छत्तीसगढ़

रायपुर : ​​​​​​​हर गोठान में हो गोबर की खरीदी: कृषि उत्पादन आयुक्त

मूंग, उड़द एवं अरहर की भी होगी समर्थन मूल्य पर खरीदी

अन्य फसलों की खेती के लिए बढ़ाया गया ऋण लिमिट 

रबी वर्ष 2021-22 की समीक्षा और खरीफ 2022 का कार्यक्रम निर्धारण

रायपुर / कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने कहा है कि हर गोठान मंे गोबर की खरीदी होनी चाहिए। गोधन न्याय योजना, किसानों एवं पशुपालकों की अतिरिक्त आमदनी का यह बढ़िया जरिया साबित हुई है।

उन्होंने निर्माणाधीन गोठानों को तेजी से पूर्ण कर वहां भी गोबर खरीदी करने को कहा है। डॉ. कमलप्रीत सिंह ने बताया कि अगले खरीफ वर्ष से राज्य में मूंग, उड़द एवं अरहर की भी समर्थन मूल्य पर राज्य सरकार द्वारा खरीदी की जायेगी।

डॉ. ंिसंह आज बिलासपुर जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में रबी वर्ष 2021-22 की प्रगति की समीक्षा एवं खरीफ वर्ष 2022 के कार्यक्रम निर्धारण के संबंध में बिलासपुर एवं सरगुजा संभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर उक्त आशय के निर्देश दिए।

कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने दिन भर आज यहां कृषि एवं इससे जुड़े विभिन्न विषयों की विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का फायदा धान के अलावा अन्य फसलों उत्पादक कृषकों को भी मिलेगा। इसके लिए उन्हें सरकारी खरीदी केन्द्रांे पर उपज का बेचा जाना जरूरी नहीं हैं।

वह निजी मार्केट में भी अपनी उपज बेचकर न्याय योजना का लाभ उठा सकता है। धान के अलावा अन्य फसलों पर किसान ध्यान दें, इसके लिए सहकारी बैंक से दिये जाने वाले ऋण की सीमा बढ़ा दी गई है।

उन्होंने आगामी सीजन के लिए अभी से किसानों को तैयार कर उनके अनुरूप ऋण वितरण करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. सिंह ने सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत गोठानों को और मजबूत करने को कहा है।

गोठान में कृषि विभाग की योजना के अंतर्गत फार्म मशीनरी बैंक भी स्थापित किया जा सकता है। गौठान समिति अपने इस्तेमाल के साथ किसानों को रियायती दर पर किराया देकर भी आमदनी अर्जित कर सकती है।

उन्होंने विभागीय सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के अंतर्गत लक्ष्यों की पूर्ति नहीं किये जाने पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस हितग्राही मूलक योजना के अंतर्गत स्प्रिंकलर, ड्रिप, पम्प आदि अनुदान पर उपलब्ध कराकर किसानों को अन्य लाभकारी फसल उगाने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।

उन्होंने रासायनिक खादों के अग्रिम उठाव पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि वितरित उर्वरक की प्रविष्टि तत्काल पॉश मशीन में किया जाना चाहिए। इसमें नियमित रूप से प्रविष्टि नहीं किये जाने पर पूरा स्टॉक दिखाई देता जिससे जरूरत पड़ने पर उर्वरक आवंटन नहीं मिलता है।

कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि गोठानों में वर्तमान में संग्रहित वर्मी कम्पोस्ट का उठाव इस महीने तक हो जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट की विक्री में अब दिक्कत नहीं आयेगी। किसानों को प्रति एकड़ एक बोरी के हिसाब से उपलब्ध कराया जायेगा।

जैविक खेती की ओर बढ़ने का यह अच्छा प्रयास होगा। उन्होंने वन विभाग द्वारा संचालित गोठान के सक्रिय नहीं होने पर असंतोष जताया। डॉ. सिंह ने बैठक में पशुधन विकास विभाग, उद्यानिकी विभाग, मछली पालन विभाग की योजनाओं की भी समीक्षा की।

उन्होंने इन गतिविधियों से जुड़े किसानों को केसीसी जारी करने में बैंकों द्वारा लगाई जा रही अड़चनों के निराकरण के लिए सभी कलेक्टरों को निर्देशित किया। कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि मछली पालन आमदनी बढ़ाने और रोजगार का अच्छा माध्यम है।

इसमें मार्केटिंग की दिक्कत नहीं होती। गांव में निस्तारी के लिए एक तालाब को छोड़कर सभी तालाबों को मछली पालन के लिए समूहों को आवंटित किया जाना चाहिए। उन्होंने उद्यान विभाग की समीक्षा में कहा कि वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को प्रोत्साहित करते हुए उत्पादों की बिक्री के लिए ब्राडिंग एवं उचित बाजार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जानी चाहिए।

बैठक में सचिव एवं प्रबंध संचालक गोधन न्याय मिशन डॉ. एस. भारतीदासन, बिलासपुर संभाग के कमिश्नर डॉ. संजय अलंग, सरगुजा कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र, संचालक कृषि डॉ. यशवंत कुमार, एमडी मार्कफेड श्रीमती किरण कौशल सहित दोनों संभाग के जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, कृषि, पशु चिकित्सा, उद्यान एवं मछली पालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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