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वेंकैया नायडू की विदाई पर बोले पीएम मोदी, जानें बड़ी बातें…

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू को सोमवार को उच्च सदन में विदाई दी जा रही है। राज्यसभा में फेयरवेल स्पीच में बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक नजर आए।

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम सब यहां राज्यसभा के सभापति और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू को उनके कार्यकाल के समापन पर धन्यवाद देने के लिए मौजूद हैं। यह इस सदन के लिए बहुत ही भावुक क्षण है।

सभा के कई ऐतिहासिक क्षण आपकी गरिमामयी उपस्थिति से जुड़े हैं। पीएम मोदी ने नायडू को संबोधित करते हुए कहा कि आपके वन-लाइनर्स विट-लाइनर्स हैं। वे विन-लाइनर भी हैं। इसका मतलब है

कि उन लाइनों के बाद और कुछ और कहने की जरूरत नहीं पड़ती है। आपका हर एक शब्द सुना जाता है और पसंद भी किया जाता है। सदन में कभी भी उनका काउंटर नहीं होता है। मोदी ने उपराष्ट्रपति नायडू को युवाओं और सांसदों के लिए प्रेरणास्रोत करार दिया है।

उन्होंने कहा कि लोग समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं। राज्यसभा के सभापति नायडू को उच्च सदन में विदाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया।

साथ ही सदन में भी हमेशा युवा सांसदों को आगे बढ़ाया और उन्हें प्रोत्साहन दिया। पीएम मोदी ने नायडू के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि इस अवधि में सदन के कामकाज में वृद्धि हुई।

उन्होंने कहा, ‘आपने देश के लिए और सदन के लिए जो कुछ किया है, उसका ऋण स्वीकार करते हुए आपको भविष्य के लिए बहुत शुभकामनाएं देता हूं। इस सदन को नेतृत्व देने की जिम्मेदारी भले ही पूरी हो रही हो लेकिन उनके अनुभव का लाभ भविष्य में देश को मिलता रहेगा। साथ ही हम जैसे अनेक सार्वजनिक जीवन के कार्यकर्ताओं को भी मिलता रहेगा।

‘ प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में आज देश अपने अगले 25 वर्षों की नई यात्रा शुरू कर रहा है, तब देश का नेतृत्व भी ‘एक नए युग’ के हाथों में है। उन्होंने कहा, ‘इस बार हम एक ऐसा 15 अगस्त मना रहे हैं,

जब देश के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सब के सब लोग आजाद भारत में पैदा हुए हैं और सब के सब साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। मैं समझता हूं कि इसका एक महत्व है।’

मोदी ने कहा कि नायडू ने उपराष्ट्रपति और सदन के सभापति के रूप में गरिमा और निष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वाह किया और अलग-अलग जिम्मेदारियों में बड़ी लगन से काम किया।

उन्होंने कहा, ‘आपने कभी भी किसी काम को बोझ नहीं माना। आपने हर काम में नए प्राण फूंकने का प्रयास किया है।’ पीएम ने कहा कि नायडू देश के एक ऐसे उपराष्ट्रपति है, जिन्होंने अपनी सभी भूमिकाओं में हमेशा युवाओं के लिए काम किया है।

उन्होंने कहा, ‘आपका ये जज्बा और लगन हम लोगों ने निरंतर देखी है। मैं प्रत्येक माननीय सांसद और देश के हर युवा से कहना चाहूंगा कि वे समाज, देश और लोकतंत्र के बारे में आपसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।’

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