छत्तीसगढ़दुर्ग

अधिवक्ता परिषद ने छत्तीसगढ़ में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं होने पर जताई चिंता…

दुर्ग। अधिवक्ता और विधि क्षेत्र के लिए काम करने वाले अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद का स्थापना दिवस बुधवार को जिला न्यायालय स्थित सभागार में मनाया गया। इस अवसर पर संगठन से जुड़े दुर्ग के अधिवक्ताओं ने संगठन के कार्यों और उद्देश्यों के बारे में बताया।

परिषद की संरक्षक अधिवक्ता श्रीमती सुनीता चोपड़ा ने कहा कि अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद अधिवक्ताओं का राष्ट्रव्यापी संगठन है जो अधिवक्ताओं के साथ साथ समाज हित का भी व्यापक चिंतन करता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष रमेश शर्मा ने कहा कि अधिवक्ताओं ने ही समय-समय पर देश की दशा और दिशा बदली है।

अधिवक्ता समाज के सबसे अधिक जागरूक और विधि के जानकार माने जाते हैं, ऐसे में समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी अधिक हो जाती है इसलिए उन्हें भी संगठित होकर कार्य करने की आवश्यकता है। रमेश शर्मा ने भू राजस्व संहिता से जुड़े विधि के प्रश्नों पर भी अपने विचार रखे।

अधिवक्ता परिषद के जिला महामंत्री दीपेंद्र देशमुख ने संगठन के ध्येय वाक्य न्याय मम धर्मः के मर्म पर प्रकाश डालते हुए न्याय प्राप्त करने को एक सभ्य समाज का सबसे आवश्यक पहलू बताया और कहा कि न्याय दिलाने में अधिवक्ताओं की अहम भूमिका वर्षों से चली आ रही है।

ऐसे अधिवक्ताओं को संगठित कर साथ लाने और समाज हित में कार्य करते हुए न्याय की सेवा करने के उद्देश्य से अधिवक्ता परिषद द्वारा न्याय केंद्र के संचालन के साथ-साथ अन्य प्रकल्प चलाए जाते हैं। अधिवक्ता राजेश महाडिक ने कहा कि देशभर के अधिवक्ताओं को एक सूत्र में जोड़कर उनके बीच समन्वय के साथ गतिविधियां संचालित करने हेतु अधिवक्ता परिषद कार्य करती है।

अधिवक्ता राजेन्द्र पाध्ये ने कहा कि कानून देश की आत्मा है, जिस प्रकार आत्मा के बिना शरीर बेजान हो जाता है, उसी प्रकार कानून के बिना कोई भी देश बलवान नहीं हो सकता है। संविधान और तमाम कानूनों के कारण देश की विधि व्यवस्था बेहद मजबूत है और इस मजबूती को कायम रखने में अधिवक्ताओं की अहम भूमिका है।

देश को बलवान बनाए रखने के लिए कानून के माध्यम से न्याय व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने में अधिवक्ता अपना अहम योगदान देते हैं, जिसमें अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद अपनी प्रभावी भूमिका निभा रही है। कार्यक्रम में किशोर न्याय अधिनियम के बारे में अधिवक्ता सुरेंद्र कौशिक द्वारा विचार रखे गए।

लक्ष्मीकांत शर्मा ने छत्तीसगढ़ में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू किए जाने का प्रस्ताव रखा जिसे एक स्वर से सभी अधिवक्ताओं ने स्वीकार करते हुए एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू नहीं किए जाने को चिंताजनक बताया। आभार प्रदर्शन अधिवक्ता अनुराग त्रिपाठी ने किया।

स्थापना दिवस कार्यक्रम में संगठन के सभी सदस्यों ने अपने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उपस्थित अधिवक्तागणों में रमेश शर्मा, सुनीता चोपड़ा दीपेंद्र देशमुख राजेश महाडिक, राजेन्द्र पाध्ये, दिनेश कुमार शर्मा, मनोज मून, सुरेंद्र कौशिक, चंद्रशेखर बंजारे, भावेश कटारे, लक्ष्मीकांत शर्मा, रमा रानी, अनुराग त्रिपाठी सहित संगठन के पदाधिकारी एवं जूनियर अधिवक्तागण शामिल रहे।

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