दुर्ग / कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा द्वारा जिले के कुछ क्षेत्र में फैले डायरिया संक्रमण के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए आपातकालीन बैठक निगम के अधिकारियों के साथ कलेक्ट्रेट कक्ष में रखी गई थी। जिसमें नगर निगम आयुक्तों और संबंधित अधिकारियों के साथ संक्रमण के कारण और निवारण को लेकर गहन चर्चा की गई।
कलेक्टर ने संबंधित विभागों को इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम को अपनाने के लिए निर्देशित किया ताकि शीघ्र संक्रमण पर शिकंजा कसा जा सके व इसके ग्राफ को नगण्य किया जा सके। उन्होंने कहा कि निगम के स्टॉफ पर उनकी पैनी नजर रहेगी तय किए गए दिशा-निर्देशों व प्रोटोकॉल के हिसाब से जो संबंधित अधिकारी कार्य नहीं करेंगें उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने निगम के अधिकारियों को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने के लिए भी निर्देशित किया और स्थिति पर जल्द से जल्द काबू पाया जा सके इसके लिए विशेषज्ञों की सेवाएं लेने की बात भी कही। उन्होंने बैठक में चर्चा के दौरान सभी निगम के आयुक्तों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए निर्देशित किया और ग्रीवेंस सिस्टम को मजबूत बनाने की दिशा में कार्य करने के लिए कहा ताकि एक मजबूत और बेहतर तंत्र स्थापित हो सके।
इसके साथ साथ बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिस पर रोडमैप बना कर योजनाबद्ध तरीके से अग्रिम कार्यवाही करना सुनिश्चित किया जाना है। सामान्य व प्रभावित क्षेत्रों के विभिन्न पॉइंट से कलेक्ट किए जाएंगे वॉटर सैंपल और कराई जाएगी टेस्टिंग- कलेक्टर ने सामान्य व संक्रमण से प्रभावित क्षेत्र दोनों स्थलों के विभिन्न पॉइंट से वॉटर सैंपल कलेक्ट करवाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया ताकि टेस्टिंग के माध्यम से दूषित पानी के संबंध में जानकारी इकट्ठा की जा सके और शीघ्र से शीघ्र संक्रमित पानी वाली क्षेत्र का उचित प्रबंधन कर वहां के नागरिकों को स्वछ जल मुहैया कराया जा सके।
कलेक्ट किए गए वाटर सैंपल की पीएचई व अन्य लैब में टेस्टिंग कराई जाएगी।ताकि पानी की गुणवत्ता का सही पता लगाया जा सके। इसके साथ साथ मौके पर भी पानी की जांच क्लोरीन टेस्ट किट के माध्यम की जाएगी ताकि ऑन द स्पॉट ही दूषित पानी वाले घरवालों को को सूचित किया जा सके और संक्रमण के प्रभाव से बचाया जा सके।
पाइपलाइन जंक्शन और लीकेज पॉइंट पर सतत निगरानी- कलेक्टर ने नगर निगम के संबंधित अधिकारियों को वाटर सप्लाई करने वाले पाइप से जंक्शन और लीकेज पॉइंट पर लगातार निगरानी रखने के लिए कहा ताकि पानी के प्रदूषण के प्रभाव को कम किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट रूप से पाइप लाइन के लीकेज पॉइंट को शीघ्र से शीघ्र रिपेयरिंग करने के लिए निर्देशित किया।
बिछाए गए पाइपलाइन के ब्लूप्रिंट का लिया जाएगा सहारा और सफाई के लिए तैयार होगा कैलेंडर- अधिकतर देखा गया है कि सफाई के दौरान नजर ना आने वाले पाइपलाइन और ओपन पाइपलाइन दोनों क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, इसलिए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को पाइपलाइन के ब्लूप्रिंट द्वारा सुपरवाइजर की उपस्थिति में सफाई के निर्देश दिए गए हैं ताकि पाइपलाइन कम से कम क्षतिग्रस्त हों।
इसके अलावा उन्होंने क्षेत्र के 20 एवं बड़ी नालियों के आंकड़ें इक्ठ्ठा करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए और नालियों के सफाई के लिए सुनियोजित कलैंडर बनाने की बात कही। जिसमें तय की गई तिथि के अनुरूप सफाई का कार्य किया जाए।
संक्रमित क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट रहेंगे सक्रीय – कलेक्टर ने संक्रमित क्षेत्रों के लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट को 24/7 सक्रीय रखने के संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया है ताकि संक्रमित व्यक्ति का शीघ्र से शीघ्र प्राथमिक उपचार कराया जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने संक्रमित क्षेत्र के लिए मितानिन और कॉम्बैट टीम गठित कर स्क्रीनिंग की गति और तेज करने भी निर्देशित किया है। संक्रमण में मृत मरीजों का होगा डेथ ऑडिट- संक्रमण से प्रभावित व्यक्ति जिनकी मृत्यु हो गई है कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को उनकी डेथ ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है ताकि प्रशासन के पास वास्तविक आंकड़े उपलब्ध हों।
इससे अस्पताल में भर्ती के समय मरीज की स्थिति, इलाज के लिए उसे क्या सलाह दी गई, मरीज के अस्पताल में भर्ती रहने का समय, उस दौरान इलाज और मौत का कारण का आंकलन स्पष्ट होगा। जिससे चिकित्सा कार्यप्रणाली मजबूत होगी। इस अवसर पर रोहित व्यास आयुक्त नगर निगम भिलाई, लक्ष्मण तिवारी प्रभारी आयुक्त नगर निगम दुर्ग, लोकेश चंद्राकर, आशीष देवांगन आयुक्त नगर निगम रिसाली सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।
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