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भारत तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था, आर्थिक विकास दर 6.4% रहने की उम्मीद

नई दिल्ली. संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है वहीं भारत के जीडीपी (GDP) में वृद्धि भी पिछले वर्ष के 8.8 फीसदी की तुलना में कम होकर 2022 में 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है. इसके बावजूद भारत सबसे तेजी से वृद्धि करने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था है.

रिपोर्ट में कहा गया कि ऊंची मुद्रास्फीति का दबाव और कामगार बाजार में असमान रिकवरी से निजी उपभोग और निवेश प्रभावित हो रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग ने बुधवार को ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं (WESP)’ रिपोर्ट जारी की.

इसमें कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के 2022 में 3.1 फीसदी की दर से वृद्धि करने का अनुमान है जो जनवरी 2022 में जारी 4.0 फीसदी के वृद्धि पूर्वानुमान के मुकाबले कम है. 2022 में वैश्विक मुद्रास्फीति भी 6.7 फीसदी दर से बढ़ने का अनुमान है जो 2010 से 2020 की औसत 2.9 फीसदी के मुकाबले दोगुनी है. खाद्य वस्तुओं और ऊर्जा की कीमतों में भी वृद्धि हो रही है.

वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की वृद्धि अनुमान 6 फीसदी

इसमें कहा गया, ‘‘भारत की अर्थव्यवस्था के 2022 में 6.4 फीसदी की दर से वृद्धि का अनुमान है जो 2021 की 8.8 फीसदी की वृद्धि दर की तुलना में कम है.’’ वित्त वर्ष 2023 के लिए भारत की वृद्धि अनुमान 6 फीसदी है.

दुनिया के लगभग सभी क्षेत्र उच्च मुद्रास्फीति से प्रभावित

संयुक्त राष्ट्र के इकोनॉमिक एंड सोशल मामलों के विभाग में इकोनॉमिक एनालिसिस एंड पॉलिसी डिविजन में ग्लोबल इकोनॉमिक मॉनिटरिंग ब्रांच के प्रमुख हामिद रशीद ने कहा कि पूर्वी एशिया और दक्षिण एशिया को छोड़कर दुनिया के लगभग सभी क्षेत्र उच्च मुद्रास्फीति से प्रभावित हैं.

रशीद ने कहा इस मामले में भारत कुछ बेहतर स्थिति में है. उन्होंने कहा, ‘‘निकट भविष्य यानी अगले साल में भारत का आर्थिक पुनरुद्धार मजबूत रहने की उम्मीद है. हालांकि जोखिम अभी खत्म नहीं हुआ है.’’

एग्री सेक्टर प्रभावित होने की आशंका

रिपोर्ट में कहा गया कि फर्टिलाइजर समेत एग्री प्रोडक्ट्स की ऊंची कीमतों और इनकी कमी के कारण बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में एग्री सेक्टर प्रभावित होगा.

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