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सड़क जैसी परिस्थितियों में रह रहे बच्चों का हो रहा चिन्हांकन, जरूरत के दृष्टिकोण से उपलब्ध कराई जाएगी सुविधा…

दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के निर्देशानुसार ज़िले के समस्त नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों में सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बालकों का सर्वे सघन रूप से किया जा रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी विपिन जैन ने बताया कि सर्वे के इस कार्य में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ साथ नगरीयनिकायों, श्रम विभाग, पुलिस विभाग, जिला बाल संरक्षण इकाई तथा चाइल्ड लाइन के कर्मचारी लगातार स्लम बस्तियों एवं चौक चौराहों पर जाकर ऐसे बच्चों की पहचान एवं चिन्हांकन कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के तहत सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बालकों के पुनर्वास हेतु समुचित प्रावधान किए गए हैं । इन प्रावधानों के तहत ऐसे बालकों को, जिनके माता पिता नहीं है अथवा जिनके माता पिता अपने बालकों का समुचित रूप से लालन पालन करने में सक्षम नहीं है ऐसे बालकों के लिए विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत आर्थिक सहायता एवं अन्य सहयोग प्रदान किया जाता है।

सर्वे का यह कार्य सम्पूर्ण ज़िले में निरंतर जारी है। इसी के तहत आज जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग विपिन जैन ने भी टीम के साथ रेलवे स्टेशन एवं आस पास के क्षेत्रों का सर्वे किया तथा ऐसे परिवारों से मुलाक़ात कर उन्हें किशोर न्याय अधिनियम के तहत दी जाने वाली सहायता संबंधी प्रावधानों से अवगत कराया।

टीम के साथ श्रीमती रचिता नायडू परियोजना अधिकारी दुर्ग शहर, संबंधित सेक्टर की पर्यवेक्षक तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं भी उपस्थित थी। उपरोक्त कार्यक्रम के तहत आज भिलाई नगर निगम के विभिन्न क्षेत्रों तथा दुर्ग नगर निगम के साईं मंदिर नेहरू नगर चौक शीतला मंदिर सहित विभिन्न स्लम बस्तियों में जाकर टीम के द्वारा सर्वे का कार्य किया गया। उल्लेखनीय है कि ऐसी परिस्थिति में रह रहे बच्चों का की जरूरतों के अनुसार उन्हें सुविधाएं उपलब्ध की जाएंगी।

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