छत्तीसगढ़दुर्ग

अपने कानूनी अधिकारों के लिए जागरूक होना आवश्यक- भानु प्रताप सिंह त्यागी

दुर्ग / छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के द्वारा दिनांक 31 अक्टूबर से 13 नवंबर 2022 को कानूनी जागरूकता एवं नागरिकों के सशक्तिकरण हेतु चलाये जा रहे अभियान के तहत् संजय कुमार जायसवाल, जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन तथा सचिव आशीष डहरिया के निर्देश पर दिनांक-ं06 नवम्बर 2022 को ग्राम-ंहनोदा में ’’मेगा विधिक जागरूकता शिविर’’ का आयोजन किया गया।

मेगा विधिक जागरूकता शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिकरण एवं नालसा की योजना (असंगठित क्षेत्र के कामगारों को विधिक सेवाएं) योजना, 2015 के तहत श्रमिकों को कानून के संबंध में जागरूक किया गया।

आयोजित किये गये मेगा विधिक जागरूकता शिविर में रिसोर्स पर्सन के रूप में भानू प्रताप सिंह त्यागी, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं द्विजेन्द्र नाथ ठाकुर, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी उपस्थित रहे। भानू प्रताप सिंह त्यागी ने उपस्थित लोगों को बताया कि उनके अधिकार क्या हैं। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से उन्हें अपने अधिकार के संरक्षण के लिए जागरूक रहने की अपील की। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा विशेष योजना पूरे भारत वर्ष में ग्राम स्तर लोगों को कानूनी एवं विधिक जानकारी दिये जानें हेतु चलाई जा रही है।

ग्राम स्तर पर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश के लोगों को विधिक साक्षर किए जाने पर ही सशक्त किया जा सकता है। भारतीय आर्थिक सर्वेक्षण और राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण के अनुसार असंगठित क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 50 प्रतिशत से अधिक उत्पाद करता है और भारत के कार्यबल का लगभग 95 प्रतिशत रोजगार प्रदान करता है ।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के कामगारों को उनके लाभार्थ बनाए गए कानूनों और योजनाओं के अंतर्गत उनके हकों को प्राप्त करने के सक्षम बनाना है। यह योजना असंगठित क्षेत्र में नियोजित वंचित एवं असहाय कामगारों के लिए न्याय को सुलभ बनाएगी। श्रमिकों को सुलभ एवं सस्ता न्याय दिलाये जाने में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रम न्याय, एवं श्रम विभाग हमेशा तत्पर रहता है।
श्रमिकों को अनिवार्य रूप श्रमिक विभाग में पंजीयन कराना चाहिए।

जिससे उन्हें एवं उनके परिवारों को शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके। ग्रामीण परिवेश के युवा वर्ग मोबाईल का उपयोग करते समय सावधानी बरते। सोशल मिडिया में अपने व्यक्तिगत गोपनीय जानकारी को साझा नही करना चाहिए। अपने बैंक खाते तथा मोबाईल पर आ रहे मैसेज के ओ.टी.पी. को किसी को नही बताना चाहिए। मोबाईल पर आ रहे किसी अपरचित लिंक को खोलना नही चाहिए।

द्विजेन्द्र नाथ ठाकुर ने शिविर में लोगों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा प्रदत्त निःशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता संबंधी योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति आर्थिक, शारीरिक, मानसिक कारणों के अभाव में न्याय पाने से वंचित नही हो सकता है। गरीबी रेखा वालेे, महिलाओं, बुर्जुगों, शारीरिक रूप से अक्षम, न्यायिक अभिरक्षा वाले व्यक्ति को निःशुल्क विधिक सहायता के माध्यम से न्याय पाने हेतु अधिवक्ता दिया जाएगा जो बिना अधिवक्ता फीस लिये न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत करेगा तथा सुनवाई में उपस्थित होगा।

मेगा शिविर में उपस्थित जनमानस के द्वारा न्यायाधीशगणों से कानूनी जानकारी के संबंध में प्रश्न पूछे गये। जनमानस के द्वारा पूछे गये प्रश्नों के उत्तर देते हुए न्यायाधीशगणों ने चेक के अनादरण व बाउंस होने के 01 माह के भीतर सामने वाले पक्ष को नोटिस देने एवं नोटिस भेजे जाने के पश्चात् समयावधि में चेक बाउंस का केस न्यायालय में लगाये जाने के संबंध में जानकारी दी।

महिलाओं को धारा-ं125 दंड प्रक्रिया संहिता के तहत् भरण-पोषण की राशि हेतु परिवार न्यायालय में प्रकरण लगाये जाने तथा महिलाओं को इस प्रकरण हेतु नि:शुल्क अधिवक्ता विधिक सेवा प्राधिकरण से प्राप्त होने के संबध में जानकारी दी गईं। कार्यक्रम में ग्राम-ंहनोदा के लगभग 150-200 से अधिक ग्रामवासी, महिलाएं, वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थे।

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