बुजुर्ग को लगा कि प्राइवेट पार्ट में फंसा है सांप, आ रही थी फुफकारने की आवाज, X-Ray देख डॉक्टर हैरान
अमेरिका : कुछ साल पहले अमेरिका में एक शख्स का ऑपरेशन हुआ। डॉक्टरों ने पूरी जांच के बाद उसे घर भेज दिया, लेकिन कुछ दिनों में उसके शरीर के अंदर अजीब बदलाव हुए। सबसे ज्यादा दिक्कत शख्स के प्राइवेट पार्ट में हो रही थी, लेकिन जब डॉक्टरों ने दोबारा जांच की तो वो हैरान रह गए।
सांप के फुफकारने की आवाज
ये मामला अमेरिका के ओहायो शहर का है। वहां पर एक बुजुर्ग शख्स ऑपरेशन करवाकर घर गए थे। कुछ दिनों बाद उनके प्राइवेट पार्ट से आवाज आने लगी। जिसे सुन उनको ऐसा लगा जैसे उनके शरीर में कोई सांप फंसा हो और वो फुफकार रहा। जिससे बुजुर्ग की हालत और ज्यादा खराब होती चली गई।
टॉयलेट के वक्त पता चला
परिजनों के मुताबिक ऑपरेशन के बाद जब मरीज टॉयलेट गया था, तो उनको अजीब आवाजें सुनाई दीं। शुरू में उन्होंने उसे इग्नोर कर दिया, लेकिन जब ये कई दिनों तक होता रहा, तो उनकी हालत खराब हो गई।
उन्होंने घर वालों को बताया कि प्राइवेट पार्ट से अजीब आवाजें आ रही हैं, जो एकदम सांप के फुफकारने जैसी थी। आनन-फानन में उनको डॉक्टर्स के पास ले जाया गया।
डॉक्टर्स ने लिया ये फैसला
डॉक्टर्स भी ये केस देख हैरान रह गए। उनके लिए ये अनोखा मामला था। बुजुर्ग दावा कर रहा था कि उसके प्राइवेट पार्ट में सांप घुस गया है, लेकिन मेडिकल साइंस के हिसाब से ये संभव नहीं था।
जिस वजह से उनकी जांच का फैसला लिया गया। अमेरिकन जर्नल ऑफ केस रिपोर्ट्स के मुताबिक 72 साल के मरीज के शरीर में सूजन भी आ गई थी और उनकी सांस भी फूल रही थी।
एक्स-रे से मामला सुलझा
एक्स-रे रिपोर्ट आने पर पता चला कि मरीज के फेफड़े काम नहीं कर रहे थे, जिस वजह से उसके शरीर में हवा भर जाती थी। इस वजह से उनके प्राइवेट पार्ट में हवा कैद हो जाती। जब वहां से हवा निकलती तो वो सांप के फुफकारने की आवाज जैसी लगती।
इस मेडिकल कंडीशन को Pneumoscrotum कहते हैं, जो बहुत ही कम लोगों को होती है। इसके बाद डॉक्टरों ने मरीज के फेफड़ों में ट्यूब लगाकर हवा निकालने की कोशिश की, लेकिन उनकी हालत में ज्यादा सुधार नहीं हुआ।
अब फिर से होगा ऑपरेशन
रिपोर्ट के मुताबिक ये समस्या बुजुर्ग के साथ पिछले दो साल से बनी हुई है। इसके कई उपाय किए गए, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। ऐसे मे अब डॉक्टरों ने एक और ऑपरेशन की योजना बनाई है। जिसके तहत मरीज के दोनों टेस्टिकल्स काटकर अलग किए जाएंगे। इसके बाद उनको राहत मिलने की उम्मीद है।
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