भिलाई नगर / नगर पालिक निगम भिलाई के अधिकारी/कर्मचारियों के लिए दोहरी खुशी का पल है, आज भिलाई निगम के अधिकारी और कर्मचारियों के खातों में सैलरी आ गई है, वह भी निगम के खुद के राजस्व की आय से सैलरी का भुगतान किया गया है, यह बड़ी बात है। राजस्व वसूली में तेजी हुई है, कुर्की का अभियान भी जारी है। निगम लगातार राजस्व बढ़ाने पर जोर दे रहा है, इसी कड़ी में वर्ल्ड बैंक परियोजना अंतर्गत संपत्ति सर्वे का कार्य किया जाएगा, संपत्ति का ड्रोन सर्वे भी होगा और जीआईएस मैप तैयार कर डिजिटल डोर नंबर जारी किया जाएगा।
इससे निगम के राजस्व में अच्छी खासी वृद्धि होगी और अधिकारी/कर्मचारियों के वेतन भुगतान में समस्या नहीं आएगी। भिलाई में संपत्ति के सर्वे कार्य के लिए एजेंसी भी तय हो गई है, शीघ्र ही इस पर कार्य प्रारंभ हो जाएगा। उपायुक्त नरेंद्र बंजारे ने बताया कि जीआईएस मैप से कोई भी भवन इससे अछूते नहीं रहेंगे, उनका एरिया, लोकेशन, क्षेत्रफल सभी की जानकारी इससे मिल जायेगी, स्व विवरणी की जांच में भी आसानी होगी, गलत स्व विवरणी देने वाले इसके दायरे में आ जायेंगे और इनसे वास्तविक एरिया के मुताबिक वसूली की जाएगी।
5% डीए में हुआ इजाफा, बढ़ा अधिकारी/कर्मचारियों का वेतन भिलाई निगम के अधिकारी/कर्मचारियों को इस महीने के वेतन में बढ़ा हुआ महंगाई भत्ता जुड़कर मिलेगा। अक्टूबर माह की सैलरी में इजाफा हुआ है, 5% महंगाई भत्ता का तोहफा अधिकारी/कर्मचारियों को मिला है, इसके साथ ही महंगाई भत्ता अब 33% की दर से सातवां वेतनमान प्राप्त करने वाले अधिकारी/कर्मचारियों को मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि अधिकारी/कर्मचारियों को वेतन देने के लिए महापौर नीरज पाल एवं निगम आयुक्त रोहित व्यास प्रयासरत थे, लगातार राजस्व वसूली को बढ़ाने पर जोर दिया गया, जिसके चलते निगम के राजस्व से ही अधिकारी/कर्मचारियों का भुगतान संभव हो पाया है। निगम के कर्मचारी संघ ने इस पर महापौर एवं आयुक्त का आभार जताया है।
कैसे बढ़ेगा राजस्व, निगम ने बनाया एक्शन प्लान, राजस्व वसूली के लिए निगम ने उठाए ये महत्वपूर्ण कदम राजस्व वसूली के लिए निगम ने एक्शन प्लान तैयार किया है, जिससे निगम के अधिकारी/कर्मचारियों को वेतन देने के साथ ही विकास कार्यों को बल मिलेगा। भिलाई निगम राजस्व को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अब इस प्रक्रिया में भिलाई निगम क्षेत्र अंतर्गत स्थित भवनों/भूमियों पर संपत्तिकर/समेकित कर स्व निर्धारण प्रक्रिया के अंतर्गत लिया जा रहा है।
निर्माणाधीन आवासीय एवं व्यवसायिक कांप्लेक्स जैसे-जैसे पूर्ण हो रहे हैं इनका संपत्तिकर, समेकितकर स्व विवरणी के माध्यम से जमा कराने का काम किया जा रहा है। निगम क्षेत्र में ऐसी खुली भूमि जिसका आवासीय या व्यवसायिक व अन्य प्रयोजन के लिए डायवर्सन हो चुका है ऐसे खुली भूमि में भवन निर्माण अनुज्ञा जारी करने के पूर्व डायवर्सन के पश्चात वर्ष से संपत्ति कर निर्धारण कर जमा कराया जा रहा है।
जिन भवन में दुकान व्यवसाय संचालित है उन पर संपत्तिकर व्यवसाय के दर लिया जा रहा है। जिन भवनों में आवास एवं व्यवसाय दोनों है उसके जितने भाग में व्यवसाय किया जा रहा है उस पर व्यवसायिक दर तथा जितने भाग में आवासीय उपयोग किया जा रहा है उन पर आवासीय दर से संपत्तिकर निर्धारण कर जमा कराया जा रहा है। जिन भवनों भूमि स्वामियों द्वारा आज दिनांक तक संपत्तिकर जमा नहीं किया गया है उन पर निर्माण वर्ष से अधिभार सहित स्व निर्धारण प्रक्रिया के अंतर्गत संपत्तिकर, समेकितकर निर्धारण कर जमा लिया जा रहा है।
ऐसे व्यवसायिक एवं आवासीय कांप्लेक्स तथा भवन जिसे निगम ने निर्माण अनुज्ञा जारी किया है और भवन निर्माणाधीन है ऐसे भवन के स्वामियों से भूमि पर अनिवार्य रूप से संपत्तिकर आरोपित कर निर्माण कार्य पूर्ण होते तक प्रतिवर्ष भूमि का संपत्तिकर जमा कराने की कार्रवाई की जा रही है। पूर्व वर्षो के बकाया राशि की वसूली के लिए धारा 173 के तहत डिमांड, धारा 174 के अंतर्गत मांग सूचना एवं धारा 175 के अंतर्गत कुर्की वारंट जारी कर वसूली की जा रही है।
भवन एवं भूमि स्वामियों को उनके मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से सूचित कर वसूली की कार्रवाई की जा रही है। रिक्त भूखंडों का पता लगाकर संपत्तिकर आरोपित किया जाएगा। वार्षिक भाड़ा मूल्य की समीक्षा करने नए सिरे से संपत्तिकर हेतु टैक्स जोन का निर्माण किया जाएगा। संपत्तिकर वसूली के लिए संपत्तियों की जांच की जाएगी। अवैध नल कनेक्शन का नियमितीकरण किया जाएगा, दुकानों की नीलामी ई ऑक्शन के माध्यम से किया जा रहा है। बड़े भवनों की नापजोख की जाएगी तथा अतिरिक्त निर्माण की भी जांच होगी। स्व-विवरणी प्राप्त होने के उपरांत रैंडम इसकी जांच की जाएगी। विज्ञापन बोर्ड के माध्यम से भी राजस्व बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है।
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