नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सोमवार को देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद की शपथ लेंगी। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण उन्हें 15वीं राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे। उसके बाद नई राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
फिर राष्ट्रपति का संबोधन होगा। राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में मुर्मू ने विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर जीत हासिल की है। वह आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पर पहुंचने वाली सबसे कम उम्र राष्ट्रपति होंगी।
शपथ ग्रहण समारोह सुबह करीब सवा 10 बजे संसद के केंद्रीय कक्ष में होगा। समारोह में उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यों के राज्यपाल, सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, मंत्री,
राजनयिक मिशनों के प्रमुख और संसद सदस्य शामिल होंगे। संसद के केन्द्रीय कक्ष में समारोह के बाद राष्ट्रपति, अपने काफिले के साथ राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी। वहां उन्हें एक इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा।
खास होती है संथाली साड़ी
द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति होंगी। शपथ ग्रहण समारोह में वह पारंपरिक संथाली साड़ी पहन सकती हैं। साड़ी उनकी भाभी सुकरी टुडू लेकर आई हैं।
सुकरी अपने पति तारिणीसेन के साथ शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगी। संथाली साड़ी पूर्वी भारत में खास मौकों पर संथाल समुदाय की महिला द्वारा पहनी जाती है। इन साड़ियों के एक छोर पर कुछ धारियों का काम होता है।
25 जुलाई को शपथ लेने वाली 10वीं राष्ट्रपति होंगी
द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ लेने वाली देश की 10वीं राष्ट्रपति होंगी। वर्ष 1977 से लगातार राष्ट्रपति 25 जुलाई को ही शपथग्रहण करते आ रहे हैं। देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी 1950 को शपथ ली थी।
सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने 13 मई, 1962 को शपथ ली। दो राष्ट्रपति, जाकिर हुसैन और फखरुद्दीन अली अहमद अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके क्योंकि उनका निधन हो गया था। छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली।
तब से 25 जुलाई को ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी व रामनाथ कोविंद ने इसी तिथि को राष्ट्रपति पद की शपथ ली।
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