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मोदी सरकार के इस कदम से अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अरब देशों में नौकरी पाने का खुलेगा रास्ता

मोदी सरकार कॉमर्शियल वाहनों (हैवी गुड्स व पैसेंजर) के ड्राइवरों के लिए ईधन क्षमता का प्रशिक्षण दिलाने पर जोर दे रही है। इसमें कॉमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) के अलावा ड्राइवरों को ईधन क्षमता प्रशिक्षण का प्रणाम पत्र दिया जाएगा। इसके अलावा उक्त प्रणाम पत्र की मदद से हर साल लाखों निपुण ड्राइवरों के लिए अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अरब देशों में नौकरी पाने का रास्ता खुल जाएगा।

सरकार नए ईधन खपत मानक लाने की तैयारी में

केंद्र सरकार वाहनों के चलते बढ़ते वायु प्रदूषण और ईधन की खपत कम करन के मकसद से नए ईधन खपत मानक (एफसीएस) लागू करने की तैयारी कर रही है। यह मानक सभी श्रेणियों के वाहनों पर लागू होंगे। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को अधिक माइलेज देने वाले वाहनों मिलेंगे।

वहीं पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाया जा सकेगा।सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने गत एक जुलाई को अधिसूचना जारी करते हुए हितधारकों से सुझाव-आपत्ति मांगी है। इसके एक से दो माह बाद नए एफसीएस संबंधी नए नियम लागू कर दिए जाएंगे।

सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नए मानक हल्के, मध्यम एवं भारी मोटर वाहनों (यात्री वाहन) पर लागू होंगे। सरकार नए नियम एक अप्रैल 2023 से लागू करना चाहती है, लेकिन इसके लिए हितधारों की सहमति अनिवार्य है।

आठ सीटर से छोटे वाहनों पर लागू है एफसीएस  

अभी तक एफसीएस आठ सीटर से छोटे वाहनों पर लागू था। इसका विस्तार करते हुए सभी प्रकार के वाहनों को एफसीएस के जद में शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ईधन की खपत कम करने का यह प्रयास भारत चरण-6 (बीएस-6) मानक का एक हिस्सा है।

इन शहरों में बीएस-5 के स्थान पर बीएस-6 लागू 

विदित हो सरकार ने दिल्ली, मुंबई, चैन्नई, कोलकाता सहित बड़े शहरों में वाहन के बढ़ते प्रदूषण के चलते सरकार बीएस-5 के स्थान पर बीएस-6 लागू कर दिया है। बीएस-6 वाहनों की इंजन की क्षमता में वृद्धि और वायु प्रदूषण में 50 फीसदी की कमी करने में मदद करता है।

इसमें कारें 4.1 लीटर में 100 से अधिक का माइलेज देती है। बीएस-6 वाहन के लिए 93 ऑक्टेन वाले पेट्रोल की जरूरत होगी, जो थोड़ा मंहगा होगा। वाहन निर्माता कंपनियों ने इस पर अमल करना शुरू कर दिया है।

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