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9 साल के बाद हिजाब पहनना जरूरी, अलग से पुलिस भी; जानें क्या हैं ईरान में हिजाब पर नियम

हिजाब इन दिनों खूब चर्चा में है। महिलाओं के लिए हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ विवाद भारत से ज्यादा ईरान में चर्चा में बना हुआ है। भारत में हिजाब पहनने का मुद्दा यूनिफॉर्म में इसे शामिल करने को लेकर है जबकि, ईरान में महिलाएं हिजाब की अनिवार्यता हटाने को लेकर आमादा हैं।

22 साल की अमीनी की मौत के बाद से महिलाओं में गुस्सा चरम पर है। हालांकि ऐसा पहले ऐसा नहीं था। कभी पश्चिमी देशों की तरह खुलापन के माहौल में जीने वाले ईरान में 1979 के बाद सबकुछ बदल गया। इस्लामिक क्रांति के बाद से देश में अयातुल्लाह खोमैनी ने सत्ता संभाली और शरिया कानून लागू किया।

हिजाब की अनिवार्यता ईरान के अलावा सिर्फ तालिबान शासित अफगानिस्तान में है। इससे उलट दुनिया के 55 अन्य मुस्लिम बहुल देशों में ऐसे नियम नहीं हैं। ईरान में तो 9 साल की उम्र के बाद से हर महिला को हिजाब पहनना जरूरी है। इन नियमों के पालन के लिए बाकायदा अलग से पुलिस व्यवस्था भी है।

ईरान की धरती इस वक्त हिजाब के विरोध को लेकर दुनियाभर में चर्चा में बनी हुई हैं। यहां की महिलाओं ने हिजाब पहनने के खिलाफ एक अनोखा सोशल मीडिया कैंपेन शुरू किया है। नो टू हिजाब कैंपेन में महिलाएं सोशल मीडिया पर बिना हिजाब की तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं। साथ ही हिजाब जलाते हुए और अपने बालों को काटते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें-वीडियो जारी कर रही हैं।

इस्लामिक क्रांति के बाद बदल गया ईरान

दरअसल, ईरान पहले ऐसा नहीं था। ईरान के लोगों में पहले पश्चिमी देशों की तरह खुलापन था लेकिन,  1979 आई इस्लामिक क्रांति ने सबकुछ बदल दिया। शाह मोहम्मद रेजा पहलवी को हटाकर धार्मिक नेता अयातुल्लाह खोमैनी ने सत्ता संभाली और ईरान में शरिया कानून लागू कर दिया।

हालांकि यह और बात है कि दुनिया के 195 देशों में से 57 मुस्लिम बहुल हैं। इनमें से 8 में शरिया कानून का सख्ती से पालन किया जाता है। जबकि सिर्फ दो ही देश ऐसे हैं जहां महिलाओं को घर से निकलने पर हिजाब पहनना जरूरी है। इन देशों में ईरान के अलावा अफगानिस्तान भी शामिल है। अफगानिस्तान में इस वक्त तालिबान का शासन है।

9 साल के बाद हिजाब पहनना अनिवार्य

ईरान में हिजाब की अनिवार्यता को लेकर नियम इतने कड़े हैं कि आप सुनकर ही चौंक जाएंगे। यहां अगर लड़की 9 साल पार कर गई है तो उसके लिए हिजाब पहनना जरूरी हो जाता है। घर से निकलने से लेकर ऑफिस, रेस्तरां, सार्वजनिक स्थल, अस्पताल कुल मिलाकर हर जगह महिलाओं को हिजाब पहनना जरूरी है।

इन नियमों का पालन कराने के लिए बाकायदा अलग से पुलिसिंग व्यवस्था भी है, जो सिर्फ शरिया कानून के पालन अच्छे से हो रहे हैं, इन पर नजर रखती है। कोई भी उन्हें ऐसा न करते हुए दिखता है या पता चलता है तो उन्हें उसके खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने की पूरी छूट है।

नियम तोड़ने पर 74 चाबुक से लेकर 16 साल तक सजा

ईरान में किसी महिला के लिए हिजाब पहनने के आदेश का पालन करना काफी महंगा और दर्दनाक है। यहां इसे लेकर सख्त कानून है। नियम तोड़ने पर 74 चाबुक लगाने से लेकर 16 साल तक की कैद की सजा दी जाती है। अब अंदाजा लगाइए इतनी सख्ती के बाद भी 70 फीसदी से ज्यादा महिलाएं इस वक्त ईरान में हिजाब पहनने के खिलाफ विरोध में उतर चुकी हैं।

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