छत्तीसगढ़दुर्ग

डीएपी की दिक्कत की आशंका के चलते वैकल्पिक साधनों के बारे में किसानों को करें जागरूक…

दुर्ग / रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते डीएपी की दिक्कत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पैदा हुई है। शासन इस बात का प्रयत्न कर रही है कि राज्य के किसानों के लिए अधिक से अधिक डीएपी की उपलब्धता सुनिश्चित करें लेकिन अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों को देखते हुए इसकी कमी की आशंका के लिए तैयार रहना चाहिए और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को इसका वैकल्पिक रास्ता सुझायें।

यह निर्देश पाटन में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक में जिले के प्रभारी सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेसी ने दिये। बैठक में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा, डीएफओ शशिकुमार, जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन भी मौजूद रहे। बैठक में मुख्यमंत्री के ओएसडी आशीष वर्मा ने भी हिस्सा लिया।

कृषि अधिकारियों से सचिव ने कहा कि वर्मी कंपोस्ट के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रेरित करें। साथ ही विकल्प के रूप में यूरिया और सुपर फास्फेट के मिश्रण का उचित अनुपात में इस्तेमाल करने के संबंध में भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि एआरईओ फील्ड में जाकर निरंतर किसानों को इस संबंध में जागरूक करें।

साथ ही सुगंधित धान के उत्पादन एवं हार्टिकल्चर फसलों को भी बढ़ावा दें। एक भी आंगनबाड़ी और स्कूल असुरक्षित न हो, सुनिश्चित कर लें- सचिव ने विशेष रूप से इस बात पर फोकस किया कि बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूल और आंगनबाड़ी की इमारतें पूरी तरह सुरक्षित रहनी चाहिए।

अगले दस दिन में आरईएस के अधिकारी यह देख लें कि एक भी इमारत असुरक्षित नहीं रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मिड डे मील के लिए किचन शेड सभी स्कूलों में होना चाहिए। बच्चों को गणवेश और किताबें मिल जाएं। स्टेडियम की शानदार अधोसंरचना के उपयोग के लिए प्लान कर लें- सचिव ने कहा कि शासन ने खेल की शानदार अधोसंरचना जिले में तैयार की है।

पाटन ब्लाक में देखें तो रानीतराई और मर्रा में जो स्टेडियम तैयार हो रहे हैं। वहां पर स्टेडियम का बेहतर संचालन किस तरह से हो, इसके लिए स्पोर्ट्स फेडरेशन के पदाधिकारियों और स्पोर्ट्स कंसल्टेंट से मिलकर बेहतरीन प्लान तैयार कर लें। पाटन क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को उभारने की दिशा में ये अधोसंरचना बहुत काम आएगी।

कलेक्टर मीणा ने कहा कि फीफा जैसी संस्थाएं स्टेडियम में अधोसंरचना देखकर सर्टिफिकेट देती हैं जो बहुत उपयोगी होते हैं। इन स्टेडियम में इसी तरह की अधोसंरचना तैयार कर खेलों के लिए बेहतरीन माहौल तैयार करेंगे। आईटीआई में बढ़ाएं ट्रेड- परदेसी ने कहा कि पाटन में आईटीआई का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत बड़ा है।

इसका प्रभावी उपयोग कर स्थानीय युवाओं के कौशल संवर्धन के लिए बड़ा काम किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यहां पर ट्रेड्स बढ़ाएं ताकि लोगों को अधिक रोजगार के अवसर मिले। उन्होंने कहा कि भिलाई औद्योगिक क्षेत्र है। यहां अनेक तरह के कौशल संवर्धन के रोजगार हैं। ऐसी संभावनाओं पर काम करते हुए नये ट्रेड शुरू करें।

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