छत्तीसगढ़दुर्ग

आंगनबाड़ी केंद्रों का प्ले स्कूल की तर्ज पर शुरू होगा कायाकल्प

दुर्ग / जिस तरह से स्वामी आत्मानंद शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूल के जरिये राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाई गई है उसी तर्ज पर कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने जिले के आंगनबाड़ी केंद्रो के कायाकल्प के लिए प्लांनिग के निर्देश दिए हैं। इस कड़ी में भिलाई निगम आयुक्त रोहित व्यास ने जिले के प्रमुख प्राइवेट प्ले स्कूल के संचालको की बैठक ली। इस बैठक का उद्देश्य जिले के आंगनबाड़ी केंद्रो के सुधार में प्राइवेट प्ले स्कूलों की सहयोग और सहभागिता सुनिश्चित करना तथा उनके सफलता के मॉडल को आंगनबाड़ियों में लागू करना है।

प्ले स्कूल की तर्ज पर शुरू होगा कायाकल्प- जिले में लगभग 1500 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं जिनमें मुख्यतः निम्न या मध्यमवर्ग के लोंगों के बच्चे आते हैं। आंगनबाड़ी केंद्रो की शुरूआत मुख्य रूप से कुपोषण दूर करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके अलावा टीकाकरण, जागरूकता अभियान एवं शिक्षा जैसे कुल 6 कार्य आगंनबाड़ी सहायिकाओं के पास होते हैं।

कलेक्टर ने आंगनबाड़ी केंद्रों में शिक्षा को प्राथमिकता देने तथा प्राइवेट प्ले स्कूल की तर्ज पर एक्टिविटीज को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। इस मुहिम की शुरूआत में जिले के 20 आंगनबाड़ी को चिन्हाकित किया गया हैं। उनके इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए जिला प्रशासन हर सभंव प्रयास करेगा, सभी चयनित आंगनबाड़ी केंद्रो को डिजिटल प्रेजेंटशन हेतु उपकरण भी उपलब्ध कराये जाएंगे।

सभी प्राइवेट स्कूलों ने प्रशासन के इस प्रयास की सराहना की और यह आश्वासन दिया कि इस मुहिम में वे प्रशासन की हर संभव मद्द करेगें। संचालकों ने इसके लिए अपने सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ाने से ज्यादा सिखाने पर जोर दिया जाए। उन्हें संगीत, संकेत आवाज, आकार के माध्यम से सिखाना ज्यादा प्रभावशाली होगा।

कुछ बच्चे ऐसे होते है जो पढ़ने या बताने से ज्यादा देखकर सीखते है उन्हें डिजिटल कन्टेंट के माध्यम से जैसे म्यूजिक, डिजिटल प्रेजेटेंसन व पीपीटी से गू्रम करना चाहिए। उन्होेंने कहा कि अगर आगंनबाड़ी केंद्र में टेलीविजन और प्रोजक्टर जैसी सुविधाएं होंगी तो हम सारा डिजिटल कन्टेंट भी उपलब्ध कराने को तैयार हैं, जिस पर रोहित व्यास ने कहा कि कलेक्टर ने इंन्फॉस्ट्रक्चर में हर संभव प्रयास के निर्देश दिये हैं अतः हमारी कोशिश होगी कि हम सभी चयनित आगंनबाड़ी केंद्रों को पूरी तरह से डिजिटल सुविधाएं प्रदान करें।

एक्सपोजर विजिट का करें प्लान – रोहित व्यास ने सभी प्राइवेट प्ले स्कूलों के संचालको से यह अपील की कि एक्सपोजर विजिट के जरिये आगंनबाडी सहायिकाओं को ट्रेनिंग दें, सभी स्कूलों के संचालकों ने सहमती जाहिर की। चयनित प्ले स्कूल में सहायिकाओं को प्राइवेट स्कूल में 1 से 2 दिनों की एक्सपोजल विजिट कराई जाएगी, प्राइवेट स्कूल की टीचर और सहायिकाओं के बीच आपसी समन्वयन स्थापित करने के लिए अनुभव साझा करने की एक्टिीविटी की जाएगी।

प्राइवेट स्कूल के मॉडयूल्स की ट्रेनिंग दी जाऐगी। उन्हें प्राइवेट स्कूल के एक्टीविटीज के अवलोकन का अवसर भी मिलेगा- टीचर कैसे पढ़ाते, सिखाते व व्यवहार की निगरानी करते हैं और कैसे उनके सुधार की ग्रेडिंग करते हैं। कुछ स्कूल को उनके संस्थान द्वारा दिल्ली के विशेषज्ञांे द्वारा टेनिंग दी जाती हैं, श्री व्यास ने उन टेनर्स को बुलाकर सहायिकाओं को ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव भी रखा।

बैठक में सहायक कलेक्टर लक्ष्मण तिवारी, डीईओ, अभय जायसवाल, शिक्षा विभाग सहायक संचालक अमित घोष और महिला एवं बाल विकास अधिकारी विपिन जैन, महिला बाल विकास के सुपरवाइजर्स एवं प्राइवेट प्ले स्कूल के संचालकगण उपस्थित थे।

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