तालेड़ा थाना क्षेत्र के चांदा का तालाब गांव में दिनदहाड़े हत्या की वारदात अंजाम दी गई। रविवार सुबह मनरेगा मजदूरों के लिए पानी लेकर जा रहे सुखलाल गुर्जर (40) की बाइक को पहले टक्कर मारकर गिराया और फिर धारदार हथियारों से ताबड़तोड़ वार कर हत्या कर डाली।
सुखलाल को अस्पताल ले जाया गया, पर डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। गांव में तनाव की स्थिति बन गई। एसपी जय यादव भी मौके पर पहुंच गए और डीएसपी शंकरलाल मीणा, सीआई दिग्विजयसिंह व पुलिस टीम को निर्देश दिए।
8 माह पूर्व हमलावर पक्ष के जसराज गुर्जर पर प्राणघातक हमला करने के मामले में पलटवार करते हुए हमलावरों ने सुखलाल गुर्जर के साथ बदले की भावना से वारदात को अंजाम दिया। मृतक मनरेगा में श्रमिक था।
घटना के वक्त साथी श्रमिकों के लिए पानी लेकर कार्यस्थल पर जा रहा था, तभी सुनियोजित ढंग से हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने चांदा का तालाब निवासी शिवराज गुर्जर, भोजराज पुत्र धन्नालाल गुर्जर, भोजराज पुत्र रामलाल गुर्जर,
जसराज गुर्जर, रामराज गुर्जर, जुगराज गुर्जर, धर्मराज गुर्जर, बाबूलाल गुर्जर व दुर्गालाल गुर्जर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर दो आरोपियों को हिरासत में लिया है।
शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। तनाव को देखते हुए पुलिस जाब्ता तैनात किया गया। परिवारजनों में आक्रोश है।
भास्कर Explainer }पुरानी रंजिश में हत्या की दूसरी वारदात
चांदा का तालाब क्षेत्र में सरकारी और वन भूमि पर अवैध कब्जे को लेकर वर्चस्व की लड़ाई में हत्या की यह दूसरी वारदात है। कुछ साल पहले उदयलाल गुर्जर नामक व्यक्ति की हत्या हो गई थी।
उदयलाल की हत्या के बाद चांदा का तालाब गांव के दो टुकड़े हो गए। एक पक्ष ने नई बस्ती बनाकर चौहानों का झोपड़ा गांव का नाम दिया। सैकड़ों बीघा सरकारी वन भूमि में पशु चराई को लेकर पशुपालक अक्सर आमने-सामने होते हैं,
लेकिन वन विभाग ने वन भूमि संरक्षित करने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है। पशु चराई के नाम पर सैकड़ों बीघा वन भूमि में धान और गेहूं की फसल पैदा करने वाले पशुपालक वर्षों से वन भूमि पर कब्जा और वर्चस्व को लेकर झगड़ा-फंसाद करते रहे हैं।
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