छत्तीसगढ़दुर्ग

न्यायाधीशों के द्वारा विधिक साक्षरता शिविर के माध्यम से विद्यार्थीयों एवं जनमानस को दी जा रही विधिक जानकारी

दुर्ग / राष्टीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई-दिल्ली एवं छत्तीसगढ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, के निर्देशन पर एवं प्लान ऑफ एक्शन 2022-23 के तहत कानूनी विषयों पर न्यायाधीशगणों के द्वारा ग्रामीण स्तर एवं विद्यालयों में समय-समय पर विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किये जा रहे हैं।

जिनमें न्यायाधीशगण बाल अधिकार, बाल श्रम, पर्यावरण , विधिक सेवा योजनाओं तथा जनोपयोगी सेवाओं के विषयों पर विशेष रूप से ध्यानाकर्षित कर कानूनी जानकारी से अवगत कराया जा रहा है । प्रायः यह देखा गया है कि विद्यार्थीयों को कानूनों की जानकारी नहीं होने के कारण वे अपराध कारित कर देते हैं।

विद्यार्थी को विशेष रूप में कानून की जानकारी दिये जाने से उनके भविष्य को दिशाहीन होने से रोका जा सकता है। कई विद्यार्थी यातायात कानून का उल्लंघन करते पाये जाते हैं । युवा वर्ग नशे की गिरफ्त में त्वरित गति से फसता जाता है और नशे के प्रभाव से अपना जीवन तथा अपने परिवार का जीवन को समाप्त करने के लिए कदम उठाता जाता है ।

जनमानस को जनापयोगी सेवाओं के मामलो के सुनवाई के लिए दुर्ग में स्थापित स्थायी लोक अदालत जनोपयोगी सेवा के संबंध में जानकारी दी गई । वरिष्ठजनों को एवं महिलाओं के लिए भरण पोषण से संबंधित अधिनियम की जानकारी प्रदान की गई।

शाासकीय जे.आर.डी. स्कूल, आदर्श कन्या उ.मा.शाला, महात्मा गांधी स्कूल, शा.उ.मा.शाला पुलगांव , वृद्वाश्रम दुर्ग में न्यायाधीशगणों के द्वारा विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। जिनमें न्यायाधीश संजीव कुमार तामक, आनंद प्रकाश वारियाल, ताजुद्दीन आसिफ, उमेश उपाध्याय उपस्थित हुए। उनके द्वारा विभिन्न कानूनी विषयों की जानकारी दी गई।

इस प्राधिकरण के द्वारा पैरालीगल वालिन्टियर्स के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक विधिक विषयों की पहुंच सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सिकोला भाठा, प्रेमनगर व तितुरडीह दुर्ग, महिला स्वसहायता समूह रामनगर तथा शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला शांतिनगर में विधिक साक्षरता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

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