
भोपाल. मध्य प्रदेश में पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण का रास्ता आखिरकार साफ हो गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व के फैसले को बदलते हुए ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव कराए जाने का आदेश दिया है. हालांकि कोर्ट ने यह साफ किया है कि कुल आरक्षण 50 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा.
कोर्ट के इस फैसले को बीजेपी और सरकार अपनी बड़ी जीत करार दे रहे हैं. आदेश के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा भी कि सत्यमेव जयते. बीजेपी प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री का जोरदार अभिनंदन भी किया गया.
इस दौरान बीजेपी प्रदेश कार्यालय में जमकर आतिशबाजी हुई और मिठाई बांटी गई. बीजेपी मुख्यालय में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के अलावा प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी मौजूद रहे.
विदेश दौरा किया रद्द, दिल्ली लगाई दौड़
ओबीसी आरक्षण पर इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आरक्षण के बिना ही चुनाव कराने का आदेश दे दिया था. इसके तुरंत बाद सरकार हरकत में आई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का 14 मई से विदेश दौरा प्रस्तावित था, लेकिन मुख्यमंत्री ने आनन-फानन में दौरा रद्द कर दिल्ली जाना तय किया.
मध्य प्रदेश सरकार के विशेष विमान से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र से दिल्ली रवाना हुए. दिल्ली में तीनों ने सॉलिसिटर जनरल से मुलाकात की और विशेषज्ञ वकीलों के पैनल से भी मंथन किया. सरकार ने कोर्ट में मोडिफीकेशन याचिका दाखिल की और कोर्ट से आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने का आग्रह किया.
एक्टिव हुए ओबीसी कमीशन
इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार ने ओबीसी कमिशन को भी एक्टिव कर दिया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद ओबीसी कमिशन के अध्यक्ष गौरी शंकर बिसेन से बात की. विशेषज्ञों के साथ मंथन करने के बाद ओबीसी कमिशन ने पंचायत वार आरक्षण की वैज्ञानिक आधार पर रिपोर्ट तैयार की.
इस रिपोर्ट को कोर्ट में पेश करने के लिए प्रदेश सरकार के विशेष विमान जानकारी दिल्ली भेजी गई. कमीशन की रिपोर्ट को आधार मानकर कोर्ट ने आखिरकार ओबीसी आरक्षण के साथ ही चुनाव कराने का फैसला सुना दिया.
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