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रूस ने पकड़े गए भाडे़ के 3 सैनिकों को सुनाई सरेआम गोली मारने की सजा, अपील के लिए 1 महीने का वक्त

मॉस्को. यूक्रेन की ओर से रूस के खिलाफ जंग लड़ने पहुंचे भाड़े के विदेशी सैनिकों को खौफनाक सज़ा दी जा रही है. युद्ध के मैदान में पकड़े गए ब्रिटेन और मोरक्को के 3 सैनिकों को रूस समर्थित विद्रोहियों ने मौत की सजा सुनाई है. तीनों को अपील करने के लिए एक महीने का वक्त दिया गया है.

उसके बाद तीनों को गोली मारकर मौत की नींद सुला दिया जाएगा. रूस के कब्जे वाले स्वघोषित दोनेत्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की अदालत ने तीनों आरोपियों को सरकार को पद से हटाने के लिए हिंसक कार्रवाई करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई. कोर्ट ने तीनों को सैन्य गतिविधि और आतंकवाद फैलाने का भी दोषी ठहराया.

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती ने बताया कि मौत की सजा पाने तीनों आरोपियों के नाम ब्रिटेन निवासी एडेन असलिन व शॉन पिनर और मोरक्को निवासी सौदुन ब्राहिम हैं.

अपील करने के लिए दिया गया एक महीने का वक्त

अदालत ने आदेश दिया कि तीनों आरोपियों को गोली मारकर मौत की सजा दी जाएगी. उन्हें इस फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है.

अलगावादियों ने दावा किया कि तीनों आरोपी भाड़े पर लड़ रहे लड़ाके हैं, इसलिए वे जिनेवा के युद्धबंदी समझौते के तहत सुरक्षा की अर्हता नहीं रखते हैं.

रूसी समर्थक बलों के सामने किया था सरेंडर

ब्रिटेन निवासी पिनर और असलिन ने अप्रैल के बीच में यूक्रेन के दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल में रूसी समर्थक बलों के सामने सरेंडर कर दिया था.

वहीं, ब्राहिम ने इस साल मार्च में यूक्रेन के पूर्वी शहर वोलनोवखा में सरेंडर किया था. इससे पहले रूस की सेना ने कहा था कि यूक्रेन के लिए किराये पर लड़ रहे विदेशी, सैनिक नहीं हैं और पकड़े जाने पर उन्हें लंबी सजा दी जा सकती है.

‘भाड़े के नहीं, यूक्रेन के सैनिक थे’

वहीं, एडेन असलिन और शॉन पिनर के परिवार वालों ने इस बात का खंडन किया है कि वे भाड़े के सैनिक थे. दोनों के घरवालों ने कहा कि वे वर्ष 2018 से ही यूक्रेन में रह रहे थे.

उन्होंने यह भी कहा कि वहां रहते हुए वे यूक्रेन की सेना में भर्ती हो गए थे. अपने देश की ओर से लड़ने के लिए उन्हें मोर्चे पर भेजा गया था. जहां रूसी सैनिकों से घिर जाने के बाद उन्होंने बाद में सरेंडर कर दिया था.

एक ब्रिटिश नागरिक कर रहा सुनवाई का इंतजार

रूसी समर्थक बलों ने इसी तरह के मामले में एक और ब्रिटिश नागरिक एंड्रयू हिल को गिरफ्तार कर रखा है. वह फिलहाल अपनी सुनवाई का इंतजार कर रहा है. इस बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी तुलना 17वीं सदी के रूसी सम्राट पीटर द ग्रेट से की है.

पुतिन ने अपने एक बयान में कहा कि क्षेत्र को ‘वापस लेना’ और अपना बचाव’ करना देश की जरूरत है. इस बारे में किसी तरह के संकोच या किंतु-परंतु को स्वीकार नहीं किया जा सकता.

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