
नई दिल्ली / महाराष्ट्र में जब एकनाथ शिंदे की ताजपोशी हुई, तो ऐसा लग रहा था कि वहां पर सियासी ड्रामा खत्म हो जाएगा, लेकिन ये और ज्यादा बढ़ गया। अब महाराष्ट्र विधानसभा के प्रधान सचिव राजेंद्र भागवत ने कुल 55 शिवसेना विधायकों में से 53 को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें शिंदे गुट के 39 और उद्धव गुट के 14 विधायक शामिल हैं।
इस लिस्ट में विधायक संतोष बांगर का नाम भी शामिल है, जो 4 जुलाई को फ्लोर टेस्ट के दिन शिंदे गुट में आ गए थे। दरअसल फ्लोर टेस्ट और स्पीकर चुनाव के दौरान उद्धव गुट और शिंदे गुट ने एक दूसरे पर व्हिप की अवहेलना करने का आरोप लगाया। साथ ही दोनों गुटों ने एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की।
इसके बाद महाराष्ट्र विधानसभा के दलबदल नियम के तहत ये नोटिस जारी किए गए। दोनों पक्षों ने इस नोटिस के मिलने की पुष्टि की है। सूत्रों के मुताबिक विधायकों को सात दिनों के अंदर अपना पक्ष स्पष्ट करना है। आपको बता दें कि 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं।
हालांकि अभी सदस्यों की वर्तमान संख्या 287 है, क्योंकि एक शिवसेना विधायक का निधन हो गया था। जब फ्लोर टेस्ट हुआ था, तो 164 विधायकों ने शिंदे सरकार का समर्थन किया, जबकि 99 वोट उनके खिलाफ थे। इसके बाद ही शिंदे गुट ने उद्धव खेमे के 14 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। साथ ही उन पर व्हिप की अवहेलना का आरोप लगाया था।
11 जुलाई को सुनवाई
आपको बता दें कि शिंदे के शपथग्रहण के बाद उद्धव गुट सुप्रीम कोर्ट गया था। उस दौरान कोर्ट ने सभी याचिकाओं पर 11 जुलाई को एक साथ सुनवाई करने की बात कही थी। ऐसे में सोमवार का दिन महाराष्ट्र की राजनीति के लिए अहम है। कहा जा रहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही शिंदे कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा।
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