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दुनिया में छा जाएगी मंदी? रूस, यूक्रेन युद्ध पर वर्ल्ड बैंक ने दी चेतावनी

न्यूयॉर्क : रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का एक बड़ा असर व्यापार जगत पर पड़ा है। विश्व बैंक(World Bank) ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि, दोनों देशों के बीच महीनों जारी युद्ध वैश्विक मंदी का कारण बन सकता है।

वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष डेविड मलपास (David Malpass) ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी हमले की वजह से खाद्य, ऊर्जा और ऊर्वरक की कीमतों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए दुनिया को बताया कि इस जंग से वैश्विक मंदी (Global Recession) का खतरा उत्पन्न हो सकता है।

रूस, यूक्रेन जंग के बीच वैश्विक मंदी का डर

पिछले कई महीनों से रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है, जिसका असर दुनिया भर के देशों पर पड़ रहा है। कहीं खाद्य सामग्री को लेकर समस्या बढ़ रही है तो कहीं पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से लोग परेशान हैं।

श्रीलंका तो अपनी नीतियों, कोरोना महामारी और कुछ रूस-यूक्रेन जंग के कारण पूरी तरह दिवालिया हो चुका है। अब इसी कड़ी में वर्ल्ड बैंक ने वैश्विक मंदी के आने की चेतावनी दी है, जो बेहद चिंताजनक है।

विश्व बैंक ने दी वैश्विक मंदी की चेतावनी

विश्व बैंक के प्रमुख डेविड मालपास ने चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के यूक्रेन पर हमले की वजह से वैश्विक आर्थिक मंदी का खतरा दुनिया भर में मंडराने लगा है. क्योंकि युद्ध के चलते खाद्य सामग्री,

ऊर्जा और खाद के दामों में तेजी से उछाल आ रहा है। अमेरिका में आयोजित एक व्यापारिक कार्यक्रम में डेविड मेलपास ने कहा कि आर्थिक मंदी से कैसे बच सकते हैं, यह कह पाना मुश्किल है।

चीन में कोरोना वायरस के चलते लगातार लॉकडाउन ने वैसे भी बाजार की गति को धीमा कर दिया है। उस पर रूस के यूक्रेन पर हमले ने स्थिति और खराब कर दिया है।

ऊर्जा के दोगुने दाम आर्थिक मंदी लाने में अहम

विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड मालपास का कहना है कि ऊर्जा के दामों का दोगुना हो जाना आर्थिक मंदी लाने में अहम रहा है। पिछले महीने विश्व बैंक ने अपने वार्षिक आर्थिक वृद्धि के अनुमान को लगभग पूर्ण प्रतिशत घटाकर 3.2 कर दिया।

जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद आर्थिक वृद्धि मापने के अहम तरीकों में से एक है. इससे आसानी से पता लगाया जा सकता है कि आर्थिक स्थिति कितनी बेहतर या बदतर है।

भारत में क्या है स्थिति?

व्यापार प्रकाशन लाइव मिंट ने बताया कि, भारत के लिए विश्व बैंक ने अप्रैल में विकास अनुमान को 8.7 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया, यह बिगड़ती आपूर्ति बाधाओं और युद्ध के कारण बढ़ते

मुद्रास्फीति जोखिमों के आधार पर इसका आंकलन किया गया था। भारत में खुदरा कीमतों में 7.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो कि आठ वर्षों में सबसे अधिक है। वहीं, चीन ने तो खतरे की घंटी बजा दी है।

चीन की स्थिति क्या है?

चीन वैश्विक विकास का एक प्रमुख केंद्र है। हालांकि, कोरोना को लेकर चीन की नीति ने उसकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। उपर से कुछ महत्वपूर्ण इलाकों में किए गए सख्त लॉकडाउन के कारण कृषि क्षेत्र भी काफी प्रभावित हुआ।

उर्वरक, खाद्य सामग्री और ऊर्जा की हो रही कमी

डेविड मालपास का कहना है कि कई यूरोपियन देश अब भी तेल और गैस के लिए रूस पर निर्भर हैं। जबकि पश्चिमी देश ऊर्जा के मामले में रूस पर अपनी निर्भरता को कम करने की योजना पर आगे बढ़ रहे हैं।

विश्व बैंक के अध्यक्ष डेविड एक और कार्यक्रम में यह बात कह चुके हैं कि रूस का गैस की आपूर्ति कम करना मंदी का कारण बन सकता है। इसके पहले ऊर्जा की बढ़ी कीमतें जर्मनी पर अतिरिक्त भार डाल ही रही थीं

जो यूरोप की सबसे बड़ी और दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इसके अलावा अन्य विकासशील देश भी उर्वरक, खाद्य सामग्री और ऊर्जा की कमी से जूझ रहे हैं।

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