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RBI आज कर सकता है ब्याज दर में बढ़ोतरी, जानें क्या होगा इस फैसले का असर…

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की शुक्रवार को जरूरी बैठक होनी है. RBI इस बैठक में महंगाई पर लगाम लगाने और  अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के गिरते मूल्य को रोकने के लिए  कुछ अहम फैसले ले सकती है. उम्मीद की जा रही है कि आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति लगातार चौथी बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है. इसके साथ रेपो रेट 0.35 से 0.50 फीसद हो सकती है.

आरबीआई ने मार्च 2020 में कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से रेपो रेट को घटा दिया था. इसके बाद हालात सामान्य होने बाद 4 मई 2022 तक रेपो रेट को स्थिर रखा था. मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हुई है. समिति के फैसले की घोषणा आज 30 सितंबर को की जाएगी.

महंगाई को काबू करना है लक्ष्य –

सरकार ने आरबीआई को 2 प्रतिशत के घट-बढ़ के साथ महंगाई दर को चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है. हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से आरबीआई के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है.

मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर पर बने रहने के बीच घरेलू मुद्रा में तेजी से गिरावट आ रही है. अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया वर्तमान में 82 के करीब कारोबार कर रहा है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी के बाद रुपये तेजी से न विनियम दर में गिरावट तेज हो गई है.

कितनी होगी बढ़ोतरी –

विषेशज्ञों के अनुसार, केंद्रीय बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.50 प्रतिशत बढ़ाकर इसे तीन साल के उच्चतम स्तर 5.9 प्रतिशत पर पहुंचा सकता है. यह वर्तमान में 5.4 प्रतिशत है. आरबीआई ने रेपो दर में मई से लेकर अब तक 1.40 प्रतिशत की वृद्धि की है. उद्योग मंडल एसोचैम ने कहा कि अमेरिका समेत कई अन्य केंद्रीय बैंकों के ब्याज दरों में तेजी से बढ़ोतरी के बीच आरबीआई नीतिगत ब्याज दरों में कम से कम 0.35 से 0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है.

बाजार ने किया अच्छा प्रदर्शन –

भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय बाजारों ने हालांकि काफी बेहतर प्रदर्शन किया है. विशेष रूप से रुपया बाजार में, जिसमें आरबीआई के हस्तक्षेप का समर्थन करना अच्छा रहा है. विदेशी निवेशकों द्वारा द्वारा अगस्त में भारतीय शेयर बाजारों में 51,200 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया था, लेकिन सितंबर में अबतक 1,386 करोड़ रुपये से अधिक के कुल निवेश के साथ एफपीआई प्रवाह में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया है.

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