लद गए IPO से मुनाफा कमाने के दिन! LIC समेत इन 6 कंपनियों ने डुबोई निवेशकों की लुटिया
क्या आईपीओ का क्रेज खत्म हो रहा है। पिछले साल की तुलना में 2022 में इनिशियल पब्लिक आफरिंग यानी आईपीओ (IPO) लाॅन्चिंग में कमी आई है। इसके पीछे का मुख्य कारण बाजार का बदला हुआ माहौल है।
अगर आईपीओ डेटा के मुताबिक देखा जाय तो इस साल अबतक पहले पांच महीनों में 15 आईपीओ लाॅन्च हो चुके हैं। इनमें से 6 आईपीओ लिस्टिंग प्राइस से बेहद नीचे कारोबार कर रहे हैं। वहीं, तीन आईपीओ ऐसे रहे जो इस समय फ्लैट कारोबार कर रहे हैं और बाकी ने लाभ दर्ज किया है।
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक: लिस्टिंग के बाद से 49% नीचे
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज आईपीओ की लिस्टिंग इस साल जनवरी में हुई थी। यह इस साल का पहला आईपीओ था। यह इश्यू अपने लिस्टिंग प्राइस से लगभग 50 फीसदी नीचे आ गया है।AGS Transact Technologies Limited का शेयर अभी 86.70 रुपये पर है।
एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज (AGS Transact Technologies) के शेयर बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में 176 रुपये पर लिस्ट हुए थे। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर एजीएस ट्रांजैक्ट टेक्नोलॉजीज के शेयर 175 रुपये पर लिस्ट हुए थे।
2. उमा एक्सपोर्ट्स: लिस्टिंग के बाद से 20% नीचे
उमा एक्सपोर्ट्स चावल, गेहूं, चीनी, मसाले, सूखी लाल मिर्च, धनिया, जीरा, खाद्यान्न, दाल आदि सहित कृषि उत्पादों का मार्केटिंग, कारोबार और डिलिवर करता है।
यह इश्यू अप्रैल में लिस्ट हुआ था और तब से इस शेयर में करीब 20 फीसदी की गिरावट आई है। कंपनी के शेयर लिस्टिंग के वक्त NSE में 76 रुपये पर ट्रेड रहे थे।
यह अपने इश्यू प्राइस से करीब 11% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ था। BSE में इसका लिस्टिंग प्राइस 80 रुपये था। वतर्मान में इस कंपनी के शेयर 53 रुपये पर ट्रेड कर रहे हैं।
3. भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC): लिस्टिंग के बाद से 15% नीचे
भारत का सबसे बड़ा आईपीओ भारतीय जीवन बीमा निगम ने निवेशकों को निराश किया है। कंपनी भारत में सबसे बड़ी बीमाकर्ता है लेकिन अपने नाम पर खरी नहीं उतरी है। लिस्टिंग के दो हफ्तों में स्टॉक में 15 फीसदी की गिरावट आई है।
4. रेनबो चिल्ड्रेन मेडिकेयर: लिस्टिंग के बाद से 11% नीचे
रेनबो चिल्ड्रन मेडिकेयर भारत में एक बहु-विशिष्ट बाल चिकित्सा, प्रसूति और स्त्री रोग अस्पताल चेन संचालित करता है। रेनबो चिल्ड्रन मेडिकेयर छह शहरों में 14 अस्पतालों और तीन क्लीनिकों का संचालन करता है, जिनकी कुल बिस्तर क्षमता 1,500 बिस्तरों की है। आईपीओ के बाद से यह शेयर 11 फीसदी नीचे है।
5. प्रूडेंट कॉर्पोरेट एडवाइजरी सर्विसेज: लिस्टिंग के बाद से 9% नीचे
प्रूडेंट कॉर्पोरेट एडवाइजरी सर्विसेज ऑनलाइन और ऑफलाइन चैनलों के माध्यम से फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स के डिलीवरी के लिए निवेश और वित्तीय सेवा प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
यह वित्त वर्ष 2011 तक प्रबंधन (एयूएम) के तहत औसत संपत्ति के मामले में शीर्ष 10 म्यूचुअल फंड वितरकों में से एक है। यह शेयर लिस्टिंग प्राइस से 9% नीचे है।
6. एथोस लिमिटेड: लिस्टिंग के बाद से 8% नीचे
एथोस लिमिटेड भारत में सबसे बड़ा लग्जरी और प्रीमियम वॉच रिटेलर है। कंपनी के भारत के 17 शहरों में 50 फिजिकल रिटेल स्टोर हैं। कंपनी का दावा है
कि किसी भी समय स्टॉक में 7,000 अलग-अलग प्रीमियम घड़ियां और 30,000 घड़ियां हैं। इस सप्ताह की शुरुआत में सूचीबद्ध होने के बाद से स्टॉक 8 प्रतिशत से अधिक नीचे है।
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