बजट वाले बयान पर घिरी मान सरकार, जब लोग ही बजट बनाएंगे तो सरकार किस लिए है- वड़िंग

चंडीगढ़ । पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनते ही अमृंदर सिंह राजा वड़िंग मान सरकार के लिए चुनौती बन गए हैं। आए दिन वह पंजाब सरकार को घेरते हुए नज़र आ रहे हैं, इसी कड़ी में आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा किए गए दावे कि पंजाब के लोग अपना बजट बनाएंगे,
को लेकर बजट बनाने संबंधित उनकी अज्ञानता की हंसी उड़ाई है। यहां जारी एक बयान में, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इससे इस सरकार की बजट तैयार करने की प्रक्रिया को लेकर पूरी तरह से अज्ञानता और वैचारिक दिवालियापन का पता चलता है।
सबसे महत्वपूर्ण कार्य को महत्वहीन बना रहे हैं- वड़िंग अमृंदर सिंह राजा वड़िंग ने मुख्यमंत्री भगवंत से मुखातिब होते हुए कहा कि पंजाब के लोगों ने आपको सरकार चलाने की ताकत और सत्ता दी है। बजट उन महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है।
आप ऐसी असंवैधानिक नौटंकियों के साथ राजनीतिक ड्रामेबाजी बन्द करें, जो किसी काम की नहीं है। जिन्होंने मुख्यमंत्री पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि वह नहीं जानते हैं कि यह सरकार या मुख्यमंत्री बजट तैयार करने को लेकर क्या सोचते हैं,
लेकिन इन्हें कोई बताए कि इसका अर्थ पास वाली दुकान से राशन खरीदना नहीं है। जो लोगों से वाह-वाह बटोरने के लिए सरकार के इस सबसे महत्वपूर्ण कार्य को महत्वहीन बना रहे हैं। पंजाब सरकार पर वडिंग ने साधा निशाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि बजट की तैयारी करना और उसे पेश करना।
भारतीय संविधान की धारा 202 के तहत एक संविधानिक जिम्मेदारी है। बाबा साहिब अंबेडकर के सविधान में बजट बनाने की प्रक्रिया का स्पष्ट तौर पर वर्णन किया गया है। जिन बाबा साहिब का आप अपने फायदे के लिए ज्यादातर जिक्र करते हो।
और उन्होंने हमें कभी नहीं कहा था कि आप बजट बनाने के लिए लोगों में जाएं। यह सिर्फ वित्तीय नीम हकीमी को दर्शाता है। AAP सियासी स्टंट कर रही है- वड़िंग वड़िंग ने मुख्यमंत्री से कहा कि आप इस काम को माहिरों के पास ही रहने दें,
जिनसे इसकी उम्मीद भी की जाती है। सरकार के चुनाव के साथ लोगों की जिम्मेदारी खत्म हो जाती है, जो बजट तैयार करने हेतु माहिरों की राय लेने के लिए अधिकृत है। यदि लोगों ने ही बजट बनाना है, तो सरकार यहां किस लिए है।
वड़िंग ने कहा कि यह आप सरकार की ओर से मात्र एक अन्य स्टंट है, जो वास्तव में कुछ नहीं फायदा देता। यहां तक की साल 2015 में दिल्ली में केजरीवाल ने भी यही स्टंट किया था ।
और वहां उसे लोगों द्वारा रद्द कर दिया गया था। अब पंजाब भी ये वही काम कर रहा है और इसके महान कदम होने का दावा किया जा रहा है।
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