दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने सोमवार को जिला कलेक्टोरेट के सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में उन्होंने आगानबाड़ी केंद्र के हितग्राहियों की संख्या, बच्चों और गर्भवती माताओं को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाने वाली पोषण आहार का वितरण, सेक्टरवार गंभीर एवं कुपोषित बच्चों की संख्या, जर्जर एवं निर्माणाधीन आंगनबाड़ी भवन, मिनी आंगनबाड़ी केंद्र, वजन त्यौहार आदि की जानकारी ली।
इस दौरान उन्होंने कहा कि बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में दी जाने वाली पोषण आहार का सभी सेक्टर सुपरवाईजर नियमित रूप से निरीक्षण व मॉनिटरिंग करें। बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण आहार उपलब्ध होना चाहिए। उन्होंने अपने क्षेत्र के मध्यम एवं कुपोषित बच्चों के घर जाकर अभिभावकों से भेंट-मुलाकात करने और उन्हें बच्चों के पोषण आहार के लिए जागरूक करने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
उन्होंने गंभीर कुपोषित बच्चों को जिले में संचालित पोषण पुनर्वास केंद्र में भेजने लिए भी प्रेरित करने की बात कही। कलेक्टर ने सभी सीडीपीओ और सेक्टर सुपरवाईजर को बच्चों के सर्वांगीण विकास तथा उनके संवैधानिक हितों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए शासन द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और योजनाओं को सुव्यवस्थित ढंग से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। जिसमें समेकित बाल विकास सेवा पर विशेष जोर देने की बात कही।
इसके साथ साथ कलेक्टर ने जर्जर, निर्माणाधीन और किराए से संचालित आंगनबाड़ी केंद्र भवनों की जानकारी ली। उन्होंने जर्जर भवनों की सूची शीघ्र भेजने, निर्माणाधीन भवन को पूर्ण गुणवत्ता के साथ शीघ्र पूर्ण कराने और निर्माण हो चुके भवनों की हस्तांतरण की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती माताओं और बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से दी जाने वाली गरम भोजन की समीक्षा भी की और आवश्यक निर्देश दिए।
कलेक्टर ने बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड आदि के लंबित प्रकरणों की भी जानकारी ली और शीघ्र निराकृत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ऐसे घुमंतू बच्चों जिनके माता पिता या अभिभावक नहीं है, जो नशे के में लिप्त हैं आदि , इन बच्चों को भी चिन्हांकित किया जाए। बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन व अन्य अधिकारी गण उपस्थित थे।
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