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सरकारी बैंक छोड़ रहे सस्ते लोन देने की राह! अब ग्राहकों पर बढ़ेगा EMI का बोझ

महंगाई के बीच अब सस्ते लोन और ईएमआई का दौर खत्म होने वाला है। इसकी शुरुआत देश के सरकारी बैंकों ने कर दी है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने अपनी सीमांत लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) में 10 आधार अंक (बीपीएस) या 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।

इस कदम से कर्ज लेने वालों के लिए ईएमआई में वृद्धि होगी। एसबीआई की तरह बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी एमसीएलआर को 0.05 फीसदी बढ़ाया है। इसके साथ ही आने वाले दिनों में दूसरे बैंकों द्वारा भी उधारी दर में संशोधन किए जाने की संभावना है।

ये बढ़ोतरी ऐसे समय में आई है जब आगामी मौद्रिक नीति बैठक में आरबीआई के रेपो रेट बढ़ाए जाने की खबरें आ रही हैं। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक की इकोनॉमी रिसर्च टीम ने कहा है ।

कि आरबीआई जून में रेपो रेट में कम से कम 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी करेगा। ये सिलसिला अगस्त की बैठक में भी जारी रहने की आशंका है। मतलब ये कि रेपो रेट में लगातार दो बार बढ़ोतरी हो सकती है।

वर्तमान में रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर रखा है। लगातार 10वीं बार आरबीआई ने रेपो रेट में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है। अब महंगाई के माहौल में आरबीआई रेपो रेट बढ़ाने पर विचार कर सकता है। अगर ऐसा होता है तो बैंक लोन की ब्याज दरें बढ़ा सकते हैं।

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