छत्तीसगढ़दुर्ग

शिक्षा के स्तर को और बेहतर करने के लिए जिले में चलाया जाएगा वालेंटियर आधारित कार्यक्रम:- कलेक्टर

दुर्ग / नए शिक्षा सत्र की शुरूआत से पहले शिक्षा विभाग द्वारा आज खालसा पब्लिक स्कूल में शासकीय हाई स्कूल व हायर सेकण्डरी स्कूलों के प्राचार्याे, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयकों की आवश्यक बैठक का आयोजन कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे की अध्यक्षता में किया गया था।

बैठक में कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने बोर्ड परीक्षाओ में शत प्रतिशत परिणाम वाले 06 हाई स्कूल तथा 10 हायर सेकण्डरी के प्राचार्यों को बधाई दी साथ ही 90 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्याे की सराहना की। इस अवसर पर कलेक्टर ने शिक्षा के स्तर को और बेहतर कैसे बनाया जा सके।

इस विषय पर गहन चर्चा करते हुए उपस्थित शिक्षकों को नए सत्र के लिए आवश्यक रणनिति तैयार करने की सलाह दी, उन्होंने सत्र प्रारंभ होने पर पूर्व कक्षा की पुनरावृत्ति के लिए शिक्षकों को छोटा मॉड्युल तैयार करने के लिए कहा जिससे विद्यार्थी जल्द से जल्द पढ़ाई के साथ समन्वय स्थापित कर सके।

जिले के स्कूलों में चलाया जाएगा वालेंटियर आधारित कार्यक्रम- इस अवसर पर कलेक्टर ने बताया कि जिले के सभी स्कूलों में विषय विशेषज्ञों द्वारा वालेंटियर आधारित कार्यक्रम की शुरूआत शीघ्र की जाएगी। इस कार्यक्रम में ट्युटर, कोचिंग संस्थान से जुड़े हुए लोग, शिक्षा के क्षेत्र से जुडे़ हुए लोग और प्रतिभावान युवक भी अपनी सेवा वालेंटियर बनकर दे सकते हैं।

वांलेंटियर आधारित इस कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में शिक्षा के स्तर को और बेहतर करना है। बच्चों का शिक्षा के साथ पुनः समन्वय स्थापित करना प्राथमिकता- कोरोना काल के चलते विगत दो वर्ष विद्यार्थियों के लिए शिक्षा की दृष्टिकोण से अनूकुल नहीं थे। कलेक्टर का कहना था ।

कि आनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से हमनें शिक्षा के इस गैप को भरने का प्रयास किया परंतु स्कूलों के माध्यम से बच्चों के लिए जो वातावरण पैदा किया जा सकता है, उसे हम आनलाइन माध्यम से प्राप्त नहीं कर सकते है। इसलिए आने वाले सत्र में बच्चों का शिक्षा के साथ जुड़ाव स्थापित करना, हमारी प्राथमिकता की श्रेणी में होना चाहिए।

ये सत्र विद्यार्थियों के साथ साथ समन्वय स्थापित करने के दृष्टिकोंण से शिक्षकों के लिए भी अतिमहत्वपूर्ण है। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी अभय जायसवाल द्वारा भी उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम वाले प्राचार्याे को शुभकामनाएं देते हुए टॉप 10 में स्थान बनाने वाले 33 बच्चों को सम्मानित किये जाने की बात कही गई ।

नये शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व विद्यालयों को स्वच्छ करने, शौचालयों की आवश्यक मरम्मत कराने तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को ठीक कराने, आरोहण कक्षाओं में अधिक से अधिक बच्चों को जोड़ने के संबंध में और आगामी शिक्षा सत्र में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति एवं अध्ययन-अध्यापन सुव्यवस्थित रूप से कराने के निर्देश दिये गये।

उन्होंने यह भी बताया कि बताया कि शिक्षा के नये सत्र के लिए विभाग द्वारा नया रोडमैप तैयार किया गया है। जिसमें बच्चों के मॉनिटरिंग के साथ साथ शिक्षकों की ट्रेनिंग और मॉनिटरिंग भी की जाएगी। शिक्षक, बच्चों को संबंधित विषय को बेहतर तरीके से समझा सके इसके लिए उन्हें भाषाई कौशल के स्तर पर भी दक्ष किया जाएगा,

शिक्षक प्र्रतिदिन बच्चों से मौखिक सवाल जवाब करके उनसे समन्वय बढ़ायेंगे, बच्चों का आकलन कॉसेप्ट के आधार पर किया जाएगा। मास्टर ट्रेनरों का चिन्हांकन कर शिक्षकों की आवश्यकता के अनुरूप टेनिंग कराई जाएगी। इसके अलावा उन्होंने प्रचार और संकुल प्रभारियों को अध्यापन कार्य से जुड़े रहने की सलाह दी है ताकि विद्यार्थी उनके अनुभव से बेहतर ज्ञान की प्राप्ति कर सकें।

जिला शिक्षा कार्यालय के सहायक संचालक द्वय श्रीमती पुष्पा पुरूषोत्तमन एवं डॉ. बी रघु द्वारा प्रशासनिक एवं अकादमिक तैयारियों के संबंध में विस्तार से निर्देश दिया गया। उक्त बैठक में समग्र शिक्षा के जिला मिशन समन्वयक सुरेन्द्र पाण्डेय द्वारा विद्यांजली 2.0 में पंजीयन, शिक्षकों के स्व-आकलन तथा पी. एफ. एम. एस. व्यवस्था में तैयार पी.पी.ए. के संबंध में आवश्यक जानकारी दी गई ।

बैठक में लेखाधिकारी राजेश ओझा एवं साख्यिकीय अधिकारी अमित घोष के साथ दुर्ग जिले के शासकीय विद्यालयों के 179 प्राचार्याे सहित, सहायक संचालक, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।

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