छत्तीसगढ़

देश का छठा राज्य बना छत्तीसगढ़ : मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सूचना आयोग के ऑनलाईन पोर्टल का किया लोकार्पण

रायपुर 

और जवाबदेही बनाता है

भारत में छत्तीसगढ़ छठवां राज्य है, जहां ऑनलाईन की प्रक्रिया के तहत तीनों स्तर में (जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील) आवेदक आवेदन कर सकता है। सूचना का अधिकार प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाता है और जागरूक नागरिक शासन एवं प्रशासन से जानकारी प्राप्त कर सकता है।

छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा राज्य सूचना आयोग के लिए ऑनलाईन बेवपोर्टल (rtionline.cg.gov.in)  तैयार किया गया है, जिसका आज मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कम्प्यूटर के एक बटन की क्लिक कर शुभारंभ किया। ऑनलाईन बेवपोर्टल (rtionline.cg.gov.in)  का शुभारंभ राज्य सूचना आयोग कार्यालय में किया गया।

इस अवसर पर राज्य सूचना आयुक्त अशोक अग्रवाल, मनोज त्रिवेदी, धनवेन्द्र जायसवाल, पूर्व राज्य सूचना आयुक्त मोहन राव पवार, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डी डी सिंह और राज्य सूचना आयोग के सचिव आनंद मसीह उपस्थित थे।

सूचना का अधिकार प्रशासन को पारदर्शी और जवाबदेही बनाता है

मुख्यसचिव अमिताभ जैन ने सुझाव दिए कि इस अवसर पर ऑनलाईन बेवपोर्टल को हिन्दी में बनाया जाय ताकि जो लोग कम्प्यूटर के मामले में कम शिक्षित हैं उन्हें इसके उपयोग करने में आसानी हो। जिसका लाभ आम नागरिकों को अधिक से अधिक मिल सके।

उन्होंने सुझाव दिया कि सूचना का अधिकार को और प्रभावी बनाने के लिए जनसंपर्क विभाग और आयोग मिलकर छत्तीसगढ़ की स्थानीय भाषा में शार्ट वीडियो बनाकर ऑनलाईन वेबपोर्टल की पूरी प्रक्रिया को बताया जाना चाहिए, जिससे आम नागरिक इस पोर्टल का अधिक से अधिक लाभ ले सकें।

उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से कॉलेज स्तर पर और राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों के माध्यम से भी सूचना का अधिकार के ऑनलाईन बेवपोर्टल का हिन्दी में प्रचार-प्रसार कराएं तो ज्यादा लाभकारी होगा।

मुख्य सूचना आयुक्त एम के राउत सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आयोग आवेदकों को नित नई सुविधा देने प्रयासरत है, जिसके तहत आज ऑनलाईन बेवपोर्टल का शुभारंभ किया गया। उन्होंने कहा कि आवेदक, जनसूचना अधिकारी/प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं द्वितीय अपील आवेदनों को ऑनलाईन प्रेषित कर सकते हैं।

महत्वपूर्ण यह है कि इस अधिनियम के तहत वांछित शुल्क भी ऑनलाईन जमा कर सकते हैं। यह ऑनलाईन बेवपोर्टल 24X7 दिन चालू रहेगा। राउत ने कहा कि इसके लिए वर्ष 2020 से प्रयासरत रहे, जो आज सफल हुआ और जनता को आरटीआई के लिए ऑनलाईन आवेदन करने का एक माध्यम मिला।

राउत ने बताया कि प्रदेश में लगभग 14 हजार से अधिक जनसूचना अधिकारी हैं, छत्तीसगढ़ के सभी विभागों के जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल में ऑनलाईन कर सकते हैं। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारियों एवं नोडल अधिकारी का विवरण भरकर संबंधितों को अग्रेषित कर सकते हैं।

संबंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को वेरिफिकेशन करना होगा, उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो जायेगा। श्री राउत ने इस आवश्यकता पर जोर दिया कि शासन की ओर से सभी विभाग को पत्र जारी किया जाए, जिससे कि जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इस पोर्टल में ऑनलाईन करें।

उन्होंने बताया कि राज्य के दूरदराज क्षेत्र के नागरिकों को इसका लाभ मिल सकेगा। आवेदक अपना आवेदन ऑनलाईन अपलोड करने के साथ-साथ ऑनलाईन शुल्क जमा कर सकता है। आवेदकों को नॉन ज्यूडिशियल स्टाम्प/बैंक ड्राफ्ट/पोस्टल आर्डर/मनीआर्डर संलग्न करने की आवश्यकता नहीं होगी।

साथ ही विभागीय कार्यालयों में स्वयं आकर आवेदन जमा करने अथवा डाक के माध्यम से आवेदन भेजने की भी आवश्यकता नहीं होगी। उन्होंने कहा कि पोर्टल में ऑनलाईन आवेदन पंजीयन होने के बाद जनसूचना अधिकारी की जवाबदेही बढ़ जाएगी और 30 दिवस के भीतर ही आवेदक को ऑनलाईन जानकारी देने के लिए बाध्य होगा।

एन.आई.सी. मंत्रालय, रायुपर के प्रभारी अशोक मौर्य ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सभी विभागों के जनसूचना अधिकारी अपना रजिस्ट्रेशन इसी पोर्टल में ऑनलाईन कर सकते हैं। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारियो एवं नोडल अधिकारी का विवरण भरकर चाही गई सूचना को अग्रेषित कर सकते हैं। संबंधित प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं नोडल अधिकारी को वेरिफिकेशन करना होगा, उसके बाद रजिस्ट्रेशन पूर्ण हो जायेगा।

ऑनलाईन शुल्क जमा करने के लिए आवेदक को तीन ऑप्शन दिए गए हैं। नेट बैंकिग के द्वारा, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के द्वारा अथवा क्यू.आर. कोड की सहायता से किसी भी यूपीआई के माध्यम से स्केन कर शुल्क जमा कर सकते हैं। राज्य सूचना आयोग के ऑनलाईन बेवपोर्टल के शुभारंभ के अवसर पर आयोग के अधिकारी ,कर्मचारी और मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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