बारिश के मौसम में ये 4 स्किन इंफेक्शन कर सकते हैं परेशान, राहत देंगे ये उपाय…
मानसून के दौरान चारों ओर हरी-भरी हरियाली, मिट्टी की खुशबू, ठंडी-ठंडी हवा और बारिश की बूंदे आपके तन-मन को ही नहीं मूड को भी फ्रेश करने के लिए काफी होती हैं। लेकिन मानसून देखने में जितना सुंदर लगता है उतना ही इसके कारण होने वाली समस्या दुखदायक हो सकती हैं।
इस मौसम में लोगों को त्वचा की एलर्जी, कान, नाक और गले की समस्याओं से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस मौसम में तापमान, हवा की गुणवत्ता और उसके दबाव में बदलाव होता है। बता दें, इस मौसम में लोगों को ज्यादातर गर्दन, कोहनी, हाथ, ब्रेस्ट के नीचे, कमर की त्वचा आदि में पसीने आते हैं।
जिसकी वजह से खासकर इन जगहों में रोग पैदा करने वाले रोगाणुओं (कवक, बैक्टीरिया और वायरस) पैदा हो जाते हैं और व्यक्ति इन रोगों से तेज एलर्जी, फंगल संक्रमण, इंटरट्रिगो (intertrigo), दाद (ringworms), त्वचा पर चकत्ते, गले में खराश के अलावा एक्जिमा, सर्दी जुकाम और बुखार या फिर पहले से हुई बीमारियों के फिर से उभरने से पीड़ित हो सकता है।
आइए जानते हैं मानसून में होने वाली इन आम बीमारियों से कैसे करें खुद की देखभाल-
1 – फॉलिकुलाइटिस –
यह बालों की जड़ से जुड़ा संक्रमण है, जिसे हेयर फॉलिकल भी कहा जाता है। जब ये समस्या होती है तो दर्दनाक स्थिति पैदा हो सकती है। इस समस्या के चलते दैनिक गतिविधियां यानी रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
कैसे करें खुद की देखभाल-
फॉलिकुलाइटिस को रोकने के लिए निम्न तरीकों को अपनाना जरूरी है-
– अपना पसीना सूखने के बाद दिन में दो या तीन बार नहाएं।
– जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी अपने पसीने से भीगे कपड़े बदलें।
– सुबह नहाने से पहले सप्ताह में कम से कम दो बार तेल से मालिश करें।
2 – एक्जिमा –
यह त्वचा से संबंधित समस्या होती है। त्वचा में कहीं भी सूखा या गीला होता है तो उस जगह खुजली पैदा होती है। जब ये समस्या होती है तो त्वचा छिली-छिली नजर आती है।
कैसे करें खुद की देखभाल-
एक्जिमा को रोकने के लिए निम्न तरीकों को अपनाना जरूरी है-
– इसके लिए जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेने की जरूरत है।
– खुद से दवाई न लें। डॉक्टर द्वारा सजेस्ट की गई दवाई लें।
– व्यक्तिगत स्वच्छता का पालन करें।
– नाखूनों को बढ़ने से रोकें, जिससे खरोंच को रोका जा सके या संक्रमण ना बढ़े।
3 – दाद –
जब दाद की समस्या होती है तो लाल गोलाकार दाने बहुत बुरी तरह से खुजली करते हैं। पसीना उन्हें और बढ़ा देता है। यह सबसे आम फंगल संक्रमण है और इसे ठीक करना बहुत मुश्किल है।
कैसे करें खुद की देखभाल-
– एप्पल साइडर को आजमाएं और लगाएं, इसमें एंटी-फ्यूगल गतिविधियां होती हैं।
– स्वस्थ आहार का सेवन करें।
– प्रभावित स्थान को हल्के गर्म पानी से धो लें।
– खरोंच न आए।
– अपने चिकित्सक से परामर्श लें।
4 – खुजली –
इस मौसम में लोगों को खुजली की समस्या हो सकती है। यह समस्या संक्रमित व्यक्तियों के सामान को छूने या शेयर करने से भी फैल सकती है।
कैसे करें खुद की देखभाल –
आपको और आपके परिवार को बचाने के लिए इन सावधानियों को बेहतर तरीके से अपनाएं-
– संक्रमित व्यक्ति और उसके सामान विशेषकर कपड़े के तौलिये आदि के संपर्क में आने से बचें।
– स्वच्छता का ध्यान रखें और एक बार इस्तेमाल किए गए कपड़े पहनने से बचें।
– अपने कपड़ों को किसी अच्छे डिटर्जेंट से धोएं।
– इससे छुटकारा पाने के लिए तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
अग्रवाल होम्यो क्लीनिक दिल्ली के होम्योपैथिक एक्सपर्ट पंकज अग्रवाल के अनुसार मानसून के दौरान इन त्वचा रोगों के अलावा, त्वचा की कई पुरानी समस्याएं भी उभर सकती हैं। ऐसे में उन्हें ज्यादा देखभाल की आवश्यकता होती है वरना बुखार और सेप्टीसीमिया हो सकता है।बता दें कि ऐसी बीमारियों को जड़ से ठीक करने के लिए होम्योपैथिक उपचार उपयुक्त विकल्प है।
एक बार होम्योपैथी से इलाज के बाद, यह अगले मानसून में भी दोबारा नहीं होगा। यह उपचार आपको जल्दी राहत दे सकता है। इस उपचार में आपको कोई मलहम लगाने के लिए नहीं दिया जाता है। लोगों का पता होना चाहिए कि रोग त्वचा पर है लेकिन इसका कारण आंतरिक दोष है और ऐसे में होम्योपैथिक दवाओं के साथ इलाज किया जाना चाहिए।