
एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान कर दिया है। द्रौपदी के नाम के ऐलान के साथ ही राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए का रास्ता काफी आसान हो गया है।
असल में बीजेडी ने पहले ही संकेत दे दिए थे कि अगर राष्ट्रपति के रूप में मुर्मू का नाम आता है तो वह विरोध नहीं करेगी। इसीलिए बीजेडी ने विपक्ष द्वारा राष्ट्रपति चुनाव को लेकर आयोजित बैठक से भी दूरी बनाई थी।
असल में मूल रूप से ओडिशा की रहने द्रौपदी मुर्मू बीजेडी सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। इसलिए बीजेडी उनके नाम पर आपत्ति नहीं जताएगी।
आदिवासी और महिला कार्ड
इसके अलावा भाजपा की ओर से आदिवासी और महिला कार्ड एक साथ चला गया है। ऐसे में भाजपा को उम्मीद होगी कि कुछ न्यूट्रल दल भी उसका समर्थन कर सकते हैं।
ओडिशा में सत्ताधारी दल ने कहा था कि वह राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कोई डिसीजन एनडीए उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद लेगा। इसको लेकर बीजेडी सूत्रों ने कहा था
कि साल 2000 में भाजपा और बीजेडी की गठबंधन सरकार में मुर्मू ओडिशा की मंत्री भी थीं। ऐसे में राज्य और आदिवासी नेता के नाम पर बीजेडी विरोध नहीं करना चाहेगी।
द्रौपदी मुर्मू को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाए जाने के बाद ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने ट्वीट कर कहा, “द्रौपदी मुर्मू का एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में होना ओडिशा के लिए गर्व का क्षण है।
जब पीएम मोदी ने मेरे साथ इस पर चर्चा की थी तो मुझे खुशी हुई। वह देश में महिला सशक्तिकरण के लिए एक चमकदार उदाहरण स्थापित करेंगी।”
वोट जुटाना भी होगा आसान
द्रौपदी मुर्मू के नाम के ऐलान के साथ ही भाजपा के लिए राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट जुटाना भी आसान हो जाएगा। राष्ट्रपति चुनाव में कुल मतों का मूल्य 10,79,206 है।
ऐसे में अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए एनडीए को इसके आधे से अधिक यानी 5 लाख 40 हजार मूल्य के वोट चाहिए। फिलहाल एनडीए के कुल वोटों का मूल्य 4,97,715 है।
ऐसे में उसके पास 43 हजार मूल्य के वोटों की ही कमी है। अब अगर बीजेडी एनडीए के साथ आती है तो उसके मौजूद 31,686 वोटों का मूल्य भी एनडीए को मिलेगा।
वहीं आदिवासी उम्मीदवार के नाम पर भाजपा को कुछ अन्य दलों का भी साथ मिल सकता है। ऐसे में इस बात की पूरी संभावना है कि बतौर राष्ट्रपति उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के लिए जीत आसान होगी।
संपूर्ण खबरों के लिए क्लिक करे