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Constitution Day 2022: संविधान दिवस समारोह में बोले PM मोदी- आज दुनिया भारत को उम्मीदों से देख रही है

नई दिल्ली: आज संविधान दिवस है और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए. पीएम मोदी ने इस अवसर पर ई-न्यायालय परियोजना के तहत कई पहलों की शुरुआत की, जिनमें ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’, ‘जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0’, डिजिटल अदालतें और ‘एसथ्रीडब्ल्यूएएएस’ शामिल हैं. इस अवसर पर पीएम मोदी ने मुंबई आतंकी हमले में जान गंवाने वाले मृतकों को श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि हमारा संविधान आधुनिक विजन का है और फ्यूचरिस्टिक है.  . दरअसल, 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था, जिसके उपलक्ष्य में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है. संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी. तो चलिए जानते हैं कार्यक्रम से जुड़े सभी अपडेट.

Constitution Day 2022 Celebration PM Modi Speech in Supreme Court LIVE:

-हमारे संविधान निर्माताओं ने हमें एक ऐसा संविधान दिया है, जो ओपेन है, फ्यूचरिस्टिक है और अपने आधुनिक विजन के लिए जाना जाता है. इसलिए स्वाभाविक तौर पर हमारे संविधान की आत्मा यूथ सेंट्रिक है. आज के युवाओं में संविधान को लेकर समझ और बढ़े, इसलिए जरूरी है कि वो संवैधानिक विषयों पर बहस और चर्चा का हिस्सा बनें.

-आजादी का यह अमृतकाल देश के लिए कर्तव्यकाल है. चाहे व्यक्ति हों या संस्थाएं, हमारे दायित्व ही आज हमारी पहली प्राथमिकता है. अपने कर्तव्य पथ पर चलते हुए ही हम देश को विकास की नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं.

-हमारे संविधान में की प्रस्तावना की शुरुआत में जो वी द पीपुल लिखा है, ये केवल तीन शब्द नहीं हैं. वी द पीपुल एक आह्वान है, एक प्रतिज्ञा है और एक विश्वास है. संविधान में लिखी यह भावना उस भारत की मूल भावना है जो दुनिया में लोकतंत्र की जननी रहा है, मदर ऑफ डेमोक्रेसी रहा है.

–  पीएम मोदी ने कहा कि आज की वैश्विक परिस्थितियों में पूरे विश्व की नजर भारत पर है. भारत के तेज विकास, भाररत की तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था और भारत की मजबूत होती अंतरराष्ट्रीय छवि के बीच दुनिया हमें बहुत उम्मीदों से देख रही है.

– प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले का भी दिन है. 14 साल पहले जब भारत अपने संविधान और अपने नागरिकों के अधिकारों का पर्व मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकी हमला कयिा था. मुंबई आतंकी हमले में जिनकी मृत्यु हुई, उन्हें मैं अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.

– पीएम मोदी ने कहा कि सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. 1949 में ये आज ही का दिन था, जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नए भविष्य की नींव डाली थी. मैं आधुनिक भारत का सपने देखने वाले भबाबा साहेब अंबेडकर समेत संविधान सभा के सभी सदस्यों को, संविधान निर्माताओं को नमन करता हूं.

-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में ई-न्यायालय परियोजना के तहत कई पहलों की शुरुआत की. इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने समारोह को संबोधित किया और संविधान दिवस की बधाई दी.

-केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. बी. आर. अंबेडकर के शब्दों को याद करना उपयुक्त होगा, जब उन्होंने हमें यह कहकर सावधान किया था कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस आजादी ने हमको बड़ी जिम्मेदारियां दी हैं।हमने आजादी पाकर गलत होने के लिए अंग्रेजों को दोष देने का बहाना खो दिया है.

-भारत जैसे विशाल देश में जहां कुल आबादी का 65% अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है और जहां क्षेत्रीय और स्थानीय भाषा समझने का माध्यम है, भाषा न्याय तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने में कथित बाधाओं में से एक बन जाती है.. देश की जब कानूनी सामग्री और कानूनी शब्दावली आम आदमी द्वारा समझ में आने वाली स्थानीय भाषा में उपलब्ध नहीं है: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू

-संविधान वह आधारशिला है जिस पर भारतीय राष्ट्र खड़ा है और हर गुजरते साल नई ऊंचाइयों को प्राप्त कर रहा है।आज यह अवसर मुझे संविधान निर्माताओं के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर देता है:सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में केंद्रीय क़ानून, न्याय मंत्री किरेन रिजिजू

-सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह का आगाज हो चुका है.

पीएमओ ने कहा कि यह परियोजना वादियों, वकीलों और न्यापालिका को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने का प्रयास है. पीएमओ के अनुसार ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’ न्यायालय स्तर पर न्याय वितरण प्रणाली के महत्वपूर्ण आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें दिन, सप्ताह, महीने के आधार पर न्यायालय स्तर पर दायर मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों का विवरण दिया गया है.

बयान में कहा गया कि यह न्यायालय द्वारा निपटाये गये मुकदमों की स्थिति को जनता के साथ साझा कर न्यायालयों के कामकाज को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने का एक प्रयास है. आम लोग जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकते हैं. पीएमओ के मुताबिक जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए अदालत और मुकदमों के कारगर प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक उपकरण है, जो न सिर्फ उनकी अपनी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले विभिन्न न्यायाधीशों के समक्ष लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी करता है.

क्या है यह ऐप

यह ऐप उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है जो अब अपने अधिकार क्षेत्र के तहत सभी राज्यों और जिलों के लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी कर सकते हैं. डिजिटल अदालत, अदालतों को कागज रहित बनाने की दिशा में बदलाव लाने के उद्देश्य से न्यायाधीश को अदालत के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने से संबंधित एक पहल है.

पीएमओ ने कहा कि ‘एसथ्रीडब्ल्यूएएएस वेबसाइट्स’ जिला स्तर की न्यायपालिका से संबंधित निर्दिष्ट जानकारी और सेवाओं को प्रकाशित करने हेतु विभिन्न वेबसाइटों को बनाने और प्रबंधित करने का एक ढांचा है. यह एक क्लाउड सेवा है जिसे सरकारी संस्थाओं के लिए सुरक्षित, मापनीय और सुगम्य वेबसाइट बनाने के लिए विकसित किया गया है. यह बहुभाषी, नागरिकों व दिव्यांगों के अनुकूल है.

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