतों को पुनरजीवित किया जा रहा है जिससे ग्रामीणों को पर्याप्त जल उपलब्ध हो रहा है। जिससे खेती करने में सुविधा मिल रही है। यह सरकार की ग्रामीणों के लिए बहुउपयोगी योजना है। किसान नरोत्तम देशमुख बताते है कि इनकी कुल 6 एकड भूमि है।

जिसमें वह एक ही फसल ले पाते थे। धान उसमें भी पूर्णता से सिचिंत नहीं हो पाता था अब वह दूसरी फसल ले रहे हैं। गेंहूँ चना आदि वे उगा रहे हैं। मुरली साहू बताते है कि इनकी कुल 1.5 एकड भूमि है। जिसमें वह भी दूसरी फसल ले रहे हैं। धान केला की फसल ले रहे हैं। किसानों का कहना है कि वह सिर्फ धान की फसल ले पाते, नरवा का पुनजीर्वित किये जाने से जो पानी बहकर निकल जाता था अब वह दूसरी फसल ले रहे हैं।

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