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इन बातों से पता चलता है कि बच्चों पर प्रेशर डालते हैं पेरेंट्स…

आमतौर पर ऐसा होता है कि पेरेंट्स बच्चों को अनुशासन या मैनर्स सिखाने के चक्कर में उन पर प्रेशर डालने लगते हैं। यह बात सही है कि बच्चों को अच्छा इंसान बनाने के लिए उन्हें बहुत कुछ बचपन से ही सिखाना पड़ता है

लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप कुछ सिखाने के लिए बच्चों पर प्रेशर डालें या फिर हमेशा उन पर चिल्लाते रहें। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि पेरेंट को पता नहीं चलता है कि वे बच्चों पर प्रेशर डाल रहे हैं। ऐसे में आपको खुद के बिहेवियर पर एक बार नजर जरूर रखनी चाहिए।

बच्चों को हमेशा घर के अंदर रखना 

बच्चों को आउटडोर गेम्स खिलाना भी बेहद जरूरी है। आप बच्चों को बाहर खिलाएं और पार्क में जरूर ले जाएं। आप अगर बच्चों को घर से बाहर निकलते ही डांटने लग जाते हैं, तो इसका मतलब यह है कि आप बच्चे पर प्रेशर डाल रहे हैं कि वह बाहर कोई एक्टिविटी न करे और घर में ही रहे।

बच्चों पर हमेशा जीत का प्रेशर डालना 

हर पेरेंट चाहता है कि उनके बच्चे हर फील्ड में आगे रहे। इसके लिए पेरेंट बच्चों को एक्टिविटी भी कराते हैं लेकिन अगर आप जीतने के लिए बच्चे को हर चीज कर गुजरने की सीख देते हैं, तो बच्चों को प्रेशर फील होने लग जाएगा। बच्चों को जीतने के साथ उन्हें हार को डील करना भी सिखाएं।

दूसरे बच्चों की तरह बनने के लिए कहना 

हर बच्चे की क्वालिटी अलग होती है। ऐसे में बच्चों को कभी भी किसी और बच्चे की तरह बनने के लिए न कहें। बच्चे को कम्पेयर करने या दूसरे बच्चे को परफेक्ट बताने से कहीं न कहीं आपके बच्चे पर प्रेशर पड़ता है। बच्चों पर ऐसा प्रेशर न डालें।

परफेक्ट बनाने के लिए होड़ 

हर चीज को सीखने की उम्र होती है, आपको यह बात समझनी चाहिए। बच्चों को कभी भी परफेक्ट बनाने के लिए हर एक चीज सिखाने के पीछे न पड़े। कई पेरेंट बच्चों को 5-6 साल की उम्र में ही कई गेम्स, लैंग्वेज और कई एक्टिविटीज करा लेना चाहते हैं, जिससे बच्चा हमेशा प्रेशर में रहता है। उसकी नींद तक उड़ जाती है।

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