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राज्यसभा में विदेश मंत्री ने चीन को दी चेतावनी: कहा- LAC पर बदलाव की कोशिश बर्दास्त नहीं करेगा भारत…

संसद के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र के पहले दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन को दो टूक संदेश दिया। उन्होंने कहा कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन की एकतरफा बदलाव की कोशिश को भारत बर्दास्त नहीं करेगा। विदेश मंत्री ने बुधवार को राज्यसभा में भारत की विदेश नीति पर बयान के दौरान ये बातें कहीं। सदन में उन्होंने चीन को चेतावनी दी कि अगर बॉर्डर पर चीनी सेना निर्माण कार्य जारी रखता है तो इसका दोनों देशों पर गंभीर असर पड़ेगा, जो समान्य नहीं होगा।

रूस से तेल खरीदना बाजार पर निर्भर

विदेश मंत्री ने कहा कि कतर में पूर्व नौसेना अधिकारियों के मसले पर कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है। उनका हित हमारे लिए पहली प्रथमिकता है। जयशंकर के मुताबिक भारत राजदूत और वरिष्ठ अधिकारी कतर सरकार के लगातार संपर्क में है।

इसके अलावा उन्होंने रूस से कच्चे तेल की खरीद करने के मामले में कहा कि हम अपनी कंपनियों से रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं कहते हैं। हम उनसे वह खरीदने के लिए कहते हैं, जो उनके लिए सबसे अच्छा ऑप्शन है। यह बाजार पर निर्भर करता है, यह एक सेंसिबल पॉलिसी है कि भारतीय लोगों के हित में हमें सबसे अच्छा सौदा कहां मिलता है।

धनखड़ ने न्यायपालिका को याद दिलाई लक्ष्मण रेखा

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधा है। राज्यसभा में बतौर सभापति अपने पहले संबोधन में धनखड़ ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति कानून (एनजेएसी) का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधेयक के लिए 99वां संवैधानिक संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से 2014 में पारित किया गया था। इस बिल को 2015 में कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उपराष्ट्रपति ने इसे संसदीय संप्रभुता के साथ गंभीर समझौता करार दिया।

उन्होंने कहा- ये उस जनादेश का असम्मान है, जिसके संरक्षक उच्च सदन (राज्यसभा) और लोकसभा हैं। उन्होंने कहा कि संसद द्वारा पारित एक कानून, जो लोगों की इच्छा को दर्शाता है, को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया और दुनिया को ऐसे किसी भी कदम के बारे में कोई जानकारी नहीं है। यह चिंताजनक बात है कि इस बहुत ही महत्वपूर्ण मुद्दे पर संसद का ध्यान नहीं है। यह कानून जजों की नियुक्ति में सरकार को ज्यादा अधिकार देने के संबंध में था।

सरकार ने आतंकवाद पडर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई- नित्यानंद राय

राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था में काफी सुधार हुआ है। सरका केंद्रीय कार्मिक मंत्रालयर ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक 2018 से 2021 तक आतंकी हमलों में लगातार गिरावट हुई है। 2018 में 417 हमले हुए थे जबकि 2021 में 229 हमले हुए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जनवरी, 2022 से 30 नवंबर, 2022 तक जम्मू-कश्मीर में 3 कश्मीरी पंडितों सहित 14 अल्पसंख्यक मारे गए।

लोकसभा में भाषण के दौरान अधीर रंजन चौधरी का माइक बंद

सत्र के पहले दिन लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी अपनी बात रख रहे थे। इस दौरान उनकी माइक ऑफ हो गया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि जानबुझकर अधीर रंजन का माइक ऑफ किया गया। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया था कि संसद की परंपरा खत्म करते हुए विपक्ष से सभी सुविधाएं छीनी जा रही हैं। सारी स्टैंडिंग कमेटी विपक्ष से छीन ली गई हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसा क्यों हो रहा है।

सांसदों और विधायकों पर 56 CBI केस दर्ज

केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय ने बुधवार को लोकसभा में बताया कि 2017 से अक्टूबर 2022 तक CBI ने सांसदों और विधायकों के खिलाफ 56 केस दर्ज किए। इनमें से 22 मामलों में CBI ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। सर्वाधिक मामले (10) आंध्र प्रदेश से हैं। यूपी-केरल से 6-6, बंगाल से 5, दिल्ली-बिहार से 3-3, MP और छत्तीसगढ़ से 1-1 केस दर्ज किए गए हैं।

न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक केंद्र सरकार ने ये लिस्ट लोकसभा में पेश की।

शीतकालीन सत्र से पहले PM की अपील- सदन चलने दें

संसद के शीतकालीन सत्र के पहले बुधवार को पीएम मोदी ने मीडिया से बात की। उन्होंने सभी दलों के नेताओं से अपील की कि वे सदन की कार्रवाई को चलने दें। बिना शोरगुल और व्यवधान के चर्चाओं को आगे बढ़ाएं। 15 दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

सत्र की शुरुआत से पहले पीएम ने कहा, ‘पहली बार सदन में आए युवा सांसदों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए हम ज्यादा से ज्यादा अवसर दें। चर्चाओं में भागीदार बनाएं। पिछले दिनों सभी दलों के सांसदों से मेरी मुलाकात हुई है। वे एक बात कहते हैं सदन स्थगित हो जाता है। चर्चा न होने के कारण हम जो सीखना चाहते हैं समझना चाहते हैं, उससे अछूत रह जाते हैं। इसलिए सदन का चलना बहुत जरूरी है। ये सभी युवा सांसदों की मांग है। विपक्ष की भी मांग है कि डिबेट में हमें बोलने का मौका नहीं मिलता है। हमारा बहुत नुकसान होता है।’

29 दिसंबर खत्म होगा सेशन

यह सत्र कुल 23 दिनों का होगा, जिसमें 17 बैठकें होंगी। इस मौके पर सरकार कुल 16 बिल पेश करेगी। इधर, विपक्ष सत्र के दौरान हर दिन एक नया मुद्दा लेकर चर्चा करने की रणनीति बना रही है। माना जा रहा है कि सत्र के दौरान संसद में महिला आरक्षण का मुद्दा फिर से उठ सकता है।

इसके अलावा मोरबी हादसा, महंगाई, बेरोजगारी, चुनाव आयोग अरुण गोयल की नियुक्ति और जजों की नियुक्ति पर कॉलेजियम सिस्टम पर विपक्ष केंद्र को घेर सकता है। सदन की कार्यवाही 29 दिसंबर को समाप्त होगी।

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