छत्तीसगढ़भिलाई

गोधन न्याय योजना के तहत गौठान को आजीविका का केंद्र बनाने, आजीविका मूलक गतिविधियों में इजाफा करने महापौर परिषद के सदस्य एवं पार्षद गण रहे मौजूद

भिलाई नगर/ नगर पालिक निगम भिलाई के सभागार में आज गोधन न्याय योजना के तहत विभिन्न विषय में प्रशिक्षक के द्वारा प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर मेयर नीरज पाल, गोधन न्याय योजना के प्रभारी राजेंद्र साहू, जिला अध्यक्ष मुकेश चंद्राकर, सभापति गिरवर बंटी साहू, निगम आयुक्त लोकेश चंद्राकर, अपर आयुक्त अशोक द्विवेदी, महापौर परिषद के सदस्य एकांश बंछोर, लक्ष्मीपति राजू, संदीप निरंकारी, सीजू एंथोनी, चंद्रशेखर गवई, नेहा साहू, मालती ठाकुर,

लालचंद वर्मा, मीरा बंजारे, जोन समिति के अध्यक्ष भूपेंद्र यादव, राजेश चौधरी, जलंधर सिंह, समस्त जोन आयुक्त, नोडल अधिकारी प्रीति सिंह, पार्षद इंजीनियर सलमान, अभिषेक मिश्रा, हरिओम तिवारी, सेवन कुमार, जगदीश कुमार तथा गौठान संचालन समिति के सदस्य आदि विशेष रूप से मौजूद रहे।

विस्तृत प्रशिक्षण प्रशिक्षक राजेश साहू के माध्यम से दिया गया। उन्होंने बताया कि समस्त गोधन न्याय केंद्रों एवं गौठान में अधिक से अधिक जनभागीदारी को जोड़ने का कार्य करे, जन जागरूकता प्रचार-प्रसार करते हुए।

जनप्रतिनिधि भी गौठान की सभी गतिविधियों में शामिल होकर सलाह, सुझाव एवं आजीविका मूलक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए प्रयास कर सकते हैं। गौठान में गोबर के मल्टीपर्पस उपयोग के माध्यम से तथा अन्य लाभकारी गतिविधियां अपनाकर आमदनी कैसे बढ़ाई जा सकती है ।

इस पर भी प्रशिक्षण दिया गया। इधर महापौर परिषद के सदस्य एवं पार्षदों ने भी अपने-अपने सुझाव दिए तथा विचार भी प्रकट किए। बड़े पशु पालक जहां ज्यादा मात्रा में गोबर मिलता है।

ऐसे पशुपालकों के द्वारा गोबर गैस प्लांट की स्थापना करने भी प्रशिक्षण में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में निचले स्तर से लेकर आम जनमानस को जोड़ने पर भी विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया।

लगभग 3 घंटे के प्रशिक्षण में गौठान को किस प्रकार से आजीविका का केंद्र बनाया जा सकता है, इस पर विस्तृत रूपरेखा से अवगत कराया गया। गोधन न्याय योजना के माध्यम से स्व सहायता समूह की महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार दिलाने के विषय में भी प्रशिक्षण में जानकारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि नगर पालिक निगम भिलाई के शहरी गौठान में लगातार आजीविका के संसाधनों में इजाफा हो रहा है महिलाओं को अलग-अलग रोजगार प्राप्त हो रहे हैं, पशुओं के लिए हरा चारा, सूखा चारा से लेकर तमाम व्यवस्थाएं की गई है ।

वही प्रतिदिन पशु चिकित्सक के माध्यम से पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाकर दवाइयां दी जा रही है और पशुओं का इलाज भी किया जा रहा है, बारिश से बचने शेड से लेकर पानी पीने की तमाम व्यवस्थाएं मौजूद है।

फूलों से साबुन, पोछा, फिनाइल, सेनेटरी पैड, अगरबत्ती निर्माण से लेकर सभी जरूरत की चीजें महिलाओं के द्वारा तैयार किया जा रहा है, मछली पालन से लेकर सब्जी व्यवसाय में महिलाएं अच्छा कार्य करते हुए आय अर्जित कर रही है।

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